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Lokesh Pal
August 22, 2024 05:16
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हाल ही में मेघालय में एक दो वर्षीय बच्चे के पोलियो पॉजिटिव पाए जाने की खबर ने चिंता पैदा कर दी है।
केंद्रीय मंत्रालय ने कहा कि यह मामला वैक्सीन से जुड़ा है और इसे लेकर ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है। यह वाइल्ड पोलियोवायरस का मामला नहीं है, बल्कि एक ऐसा संक्रमण है, जो कम प्रतिरक्षा वाले कुछ लोगों में होता है।
यह एक दुर्लभ स्थिति है, जो तब होती है, जब ‘ओरल पोलियो वैक्सीन’ (OPV) में प्रयुक्त पोलियो वायरस का कमजोर (जिसे क्षीण भी कहा जाता है) प्रकार उत्परिवर्तित हो जाता है और पक्षाघात उत्पन्न करने की क्षमता पुनः प्राप्त कर लेता है।
पोलियोवायरस एंटरोवायरस हैं, जो मुख्य रूप से मल या मुख मार्ग से फैलते हैं।
पोलियो वायरस के लिए पहला सफल पोलियो टीका 1950 के दशक के प्रारंभ में जोनास साल्क द्वारा बनाया गया था।
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