हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation-WHO) ने अपनी ‘रोगजनक प्राथमिकता’ (Pathogens Prioritization) रिपोर्ट जारी की है।
यह रिपोर्ट महामारी और सर्वव्यापी महामारी अनुसंधान तैयारियों के लिए एक रूपरेखा है।
नमूना आकार (Sample Size:): इस अनुसंधान में 54 देशों के 200 से अधिक वैज्ञानिक शामिल थे, जिन्होंने 28 वायरल परिवारों और बैक्टीरिया के एक मुख्य समूह से संबंधित साक्ष्य का मूल्यांकन किया, जिसमें 1,652 रोगजनक शामिल थे।
अंतिम सूची: इसमें 30 से अधिक ‘प्राथमिकता वाले रोगजनक’ शामिल हैं।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
प्राथमिकता वाले रोगजनक: यह विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वैश्विक स्तर पर तैयार रोगजनकों (वायरस एवं बैक्टीरिया) की एक सूची है, जिसमें संपूर्ण रोगजनक परिवार का आकलन किया जाता है, जिसमें ऐसे रोगजनक शामिल होते हैं, जो मनुष्यों को संक्रमित कर सकते हैं और जिनमें प्रकोप या महामारी उत्पन्न करने या अंतरराष्ट्रीय चिंता संबंधी सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (Public Health Emergency of International Concern- PHEIC) उत्पन्न करने का जोखिम होता है।
जीवाणुजन्य रोगजनक प्राथमिकता सूची (Bacterial Pathogens Priority List- BPPL): WHO ने जीवाणुजन्य रोगजनक प्राथमिकता सूची (BBPL) को भी अद्यतन किया है, जिसमें अंतिम उपाय एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति प्रतिरोधी ग्राम-नेगेटिव बैक्टीरिया तथा एंटीबायोटिक रिफाम्पिसिन के प्रति प्रतिरोधी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस (Mycobacterium Tuberculosis) बैक्टीरिया शामिल हैं।
सूची में एंटीबायोटिक प्रतिरोधी बैक्टीरिया के 15 परिवार शामिल थे।
संकलनकर्ता: महामारी के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुसंधान एवं विकास ब्लूप्रिंट (WHO R&D Blueprint for Epidemics)।
यह संस्था अनुसंधान और विकास सहयोग के लिए एक वैश्विक मंच के रूप में कार्य करती है, ताकि संक्रामक रोग और महामारियों से निपटने के लिए चिकित्सा प्रति-उपाय (Medical Countermeasures) के अनुसंधान और विकास में तेजी लाई जा सके।
दृष्टिकोण: यह रिपोर्ट वायरल और बैक्टीरियल परिवारों के अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करके आगामी प्रकोपों, अंतरराष्ट्रीय चिंता संबंधी सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों (PHEICs) और महामारी के लिए तैयारी बढ़ाने के लिए एक वैज्ञानिक ढाँचा है।
आवश्यकता: यह रिपोर्ट सरकारों के लिए इन रोगाणुओं की निगरानी और चिकित्सा उपायों के लिए संसाधन आवंटित करने हेतु एक संकेतक के रूप में कार्य करेगी।
निगरानी पहलू
किसी भौगोलिक क्षेत्र से परे रोगजनक का प्रसार।
रोगजनक का विषैला व्यवहार।
इसकी संक्रामकता दर में परिवर्तन।
इससे होने वाली बीमारी की नैदानिक अभिव्यक्ति में परिवर्तन।
ज्ञात उपचार के प्रति प्रतिरोध दर और क्या इसमें टीके से बचने के गुण हैं?
रणनीति: वर्ष2024 की रिपोर्ट में पहली बार ‘पारिवारिक दृष्टिकोण’ और ‘प्रोटोटाइप पैथोजन’ की अवधारणा को शामिल किया गया है। इस वर्ष शामिल किए गए कुछ ‘नए’ प्राथमिकता वाले पैथोजन को वर्ष 2017 और 2018 में चिंताजनक पैथोजन के रूप में देखा गया था।
पारिवारिक दृष्टिकोण: अनुसंधान को संपूर्ण रोगजनक परिवारों के लिए प्राथमिकता दी गई है, न कि कुछ व्यक्तिगत रोगजनकों के लिए, ताकि अप्रत्याशित रूपों, उभरते रोगजनकों (Emerging Pathogens),जूनोटिक संचरण (Zoonotic Transmissions) और ‘पैथोजेन X’ जैसे अज्ञात खतरों के प्रति प्रतिक्रिया क्षमता को बढ़ाया जा सके।
एक परिवार के रोगाणुओं में बहुत-सी समानताएँ होती हैं तथा वे आनुवंशिक सामग्री भी साझा करते हैं, जिसका अर्थ है कि परिवार के एक प्रकार के लिए मौजूदा उपचार विकल्प या टीके को संभवतः दूसरे प्रकार के लिए पुनः उपयोग में लाया जा सकता है।
प्रोटोटाइप रोगजनक: वे एक परिवार के प्रतिनिधि रोगजनक होते हैं, जिन्हें मौलिक अनुसंधान के लिए एक मॉडल के रूप में चुना जाता है, ताकि चिकित्सीय प्रति-उपाय विकसित किए जा सकें, जिन्हें परिवार के अन्य सदस्यों पर भी लागू किया जा सके।
क्षेत्रीय प्राथमिकता वाले रोगजनक (Regional Priority Pathogens)
अफ्रीकी क्षेत्र (African Region)
मुख्य प्राथमिकताएँ: फिलोवायरस (Filoviruses) [ऑर्थो इबोला वायरस जैरेन्स (Ortho Ebola Virus Zaire nse), सुडानेंस (Sudanense) और मार्बर्गेंस (Marburgense)], ऑर्थोपॉक्सवायरस मंकीपॉक्स (Orthopoxvirus Monkeypox) और मैमेरेनावायरस लासेंस (Mammarenavirus Lassaense)।
अन्य: इसमें सभी तीन प्राथमिकता वाले ऑर्थोफ्लेविवायरस (Ortho Flaviviruses) [डेंगू (Dengue), एन्सेफेलाइटिस (Encephalitides) और जिकेन्स (Zikaense)) और अल्फावायरस चिकनगुनिया शामिल हैं।
पूर्वी भूमध्य सागरीय क्षेत्र (Eastern Mediterranean Region)
प्राथमिकता वाले रोगजनक: सबजेनस मेरबेकोवायरस (Subgenus Merbecoviruses) और एंटरोवायरस कॉक्ससैकीपोल (Enterovirus Coxsackie Pol)।
जीवाणुजनित रोगजनक (Bacterial Pathogens): इसमें विब्रियो कोलेरा O139 और शिगेला डिसेंटेरिया सीरोटाइप 1 शामिल हैं।
यूरोपीय क्षेत्र
प्राथमिक रोगजनक: ऑर्थोनेरोवायरस हेमरेजिया (Ortho Nairovirus Haemorrhage) यूरोपीय क्षेत्र में पाया जाता है, जिसके प्रोटोटाइप ऑर्थोफ्लेविवायरस एन्सेफेलाइटिस (Ortho Flavivirus encephalitis) और ऑर्थोबोर्नवायरस बोर्नेन्स (Ortho Bornavirus Bornaense) ज्यादातर इसी क्षेत्र में पाए जाते हैं।
दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र
जीवाणु प्राथमिकता रोगजनक (Bacterial Priority Pathogens): इसमें विब्रियो कोलेरा (Vibrio Cholera) O139 और शिगेला डिसेंटेरिया (Shigella Dysenteriae) सीरोटाइप 1 शामिल हैं।
स्थानिक प्राथमिकता वाले रोगजनक (Endemic Priority Pathogens): हेनिपावायरस निपाहेंस (Henipavirus Nipahense) और बैंडावायरस डेबीन्स (Bandavirus Dabieense), और मच्छर जनित ऑर्थोफ्लेविवायरस डेंगू और जिकेन्स, अल्फावायरस चिकनगुनिया दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में स्थानिक हैं।
प्रोटोटाइप रोगजनक: ऑर्थोहेपैडनावायरस होमिनोइडाई (Orthohepadnavirus Hominoidea) जीनोटाइप-C दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में सबसे आम है।
पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र
प्राथमिक रोगजनक: इन्फ्लूएंजा और सबजेनस सरबेकोवायरस (Subgenus Sarbecoviruses) पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में उच्च प्राथमिकता वाले हैं।
स्थानिक: प्राथमिक रोगजनकों में हेनिपावायरस निपाहेंस (Henipavirus Nipahense), ऑर्थोहंटावायरस हंटानेंस (Ortho Hantavirus Hantanense) और बैंडवायरस डेबिएन्स (Bandavirus Dabieense) शामिल हैं।
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