100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

भारत के पारंपरिक आनुष्ठानिक रंगमंच

Lokesh Pal October 01, 2025 04:15 23 0

संदर्भ

भारत के आनुष्ठानिक रंगमंच पवित्र अनुष्ठानों को नाट्य प्रदर्शन के साथ मिश्रित करते हैं, जिसमें धार्मिक कथावाचन, सामुदायिक भागीदारी एवं सांस्कृतिक मूल्यों का संचरण शामिल होता है।

  • यूनेस्को ने ऐसी कई परंपराओं को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (Intangible Cultural Heritage- ICH) के रूप में मान्यता दी है, जो उनके वैश्विक महत्त्व तथा संरक्षण की आवश्यकता को रेखांकित करता है।

अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (Intangible Cultural Heritage- ICH) के बारे में

  • परिभाषा: अमूर्त सांस्कृतिक विरासत उन जीवंत परंपराओं, प्रथाओं, अभिव्यक्तियों, ज्ञान एवं कौशलों को संदर्भित करती है, जिन्हें समुदाय अपनी सांस्कृतिक विरासत के हिस्से के रूप में पहचानते हैं।

  • अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए यूनेस्को कन्वेंशन, वर्ष 2003 के तहत परिभाषित है।
  • क्षेत्र: इसके अंतर्गत कुल 5 क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जिसमे मौखिक परंपराएँ, प्रदर्शन कलाएँ, अनुष्ठान एवं उत्सव कार्यक्रम, प्रकृति तथा ब्रह्मांड का ज्ञान, पारंपरिक शिल्प कौशल।
  • भारत के अमूर्त सांस्कृतिक विरासत तत्व: वर्तमान में कुल 15 अमूर्त सांस्कृतिक विरासत को शामिल किया गया हैं, जिनमें कुटियाट्टम, मुडियेट्टु, रम्मन एवं रामलीला शामिल हैं।
    • बिहार की छठ पूजा को सितंबर 2025 में नामांकित किया गया है।

कुटियाट्टम (केरल) के बारे में

  • प्रकृति: संस्कृत नाट्य परंपरा, 2,000 वर्ष से भी अधिक पुरानी।
  • विशेषताएँ
    • संहिताबद्ध भाव (हस्त अभिनय), 40 दिनों तक चलने वाले विस्तृत अभिनय।
    • कुट्टंपलम (मंदिर थिएटर) में आनुष्ठानिक पवित्रता के साथ प्रस्तुत किया जाता है।
    • प्रशिक्षण: गुरु-शिष्य परंपरा के तहत 10-15 वर्षों का प्रशिक्षण।
    • संलयन: संस्कृत नाटक, अभिनय एवं संगीत का सम्मिश्रण।
  • विषय: दिव्य कथावाचन, पवित्र मंच, समुदाय-समर्थित कला।

मुदियेट्टु (केरल)

  • प्रकृति: काली एवं दारिका के युद्ध को दर्शाने वाला आनुष्ठानिक नृत्य-नाटक, जो प्रतिवर्ष फसल कटाई के बाद प्रदर्शित किया जाता है।
  • विशेषताएँ
    • भगवती कवु (मंदिर परिसर) में आयोजित।
    • कालमेझुथु (देवी की प्रतिमा का आनुष्ठानिक चित्रण) से आरंभ।
    • पूरा गाँव, सभी जातियों के लोग इसमें योगदान देते हैं (मुखौटे बनाना, वेशभूषा, अनुष्ठान भूमिकाएँ)।
    • सम्मिश्रण: नृत्य, संगीत, मुखौटे, नाटक, दृश्य कला।
    • प्रशिक्षुता निरंतरता सुनिश्चित करती है।

रम्माण (उत्तराखंड)

  • प्रकृति: भूमियाल देवता के सम्मान में सलूर-डुंगरा गाँवों का वार्षिक उत्सव।
  • विशेषताएँ
    • अनुष्ठानों, महाकाव्य पाठों, मुखौटा नृत्यों एवं मौखिक परंपराओं का संयोजन।
    • वाद्य यंत्र: ढोल, दमाऊ, मँजीरा, झाँझर, भंकोरा।
    • समुदाय आधारित भूमिकाएँ (पुजारी, मुखौटा निर्माता, ढोल वादक) पूरे गाँव की भागीदारी के साथ।
    • मौखिक प्रसारण निरंतरता बनाए रखता है।
    • संयोजन: रंगमंच, संगीत, नृत्य, मुखौटे, कथा सुनाना।

रामलीला (उत्तर भारत)

  • प्रकृति: रामायण का नाटकीय पुनरावर्तन, विशेष रूप से दशहरे के दौरान।
  • विशेषताएँ
    • तुलसीदास के रामचरितमानस पर आधारित।
    • मंदिर प्रांगण या सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शित।
    • समुदाय-संचालित: शौकिया कलाकार, स्थानीय निधि, बड़े पैमाने पर जनभागीदारी।
    • अवधि: 10-12 दिन, एक महीने तक (रामनगर, वाराणसी)।
    • संलयन: कथात्मक नाटक, संगीत, नृत्यकला, संवाद, वेशभूषा।

संस्थागत भूमिका: संगीत नाटक अकादमी

  • अधिकार: प्रदर्शन कलाओं के संरक्षण एवं संवर्द्धन हेतु शीर्ष निकाय (स्थापना वर्ष 1953)।
  • कार्य
    • दस्तावेजीकरण एवं अभिलेखन- दृश्य-श्रव्य अभिलेख, पांडुलिपियाँ, प्रकाशन।
    • प्रशिक्षण- गुरु-शिष्य परंपरा, कार्यशालाओं, शिविरों का समर्थन।
    • सम्मान- पुरस्कार (अकादमी पुरस्कार, फेलोशिप, उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ युवा पुरस्कार)।
    • शोध एवं प्रकाशन- पुस्तकें, पत्रिकाएँ, मोनोग्राफ।
    • उत्सव एवं प्रदर्शन- राष्ट्रीय नाट्य एवं नृत्य उत्सव।
    • यूनेस्को के साथ सहयोग- अनुष्ठान नाट्यों का नामांकन एवं संरक्षण।
    • कलाकार सहायता- छात्रवृति, अनुदान, अवसंरचना।

आनुष्ठानिक रंगमंचों का महत्त्व

  • दिव्य कथावाचन: महाकाव्यों, किंवदंतियों एवं देवताओं से ली गई कथाएँ।
  • पवित्र स्थान: मंदिरों, प्रांगणों या आनुष्ठानिक स्थलों में प्रस्तुतियाँ।
  • सामुदायिक भागीदारी: सामूहिक स्वामित्व, जाति/समुदाय की भूमिकाएँ।
  • संचरण: मौखिक, प्रदर्शनात्मक एवं प्रशिक्षुता-आधारित ज्ञान हस्तांतरण।
  • कलाओं का सम्मिश्रण: रंगमंच, नृत्य, संगीत, मौखिक साहित्य एवं शिल्प का सम्मिश्रण।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.