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अंडरवाटर डोमेन अवेयरनेस

Lokesh Pal February 19, 2025 03:05 71 0

संदर्भ

भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच अंडरवॉटर डोमेन अवेयरनेस (Underwater Domain Awareness-UDA) में अपने सहयोग को बढ़ाने के लिए स्वायत्त प्रणाली उद्योग गठबंधन (Autonomous Systems Industry Alliance-ASIA) नामक एक नई पहल की घोषणा की गई है।

स्वायत्त प्रणाली उद्योग गठबंधन (ASIA) के बारे में 

  • आधार: गठबंधन की पहल रक्षा औद्योगिक सहयोग के लिए अमेरिका-भारत रोडमैप पर आधारित है, जिसमें विशेष रूप से स्वायत्त प्रणालियों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
  • उद्देश्य: गठबंधन ने वाणिज्यिक आधार पर भारत में सह-उत्पादन और सह-विकास के लिए UDA प्रौद्योगिकियों की एक शृंखला की पहचान की है और इसका उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में उद्योग साझेदारी एवं उत्पादन को बढ़ाना है।
    • भारत पहला देश है, जिसके साथ अमेरिकी रक्षा उद्योग इन संवेदनशील प्रौद्योगिकियों पर कार्य करेगा। 
  • आवश्यकता: हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी नौसेना के तेजी से विस्तार और बढ़ती उपस्थिति ने मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस, विशेष रूप से, अंडरवाटर डोमेन अवेयरनेस बढ़ाने की माँग की है।
  • प्रौद्योगिकियाँ शामिल हैं:-
    • थायर महान (Thayer Mahan) द्वारा निर्मित सोनार ध्वनिक सरणी (Sonar Acoustic Array) के साथ सी पिकेट (Sea Picket) स्वायत्त निगरानी प्रणाली।
    • वेव ग्लाइडर अनमैंड सरफेस व्हीकल सिस्टम
      • बोइंग के लिक्विड रोबोटिक्स और सागर डिफेंस इंजीनियरिंग भारत में 60 वेव ग्लाइडर प्लेटफॉर्मों के सह-उत्पादन के लिए वार्ता कर रहे हैं।
    • लो फ्रीक्वेंसी एक्टिव टोड सोनार (Low Frequency Active Towed Sonar)
      • L3 हैरिस और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स सक्रिय टोड ऐरे प्रणालियों के सह-विकास पर सहयोग करेंगे।
    • मल्टीस्टेटिक एक्टिव (Multistatic Active-MSA) सोनोबॉय: यह एक उच्च स्तरीय तकनीक है, जिसका उपयोग गहरे समुद्रों और महासागरों में पनडुब्बियों को ट्रैक करने के लिए किया जा सकता है।
      • अल्ट्रा मैरीटाइम के सोनोबॉय का उत्पादन भारत में सार्वजनिक रक्षा क्षेत्र के उपक्रम भारत डायनेमिक्स लिमिटेड के साथ साझेदारी में किया जाएगा।
    • एंड्रूइल (Andruil) द्वारा निर्मित बड़े व्यास वाले स्वायत्त अंडरसी वाहन
      • एंड्रूइल इंडस्ट्रीज और महिंद्रा ग्रुप ने उन्नत स्वायत्त प्रौद्योगिकियों पर साझेदारी की घोषणा की है।
    • ट्राइटन स्वायत्त अंडरवाटर और समुद्री जल की सतह के वाहन ओशन एयरो द्वारा निर्मित किए जाएँगे।

संबंधित तथ्य

  • संयुक्त वक्तव्य: दोनों देशों द्वारा अंतरिक्ष, वायु रक्षा, मिसाइल, समुद्री और समुद्री प्रौद्योगिकियों में रक्षा प्रौद्योगिकी सहयोग को बढ़ाने का संकल्प लिया गया है।
    • अमेरिका ने भारत को पाँचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान और समुद्री प्रणालियाँ जारी करने की अपनी नीति की समीक्षा की घोषणा की है।

अंडरवाटर डोमेन अवेयरनेस (UDA) के बारे में

  • अंडरवाटर डोमेन अवेयरनेस (UDA) मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस के व्यापक ढाँचे का हिस्सा है, जो समुद्री क्षेत्रों और मीठे जल की प्रणालियों के अंडरवाटर क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करता है।
  • घटक: UDA एक अवधारणा के रूप में सभी चार हितधारकों को एकीकृत करता है, क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षित, संरक्षित, सतत् विकास सुनिश्चित करने के प्रयासों को समन्वित करता है।
    • सुरक्षा तंत्र: संचार की समुद्री लाइनों (Sea Lines of Communication-SLOC), तटीय जल और विविध समुद्री संपत्तियों की रक्षा के लिए पनडुब्बियों और खनन क्षमताओं के प्रसार के विरुद्ध, जिसका उद्देश्य समुद्र और तटीय जल तक पहुँच को सीमित करना है।
    • ब्लू इकोनॉमिक इकाइयाँ: सतत् एवं कुशल अन्वेषण और दोहन के लिए जल के नीचे के संसाधनों (मत्स्यपालन, जलीय कृषि, समुद्री शैवाल, फार्मा सामग्री, खनिज आदि) की उपलब्धता पर सटीक जानकारी प्राप्त करना।
    • पर्यावरण नियामक एवं आपदा प्रबंधन: वाणिज्यिक समुद्री गतिविधियों के कारण आवास क्षरण और प्रजातियों की भेद्यता का सटीक अनुमान और किसी भी संरक्षण पहल के लिए पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिति तथा जलवायु परिवर्तन जोखिम का आकलन करना।
    • अनुसंधान एवं विकास: पृथ्वी के जल के नीचे की भू-भौतिकीय गतिविधियों की निगरानी करना।

चुनौतियाँ

  • संसाधनों की कमी: UDA प्रौद्योगिकियों को स्थापित करने के लिए प्रभावी निगरानी करने हेतु अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी, धन और पेशेवर कर्मियों जैसे संसाधनों की आवश्यकता होगी।
  • विशाल तटीय क्षेत्र: भारत की तटरेखा 7,500 किलोमीटर से अधिक लंबी है और एक विस्तृत विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) है, जो इस तरह की विशाल समुद्री सीमाओं की निगरानी के कार्य को कठिन बनाता है।
  • आत्मनिर्भरता: भारत जल के भीतर निगरानी उपकरणों के लिए विदेशी प्रौद्योगिकी पर निर्भर है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा, महंगी रक्षा खरीद, संचालन, रखरखाव और पुनर्चक्रण के लिए समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है।
  • कठिन निगरानी: मौसमी मानसून और जल के भीतर की स्थलाकृति जैसे प्राकृतिक कारक निगरानी गतिविधियों को जटिल बना सकते हैं और समुद्री सुरक्षा के लिए जिम्मेदार एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी सहयोग दक्षता को बाधित करती है।
  • पर्यावरणीय समस्याएँ: जल के भीतर वाहनों एवं सोनार की बढ़ती उपस्थिति जल के भीतर की प्रजातियों के आवास को विखंडित करेगी।

भारत के लिए अवसर

  • परिस्थितिजन्य जागरूकता का निर्माण: उन्नत UDA सिस्टम की तैनाती से क्षेत्र में परिस्थितिजन्य जागरूकता बढ़ेगी, जिससे समुद्री मुद्दों का सक्रिय रूप से प्रबंधन करने और जल के भीतर संभावित खतरों या घटनाओं का प्रारंभिक चरण में पता लगाकर संघर्षों को रोकने में मदद मिलेगी।

  • समुद्री कूटनीति क्षमताएँ: भारत सूचना साझा करने और अन्य विश्वास-निर्माण उपायों के माध्यम से समुद्र में अन्य देशों के साथ सुरक्षा साझेदारी कर सकता है, जिससे घनिष्ठ राजनयिक संबंध विकसित होंगे।
  • सामूहिक प्रतिक्रियाएँ: क्षेत्र में पर्यावरण क्षरण, जासूसी, संसाधन अन्वेषण आदि जैसी आम समुद्री चुनौतियों का सामना करने के लिए सहयोग किया जा सकता है।
  • नौवहन की स्वतंत्रता: भारत उन्नत UDA क्षमताओं का उपयोग करके महत्त्वपूर्ण जलमार्गों को सुरक्षित करने और वाणिज्यिक शिपिंग लेन को खतरों से बचाने में मदद कर सकता है।
  • समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा: भारत राजनयिक चैनलों के माध्यम से समुद्री प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों और जैव विविधता संरक्षण से निपटने के लिए UDA का उपयोग कर सकता है।
  • खोज एवं बचाव (SAR): UDA समुद्र में खोज एवं बचाव एजेंसियों के बीच अधिक कुशल अंतर-एजेंसी समन्वय और सहयोग की सुविधा प्रदान करेगा, जिसके परिणामस्वरूप भारत कठिन समय में पड़ोसी राष्ट्रों को तत्काल सहायता प्रदान करने में सक्षम होगा।

निष्कर्ष

भारत को UDA प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग करने की आवश्यकता है और साथ ही संसाधनों की कमी जैसे मुद्दों पर नियंत्रण पाने एवं खतरे का पता लगाने और प्रतिक्रिया क्षमता बढ़ाने के लिए अपनी स्वदेशी क्षमता का निर्माण करना चाहिए।

  • भारत को एक मजबूत समुद्री सुरक्षा प्रणाली की गारंटी देने, क्षेत्रीय स्थिरता का समर्थन करने और एक जिम्मेदार समुद्री हितधारक के रूप में अपनी स्थिति को बनाए रखने के लिए एक व्यापक UDA रणनीति में सभी हितधारकों को शामिल करने की आवश्यकता है।

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