100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

एंटीबायोटिक की कमी पर WHO-GARDP की रिपोर्ट

Lokesh Pal December 23, 2024 02:32 7 0

संदर्भ

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और ‘वैश्विक एंटीबायोटिक अनुसंधान एवं विकास साझेदारी’ (Global Antibiotic Research and Development Partnership- GARDP) ने ‘निम्न और मध्यम आय वाले देशों में एंटीबायोटिक की कमी को दूर करने के लिए नीति और नियामक हस्तक्षेप’ शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की।

संबंधित तथ्य 

  • रिपोर्ट में एंटीबायोटिक की कमी को दूर करने के लिए वैश्विक, राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय उपायों की जाँच की गई है, जिसमें निम्न और मध्यम आय वाले देशों (Low and Middle Income Countries- LMIC) पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
  • यह अध्ययन SECURE पहल के अंतर्गत किया गया था, जिसका उद्देश्य गुणवत्ता-आश्वासन वाले एंटीबायोटिक्स तक न्यायसंगत और सतत् पहुँच सुनिश्चित करना है।

वैश्विक एंटीबायोटिक अनुसंधान एवं विकास साझेदारी (GARDP)

  • यह एक ऐसा संगठन है, जो दवा प्रतिरोधी संक्रमणों से निपटने के लिए नए उपचार विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करता है, साथ ही उनके जिम्मेदार उपयोग एवं सतत् पहुँच को सुनिश्चित करता है।

एंटीबायोटिक की कमी 

  • WHO एंटीबायोटिक की कमी को एक ऐसे परिदृश्य के रूप में परिभाषित करता है, जिसमें ‘स्वास्थ्य प्रणाली द्वारा आवश्यक के रूप में पहचानी गई अनुमोदित और विपणन की गई दवाओं, स्वास्थ्य उत्पादों और टीकों की आपूर्ति सार्वजनिक स्वास्थ्य और रोगी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपर्याप्त है’
  • स्टॉक-आउट: सेवा वितरण के बिंदु पर एंटीबायोटिक दवाओं की पूर्ण अनुपस्थिति।

एंटीबायोटिक की कमी में योगदान देने वाले कारक

  • वैश्विक स्तर: कमजोर आपूर्ति शृंखलाएँ और सीमित विनिर्माता।
  • राष्ट्रीय स्तर: उच्च कीमतें, जिससे एंटीबायोटिक्स रोगियों और स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों के लिए दुर्गम हो जाती हैं।
    • निर्माताओं के लिए पूर्वानुमानित माँग-निगरानी प्रणालियों का अभाव।
  • उपराष्ट्रीय स्तर: खराब बुनियादी ढाँचे, अकुशल वितरण और कमजोर परिवहन नेटवर्क के कारण स्टॉक आउट की समस्या उत्पन्न होती है।

LMIC के लिए विशिष्ट चुनौतियाँ

  • LMIC में, अधिकांश राष्ट्रीय विनियामक प्राधिकरणों (National Regulatory Authorities-NRA) के पास कमी को दूर करने के लिए अधिदेश नहीं है।
  • उच्च विपणन लागत, कम लाभप्रदता या विनियामक बाधाओं के कारण एंटीबायोटिक्स अक्सर अनुपलब्ध होते हैं।
  • नकली एंटीबायोटिक्स का प्रचलन पहुँच को और जटिल बनाता है।

वैश्विक असमानताएँ

  • नए एंटीबायोटिक्स प्रायः व्यापारिक हितों के कारण केवल अमीर देशों में ही प्रस्तुत किए जाते हैं, जिससे LMIC को लाभ नहीं मिल पाता है।
  • ‘स्टॉक-आउट’ अमीर देशों में भी अधिक होता जा रहा है क्योंकि लाभप्रदता की कमी के कारण एंटीबायोटिक्स को बाजार से हटा दिया जाता है।

एंटीबायोटिक की कमी के निहितार्थ

  • रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR)
    • देरी से या बाधित उपचार बैक्टीरिया को अनुकूलन करने और प्रतिरोध विकसित करने की अनुमति देता है।
    • कमी के कारण घटिया या नकली एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग उपचार विफलताओं एवं प्रतिरोध को बढ़ावा देता है।
    • व्यापक स्पेक्ट्रम एंटीबायोटिक दवाओं पर बढ़ती निर्भरता अनावश्यक चयनात्मक दबाव लागू करके प्रतिरोध को बढ़ाती है।

व्यापक निहितार्थ

  • स्वास्थ्य सेवा प्रणालियाँ: एंटीबायोटिक की कमी स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों की प्रभावशीलता को खतरे में डालती है और AMR के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ाती है।
  • वैश्विक समानता: कमी का अनुमान लगाने और उसका प्रबंधन करने के लिए LMIC क्षमताओं को मजबूत करना न्यायसंगत पहुँच प्राप्त करने के लिए महत्त्वपूर्ण है।
  • तात्कालिकता: सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा और AMR के आर्थिक और सामाजिक बोझ को कम करने के लिए कमी को संबोधित करना आवश्यक है।

एंटीबायोटिक की कमी को दूर करने के लिए सिफारिशें

रिपोर्ट में पाँच प्रमुख रणनीतियों की पहचान की गई है:

  1. तीव्र कमी के लिए लचीलापन बढ़ाना: अस्थायी आयात की अनुमति देना और कमी के दौरान समाप्ति तिथियों को सुरक्षित रूप से बढ़ाना।
  2. सोर्सिंग को मजबूत करना: कई आपूर्तिकर्ताओं, स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करना और कमी का अनुमान लगाने के लिए बफर स्टॉक बनाए रखना।
  3. दृश्यता बढ़ाना: संभावित और मौजूदा कमी के बारे में जानकारी साझा करना और देश के भीतर एंटीबायोटिक दवाओं की आवाजाही का मानचित्रण करना।
  4. सहयोग को संस्थागत बनाना: आपातकालीन योजनाएँ विकसित करना और भविष्य की कमी से निपटने के लिए सहयोगी ढाँचे का निर्माण करना।
  5. बुनियादी प्रणालियों को मजबूत करना: गुणवत्ता नियंत्रण, प्रवर्तन और अनुमोदन प्रक्रियाओं जैसे मुख्य नियामक कार्यों में सुधार करना।

निष्कर्ष

WHO-GARDP रिपोर्ट एंटीबायोटिक की कमी को प्रबंधित करने के लिए एकीकृत, सक्रिय उपायों की महत्त्वपूर्ण आवश्यकता को रेखांकित करती है। अनुशंसित रणनीतियों के संयोजन को अपनाकर, विभिन्न देश AMR से निपटने में सक्षम लचीली स्वास्थ्य सेवा प्रणाली का निर्माण कर सकते हैं और जीवन रक्षक एंटीबायोटिक दवाओं तक स्थायी पहुँच सुनिश्चित कर सकते हैं।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.