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विश्व बैंक गिनी इंडेक्स

Lokesh Pal July 09, 2025 02:30 9 0

संदर्भ

विश्व बैंक के अनुसार, भारत का गिनी इंडेक्स स्कोर 25.5 है, जो इसे स्लोवाक गणराज्य, स्लोवेनिया और बेलारूस के बाद विश्व का चौथा सबसे अधिक समानता वाला देश बनाता है।।

गिनी इंडेक्स

  • गिनी इंडेक्स मापता है कि आय या उपभोग का वितरण पूर्ण समानता से कितना विचलित होता है।
  • गिनी इंडेक्स, या गिनी इंडेक्स, वर्ष 1912 में इतालवी सांख्यिकीविद् कोराडो गिनी द्वारा विकसित किया गया था।
  • यह मापता है कि किसी देश में व्यक्तियों या परिवारों के बीच आय, धन या उपभोग को कैसे वितरित किया जाता है। यह असमानता की डिग्री को दर्शाता है, न कि आय या धन के पूर्ण स्तरों को।
  • यह 0 से 100 तक होता है:
    • 0 = पूर्ण समानता (सभी की आय समान है)
    • 100 = पूर्ण असमानता (एक व्यक्ति के पास सब कुछ है, दूसरे के पास कुछ भी नहीं)।
  • गिनी इंडेक्स जितना अधिक होगा, देश उतना ही अधिक असमान होगा।
  • गिनी इंडेक्स को प्रायः ‘लोरेंज कर्व’ का उपयोग करके दर्शाया जाता है:
    • विकर्ण रेखा पूर्ण समानता को दर्शाती है।
    • लोरेंज वक्र वास्तविक आय वितरण को दर्शाता है।
    • गिनी इंडेक्स विकर्ण के अंतर्गत कुल क्षेत्रफल के प्रतिशत के रूप में दो वक्रों के बीच के अंतर को मापता है।
  • लोरेंज वक्र और समानता रेखा के बीच बड़े अंतर का आशय अधिक असमानता है।

मुख्य तथ्य

  • गिनी इंडेक्स पर भारत 25.5 के स्कोर के साथ विश्व स्तर पर चौथे स्थान पर है, जो केवल स्लोवाक गणराज्य (24.1), स्लोवेनिया (24.3) और बेलारूस (24.4) से पीछे है।
  • भारत सभी G7 और G20 देशों से अधिक समानता युक्त देश है, जिसमें चीन (35.7), USA (41.8) और UK (34.4) शामिल हैं।
    • “सबसे अधिक समान देश” शब्द उस राष्ट्र का वर्णन करता है, जहाँ आय और उपभोग उसकी आबादी के बीच अधिक समान रूप से वितरित किया जाता है।
  • मूल्यांकन किए गए 167 देशों में से, भारत “मध्यम रूप से कम” असमानता श्रेणी में आता है – और “कम असमानता” समूह के बहुत करीब है।
  • वैश्विक स्तर पर, केवल 30 देश “मध्यम रूप से कम” असमानता श्रेणी में आते हैं, जिनमें सशक्त कल्याण नीति वाले कई यूरोपीय देश शामिल हैं।
  • यह भारत के आकार और विविधता वाले देश के लिए एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है, जो असमानता तथा गरीबी को कम करने पर केंद्रित नीतियों को दर्शाती है।
  • भारत ने 171 मिलियन लोगों को अत्यधिक गरीबी से बाहर निकाला।
  • वर्ष 2011-12 में $2.15/दिन से कम आय पर आश्रित आबादी का हिस्सा 16.2% से घटकर वर्ष 2022-23 में केवल 2.3% रह गया।

कारण:

अधिक आय समानता की दिशा में भारत की प्रगति को सरकार की कई केंद्रित पहलों का समर्थन प्राप्त है।

  • प्रधानमंत्री जन धन योजना: वित्तीय समावेशन भारत के सामाजिक समानता अभियान का केंद्र रहा है। 25 जून, 2025 तक 55.69 करोड़ से अधिक लोगों के पास जन धन खाते हैं, जिससे उन्हें सरकारी लाभों और औपचारिक बैंकिंग सेवाओं तक सीधी पहुँच मिलती है।
  • आधार और डिजिटल पहचान: आधार ने देश भर के निवासियों के लिए एक अनूठी डिजिटल पहचान बनाने में सक्षम बनाया है।
  • प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT): DBT प्रणाली ने कल्याणकारी भुगतानों को सुव्यवस्थित किया है, जिससे रिसाव और देरी कम हुई है। मार्च 2023 तक संचयी बचत ₹3.48 लाख करोड़ तक पहुँच गई है, जो इसकी दक्षता और पैमाने को दर्शाती है।
  • आयुष्मान भारत: गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच सामाजिक समानता में सुधार की कुंजी है। आयुष्मान भारत योजना प्रति वर्ष प्रति परिवार ₹5 लाख तक का स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करती है।
  • प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना: पारंपरिक कारीगर और शिल्पकार भारत के आर्थिक और सांस्कृतिक ढाँचे के लिए महत्त्वपूर्ण हैं।

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