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Lokesh Pal August 10, 2024 03:00 1551 0
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को संसद की संयुक्त समिति को भेजा गया है। इस विधेयक में वर्ष 1995 के वक्फ अधिनियम में संशोधन करने का प्रस्ताव है, जिसमें वक्फ के संचालन एवं विनियमन के तरीके में व्यापक बदलाव का प्रस्ताव है।
वक्फ एक निजी संपत्ति है, जो मुसलमानों द्वारा किसी विशिष्ट उद्देश्य (धार्मिक, धर्मार्थ या निजी उद्देश्य के लिए) के लिए दी जाती है।
भारत में वक्फ संपत्तियाँ वक्फ अधिनियम, 1995 द्वारा शासित होती हैं।
वक्फ बोर्ड राज्य सरकार के अधीन एक निकाय है, जो राज्य भर में वक्फ संपत्तियों के संरक्षक के रूप में कार्य करता है।
विधेयक का उद्देश्य वक्फ कानून के मौजूदा ढाँचे में व्यापक बदलाव करना है। प्रस्तावित संशोधन वक्फ को संचालित करने की शक्ति बोर्ड और ट्रिब्यूनल से हटाकर राज्य सरकारों को सौंपता है, जो कि मुख्य रूप से मुस्लिम समुदाय द्वारा संचालित होते हैं।
यह विधेयक एक ऐसी संस्था में पारदर्शिता लाने के बारे में है, जो पूजा स्थल नहीं है। वक्फ बोर्ड कानून द्वारा बनाया गया है और अगर यह खराब होने लगे तो सरकार को पारदर्शिता लाने का अधिकार है।
वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक 2024 कई बदलाव लाएगा, जिसका उद्देश्य भारत में शासन को बेहतर बनाना और पारदर्शिता बढ़ाना है। वर्ष 1995 के मौजूदा वक्फ अधिनियम में प्रमुख मुद्दों को संबोधित करके, विधेयक महत्त्वपूर्ण प्रशासनिक सुधार लाने और वक्फ परिसंपत्तियों के अधिक समावेशी और कुशल प्रबंधन को सुनिश्चित करने का प्रयास करता है।
विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा निम्नलिखित चुनौतियाँ उठाई गई हैं:
वक्फ एक वैधानिक निकाय है और संशोधनों का उद्देश्य इसके कामकाज, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाना है। विधेयक के पारित होने से भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन पर गहरा प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि उनका उपयोग उनके इच्छित उद्देश्यों के लिए किया जाए और बड़े पैमाने पर समुदाय को लाभ हो।
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