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विवेकानंद रॉक मेमोरियल

Lokesh Pal June 01, 2024 04:36 178 0

संदर्भ

हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा तमिलनाडु के कन्याकुमारी में विवेकानंद रॉक मेमोरियल (Vivekananda Rock Memorial) की यात्रा की गई।

विवेकानंद रॉक मेमोरियल के बारे में

  • विवेकानंद रॉक मेमोरियल समुद्र में एक चट्टान पर स्थित है।
  • स्थान: कन्याकुमारी, तमिलनाडु (भारत)।
  • स्थापत्य शैली: भारतीय रॉक-कट और कैथेड्रल शैली में निर्मित किया गया है। 
  • यह स्मारक वर्ष 1970 में स्वामी विवेकानंद के सम्मान में निर्मित किया गया था।
    • इस परिसर में स्वामी विवेकानंद की आदमकद कांस्य प्रतिमा भी स्थित है।
  • संरचनाएँ और विशेषताएँ
    • विवेकानंद मंडपम् (Vivekananda Mandapam): यह स्मारक की प्राथमिक संरचनाओं में से एक है।
    • श्रीपाद मंडपम् (Shripada Mandapam): यह स्मारक की दूसरी मुख्य संरचना है।

स्वामी विवेकानंद

  • उनका जन्म वर्ष 1863 में कलकत्ता (अब कोलकाता) के एक बंगाली परिवार में हुआ था इनके बचपन का नाम नरेंद्रनाथ दत्त था।
  • उन्हें ‘आधुनिक भारतीय राष्ट्रवाद का जनक’ (Father of Modern Indian Nationalism) माना जाता है।
  • प्रसिद्ध: उन्हें पश्चिमी दुनिया में वेदांत और योग का प्रचार प्रसार एवं हिंदू धर्म को एक प्रमुख वैश्विक धर्म के रूप में प्रचारित करने के लिए जाना जाता है।
  • स्थापना
    • न्यूयॉर्क की वेदांत सोसायटी (Vedanta Society)।
    • सैन फ्राँसिस्को की वेदांत सोसायटी, जिसने पश्चिम में वेदांत सोसायटी की नींव रखी।
  • वह एक रहस्यवादी संत रामकृष्ण के शिष्य थे।
  • 12 जनवरी (जन्म दिवस) को भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।

    • ध्यान मंडपम्: आगंतुकों के ध्यान करने के लिए इस स्मारक से जुड़ा एक ध्यान कक्ष भी है।
      • इसमें विभिन्न भारतीय मंदिरों की स्थापत्य शैली का समावेश है।
    • परिवेश: यहाँ चट्टानें लक्षद्वीप सागर से घिरी हुई हैं, जहाँ बंगाल की खाड़ी, हिंद महासागर और अरब सागर मिलते हैं।

कन्याकुमारी

  • स्थान: कन्याकुमारी भारतीय मुख्य भूमि का सबसे दक्षिणी बिंदु है।
  • महासागरों का संगम: यह तीन प्रमुख महासागरों का मिलन बिंदु है:
    • बंगाल की खाड़ी
    • अरब सागर
    • हिंद महासागर

ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्त्व

  • स्वामी विवेकानंद: किंवदंतियों के अनुसार, स्वामी विवेकानंद समुद्र के किनारे तैरकर चट्टान पर पहुँचे, जहाँ उन्होंने तीन दिन और रात तक ध्यान किया एवं ज्ञान प्राप्त किया।
    • यह घटना उनके वर्ष 1892 के ‘कन्याकुमारी संकल्प’ से संबंधित है।
  • देवी कन्याकुमारी: यह चट्टान देवी कन्याकुमारी (पार्वती) की कथा से भी जुड़ी हुई है।
    • ऐसा माना जाता है कि देवी पार्वती ने इस चट्टान पर भगवान शिव की भक्ति में तप (ध्यान) किया था।
      • माना यह जाता है कि चट्टान पर एक विशिष्ट क्षेत्र में देवी के पैरों की छाप है।

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