हाल ही में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में गाजा में तत्काल युद्धविराम के लिए प्रस्ताव लाया गया जिस पर भारत ने मतदान नहीं किया।
संबंधित तथ्य
प्रस्ताव का परिचय: पाकिस्तान ने इस्लामिक सहयोग संगठन की ओर से प्रस्ताव पेश किया था।
भारत द्वारा मतदान नहीं करना: यह निर्णय पिछले प्रस्तावों पर भारत के निरंतर रुख की तरह माना जा रहा है कि भारत ने युद्धविराम के पक्ष में मतदान नहीं किया, क्योंकि इसमें हमास की आलोचना नहीं की गई थी।
पिछले प्रस्ताव: फिलिस्तीनियों के विरुद्ध इजरायल के युद्ध-आचरण की निंदा करने और फिलिस्तीनी अधिकारों की वकालत करने वाले तीन अन्य प्रस्तावों के पक्ष में भारत ने मतदान किया था।
प्रस्ताव के खिलाफ देश:संयुक्त राज्य अमेरिका, जर्मनी और चार अन्य देशों ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया, जबकि भारत समेत 13 देशों ने इस प्रस्ताव पर मतदान नहीं करने का फैसला किया।
प्रस्ताव के पक्ष में देश: बांग्लादेश, चीन, मालदीव, संयुक्त अरब अमीरात, इंडोनेशिया समेत कई देशों ने युद्धविराम प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया।
भारत का समर्थन: भारत ने फिलिस्तीनी राष्ट्र, सीरियाई गोलान क्षेत्र में मानवाधिकार और इजरायली बस्तियों से संबंधित प्रस्तावों का समर्थन किया।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (United Nations Human Rights Council- UNHRC)
संगठन का प्रकार: यह परिषद एक अंतरसरकारी संगठन है, जिसका संचालन संयुक्त राष्ट्र द्वारा किया जाता है।
मुख्यालय और स्थापना: संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2006 में इसकी स्थापना की थी तथा इसका मुख्यालय जिनेवा में स्थित है।
संयुक्त राष्ट्र के सर्वोच्च मानवाधिकार अधिकारी को मानवाधिकार उच्चायुक्त (High Commissioner for Human Rights) कहा जाता है।
परिषद की बैठक: वैश्विक मानवाधिकार मुद्दों की जाँच के लिए वर्ष में तीन बार परिषद की बैठक होती है।
सदस्य देश: इस परिषद में 47 देश शामिल हैं, जो दुनिया भर में मानवाधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने के लिए जिम्मेदार हैं।
सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया: महासभा सदस्यों के द्वारा गुप्त मतदान के माध्यम से सीधे और व्यक्तिगत रूप से 47 सदस्यों का चुनाव किया जाता है।
समान प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने के लिए मानवाधिकार परिषद के उम्मीदवारों को भौगोलिक समूहों में चुना जाता है।
कार्यकाल: परिषद के सदस्य तीन वर्ष के लिए चुने जाते हैं तथा लगातार दो कार्यकाल के बाद तत्काल पुन: चुनाव के लिए अयोग्य हो जाते हैं।
UNHRC का प्राथमिक कार्य
निगरानी और रिपोर्ट प्रकाशित करना: यह संस्था दुनिया भर में मानवाधिकार स्थितियों की निगरानी करती है तथा कथित उल्लंघनों की जाँच करती है।
सार्वभौमिक आवधिक समीक्षा (Universal Periodic Review- UPR) एक विशेष प्रणाली है, जिसके माध्यम से संयुक्त राष्ट्र का सदस्य देश किसी अन्य देश के मानवाधिकार रिकॉर्ड की जाँच कर सकता है।
विशेष प्रक्रिया: विशिष्ट मानवाधिकार संबंधी विषयों पर जाँच और रिपोर्ट करने के लिए विशेष प्रतिवेदकों, स्वतंत्र विशेषज्ञों और कार्य समूहों का चयन UNHRC द्वारा किया जाता है।
इन विशेषज्ञों का कार्य तथ्यों की पड़ताल करना, जागरूकता बढ़ाना और मानवाधिकारों के उल्लंघन के संबंध में सिफारिशें पेश करना है।
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