सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) ने भारत निर्वाचन आयोग (EC) के अनुरोध पर राजनीतिक दलों के चार पोस्ट हटा दिए।
आदर्श आचार संहिता (MCC)
MCC, देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की गारंटी के लिए ‘निर्वाचन आयोग’ द्वारा लागू नियमों का एक समूह है।
मतदान की तारीखों की घोषणा होते ही MCC प्रभावी हो जाता है।
संबंधित तथ्य
MCC का उल्लंघन: EC के अनुसार, विचाराधीन पोस्ट ने आदर्श आचार संहिता (MCC) का उल्लंघन किया और इन पोस्ट को हटाने की जिम्मेदारी एक्स की थी, क्योंकि वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के लिए ‘स्वैच्छिक आचार संहिता’ से सहमत था।
पोस्ट हटाने के आदेश के लिए चुनाव आयोग द्वारा उद्धृत नियम: निर्वाचन आयोग ने असत्यापित आरोपों के आधार पर राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की आलोचना एवं उनके निजी जीवन की आलोचना के विरुद्ध MCC के प्रावधानों का हवाला दिया।
निर्वाचन आयोग ने अपनी सलाह का भी हवाला दिया, जिसमें उसने राजनीतिक दलों को MCC का पालन करने और लोकसभा अभियान के दौरान शिष्टाचार बनाए रखने की चेतावनी दी थी।
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (RPA), 1951: इसमें निम्नलिखित प्रावधान हैं:
संसद के सदनों और प्रत्येक राज्य के विधानमंडल के सदनों या सदनों के चुनाव के संचालन की पद्धति।
उन सदनों की सदस्यता के लिए योग्यताएँ एवं अयोग्यताएँ।
ऐसे चुनावों में या उनके संबंध में भ्रष्ट आचरण और अन्य अपराध।
चुनाव के संबंध में या उससे उत्पन्न शंकाओं एवं विवादों पर निर्णय।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के लिए स्वैच्छिक आचार संहिता का उद्भव
RPA, 1951 में संशोधन: जनवरी 2019 में, उप चुनाव आयुक्त उमेश सिन्हा के नेतृत्व वाली एक समिति ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (RPA), 1951 में संशोधन का प्रस्ताव रखा।
इन संशोधनों का उद्देश्य मतदान से पहले 48 घंटे की अवधि के दौरान सोशल मीडिया पोस्ट को कवर करना था, जिसके दौरान पारंपरिक प्रचार निषिद्ध है।
RPA, 1951 लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों के संचालन को नियंत्रित करता है।
निर्वाचन आयोग को आचार संहिता की प्रस्तुति: मार्च 2019 में ‘इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के सहयोग से चुनाव आयोग को आचार संहिता प्रस्तुत की।
यह संहिता शुरुआत में लोकसभा चुनावों के बाद प्रस्तुत की गई थी, बाद में इसे भविष्य के सभी चुनावों के लिए बढ़ा दिया गया।
स्वैच्छिक आचार संहिता
परिचय: इसके तहत, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चुनावी कानूनों सहित चुनावों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए स्वेच्छा से सूचना, शिक्षा और संचार अभियान संचालित किए जाएँगे।
शिकायत निवारण के लिए प्रावधान: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों ने चुनाव आयोग द्वारा रिपोर्ट किए गए मामलों पर कार्रवाई करने के लिए एक उच्च प्राथमिकता वाला समर्पित शिकायत निवारण चैनल बनाया।
EC द्वारा कानूनी आदेशों का समय पर प्रसंस्करण: RPA, 1951 की धारा 126 के तहत रिपोर्ट किए गए उल्लंघनों के लिए EC के वैध कानूनी आदेशों को तीन घंटे के भीतर स्वीकार किया जाएगा और/या संसाधित किया जाएगा तथा अन्य वैध कानूनी अनुरोधों पर शीघ्रतापूर्वक कार्रवाई की जाएगी।
धारा 126 मतदान से पहले 48 घंटों में चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध को संदर्भित करती है।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान, चुनाव आयोग के अनुरोध पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों द्वारा लगभग 900 पोस्ट हटा दिए गए थे।
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