हाल ही में आइवरी कोस्ट संयुक्त राष्ट्र वाटर कन्वेंशन (UN Water Convention) पर हस्ताक्षर करने वाला 10वाँ अफ्रीकी देश बन गया।
UNECE वाटर कन्वेंशन
परिचय: ट्रांसबाउंड्री जलमार्गों और अंतरराष्ट्रीय झीलों के संरक्षण एवं उपयोग पर कन्वेंशन (Convention on the Protection and Use of Transboundary Watercourses and International Lakes) अर्थात् वाटर कन्वेंशन (Water Convention) एक अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण समझौता है और यूरोप के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक आयोग (UNECE) द्वारा की गई पाँच पर्यावरण संधियों में से एक है।
इसे वर्ष 1992 में हेलसिंकी (Helsinki) में अपनाया गया तथा वर्ष 1996 में यह प्रभावी हुआ।
पक्षकारों के लिए आवश्यकताएँ: पक्षकारों को सीमापारीय प्रभाव को रोकना, नियंत्रित करना और कम करना होगा, सीमापारीय जल का उचित एवं न्यायसंगत उपयोग करना होगा, तथा उनका स्थायी प्रबंधन सुनिश्चित करना होगा।
सहयोग: सीमापार जल साझा करने वाले पक्षों को विशिष्ट समझौते करके और संयुक्त निकाय स्थापित करके सहयोग करना चाहिए।
फ्रेमवर्क एग्रीमेंट (Framework Agreement): यह कन्वेंशन विशिष्ट बेसिनों या जलभृतों के लिए द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय समझौतों का स्थान नहीं लेता है, बल्कि उनकी स्थापना, कार्यान्वयन एवं आगे के विकास को प्रोत्साहित करता है।
महत्त्व: ‘वाटर कन्वेंशन’ सतत् विकास के लिए ‘2030 एजेंडा’ और इसके सतत् विकास लक्ष्यों की प्राप्ति को बढ़ावा देने और क्रियान्वित करने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण है।
यह लक्ष्य 6.5 के कार्यान्वयन का प्रत्यक्ष समर्थन करता है, जिसमें सभी देशों से अनुरोध किया गया है कि वे समुचित रूप से सीमापार सहयोग सहित एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन को लागू करें।
यह कन्वेंशन और इसकी कार्ययोजना अन्य सतत् विकास लक्ष्यों के लिए भी प्रासंगिक है।
विस्तार: इस कन्वेंशन पर मूल रूप से पैन-यूरोपीय क्षेत्र के लिए एक क्षेत्रीय ढाँचे के रूप में बातचीत की गई थी। संशोधन प्रक्रिया के बाद, मार्च 2016 से सभी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देश इसमें शामिल हो सकते हैं।
यूरोप के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक आयोग (United Nations Economic Commission for Europe- UNECE)
परिचय: इसकी स्थापना 28 मार्च, 1947 को हुई थी और यह संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पाँच क्षेत्रीय आयोगों में से एक है।
इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में स्थित है।
उद्देश्य: अपने सदस्य देशों के बीच आर्थिक सहयोग और एकीकरण को बढ़ावा देना।
सदस्य: आयोग में 56 सदस्य देश शामिल हैं, जिनमें मुख्य रूप से यूरोप के देश शामिल हैं, और कई देश इस क्षेत्र से बाहर के भी हैं। इसके अंतरमहाद्वीपीय यूरेशियन और गैर-यूरोपीय सदस्यों में आर्मेनिया, अजरबैजान, कनाडा, जॉर्जिया, इजरायल, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, रूसी संघ, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, अमेरिका और उज्बेकिस्तान शामिल हैं।
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