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RBI द्वारा अपने स्वर्ण की इंग्लैंड से वापसी

Lokesh Pal November 09, 2024 02:30 44 0

संदर्भ 

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपने स्वामित्व वाले लगभग 130 मीट्रिक टन स्वर्ण को वापस लाया है एवं ‘बैंक ऑफ इंग्लैंड’ तथा ‘बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स’ (Bank for International Settlements- BIS) की सुरक्षित हिरासत में पिछले ढाई वर्षों रखा था।

बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स’ (Bank for International Settlements- BIS)

  • स्थापना: वर्ष 1930 में स्थापित, इसका मुख्यालय बेसल, स्विट्जरलैंड में है तथा इसके कार्यालय हांगकांग SAR, मैक्सिको सिटी और विश्व भर में अनेक इनोवेशन हब केंद्रों में हैं।
  • स्वामित्व: 63 केंद्रीय बैंकों के स्वामित्व में, जो वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 95% प्रतिनिधित्व करता है।
  • मिशन: अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से मौद्रिक एवं वित्तीय स्थिरता प्राप्त करने में केंद्रीय बैंकों का समर्थन करना तथा ‘केंद्रीय बैंकों के लिए बैंक’ के रूप में कार्य करना।
  • उद्देश्य
    • अंतरराष्ट्रीय संवाद एवं सहयोग को सुगम बनाना।
    • जिम्मेदार नवाचार एवं ज्ञान-साझाकरण को प्रोत्साहित करना।
    • गहन नीति विश्लेषण एवं प्रतिस्पर्द्धी वित्तीय सेवाएँ प्रदान करना।

स्वर्ण के प्रत्यावर्तन संबंधी तथ्य

  • पृष्ठभूमि: वर्ष 1990-91 के विदेशी मुद्रा संकट के दौरान, भारत ने 405 मिलियन अमेरिकी डॉलर का ऋण सुरक्षित करने के लिए अपने स्वर्ण भंडार का एक हिस्सा ‘बैंक ऑफ इंग्लैंड’ को गिरवी रख दिया था।
    • वर्ष 1991 में ऋण चुकाए जाने के बाद, RBI ने लॉजिस्टिक लाभों के कारण सोने को UK में रखने का फैसला किया, क्योंकि विदेशी स्वर्ण का उपयोग व्यापार, स्वैप एवं रिटर्न अर्जित करने के लिए आसानी से किया जा सकता है। 
  • वित्तीय निहितार्थ: इस हस्तांतरण का भारत की GDP पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, कर संग्रह या RBI की बैलेंस शीट, क्योंकि यह RBI की संपत्ति के कुल मूल्य में बदलाव किए बिना केवल स्वर्ण के भंडारण स्थान को बदलता है।
    • इसमें कोई सीमा शुल्क या GST निहितार्थ नहीं है, क्योंकि वापस लाया जा रहा सोना पहले से ही भारत के स्वामित्व में है।

स्वर्ण प्रत्यावर्तन का औचित्य

  • लागत दक्षता: विदेशी बैंकों को भुगतान की जाने वाली कस्टोडियल शुल्क पर बचत।
  • घरेलू सुरक्षा में बढ़ा विश्वास: भारत की आर्थिक स्थिरता एवं मजबूत सुरक्षा बुनियादी ढाँचा अब घरेलू स्तर पर अधिक भंडार संगृहीत करना संभव बनाता है।
  • विदेशी संरक्षकों पर निर्भरता कम: भंडारण स्थानों में विविधता लाने से देश की सोने की संपत्ति पर रणनीतिक नियंत्रण बढ़ता है।

भारत में स्वर्ण भंडार की वर्तमान स्थिति

  • सितंबर 2024 के अंत तक, RBI का कुल सोने का भंडार 854.73 टन था।
    • इसमें से 510.46 टन (लगभग 60%) अब भारत में संगृहीत है।
  • शेष भंडार में ‘बैंक ऑफ इंग्लैंड’ एवं BIS के पास रखा 324.01 टन सोना शामिल है, जबकि 20.26 टन सोना भंडार के रूप में रखा गया है।

विदेशी मुद्रा भंडार पर प्रभाव

  • अमेरिकी डॉलर के संदर्भ में, भारत के कुल विदेशी मुद्रा भंडार में स्वर्ण की हिस्सेदारी मार्च 2024 के अंत में 8.15% से बढ़कर सितंबर 2024 तक 9.32% हो गई। 
  • इसी अवधि में, भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में पर्याप्त वृद्धि देखी गई, जो मार्च 2024 में $646.42 बिलियन से बढ़कर सितंबर 2024 तक $705.78 बिलियन हो गया।

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