हाल ही में जनवरी एवं मार्च 2024 के बीच, पूरे यूरोप में काली खाँसी (Whooping Cough) के लगभग 32,000 मामले सामने आए।
काली खाँसी (Whooping Cough)
परिचय: बोर्डेटेला पर्टुसिस (Bordetella Pertussis) बैक्टीरिया के कारण होने वाली काली खाँसी, श्वसन प्रणाली को प्रभावित करती है। कभी-कभी एक विशिष्ट ‘हूपिंग’ ध्वनि के साथ इसे गंभीर खाँसी के रूप में पहचाना जाता है।
यह शिशुओं के लिए विशेष रूप से खतरनाक है एवं इससे निमोनिया जैसी जटिलताएँ हो सकती हैं और कुछ मामलों में मृत्यु भी हो सकती है।
संचरण: जब संक्रमण से ग्रस्त कोई व्यक्ति खाँसता या छींकता है तो बैक्टीरिया श्वसन बूँदों के माध्यम से फैलता है। यह गले के आंतरीक भाग से चिपक जाता है और विषाक्त पदार्थों को छोड़ता है, जो छोटे बाल जैसी संरचनाओं को नुकसान पहुँचाते हैं जो अवशेष एवं बलगम को साफ करते हैं।
इससे श्वसन मार्ग में सूजन आ जाती है, जिसके परिणामस्वरूप गंभीर खाँसी के स्थिति उत्पन्न हो जाती है एवं साँस लेने में समस्या होती है।
लक्षण: काली खाँसी की शुरुआत सर्दी जैसे लक्षणों के साथ होती है, जिसमें हल्का बुखार होता है, फिर एक अनोखी ‘हूप’ ध्वनि के साथ गंभीर खाँसी होती है।
खाँसी की शुरुआत होने से उल्टी हो सकती है और शिशुओं एवं छोटे बच्चों को नींद के दौरान साँस लेने में परेशानी हो सकती है।
निदान: काली खाँसी की पहचान नैदानिक लक्षणों, चिकित्सा पृष्ठभूमि एवं विशिष्ट परीक्षणों पर निर्भर करती है:-
नेजोफैरिंगजियल स्वैब (Nasopharyngeal Swab): यह PCR परीक्षण के लिए श्वसन स्राव एकत्र करता है।
रक्त परीक्षण: ये बोर्डेटेला पर्टुसिस के विरुद्ध एंटीबॉडी का पता लगाते हैं।
उपचार: जटिलताओं को रोकने एवं लक्षणों को कम करने के लिए शीघ्र उपचार महत्त्वपूर्ण है।
डॉक्टर अक्सर संक्रमित व्यक्तियों को एजिथ्रोमाइसिन (Azithromycin), एरिथ्रोमाइसिन (Erythromycin) या क्लैरिथ्रोमाइसिन (Clarithromycin) जैसे एंटीबायोटिक्स का सुझाव देते हैं। यह बीमारी की अवधि और संचरण को कम करने में मदद करता है।
सहायक देखभाल में हाइड्रेटेड रहना, आराम करना और निमोनिया या निर्जलीकरण जैसी जटिलताओं पर नजर रखना शामिल हो सकता है।
रोकथाम के उपाय: टीकाकरण काली खाँसी के विरुद्ध सबसे प्रभावी सुरक्षा उपाय है। बच्चों के लिए DTaP (डिप्थीरिया, टिटनेस और पर्टुसिस) और TDaP जैसे टीकों की सलाह दी जाती है।
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