हाल ही में संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन (UNCTAD) ने विश्व निवेश रिपोर्ट 2024 जारी की है।
विश्व निवेश रिपोर्ट
विश्व निवेश रिपोर्ट: विश्व निवेश रिपोर्ट, क्षेत्रीय और देश स्तर पर, दुनिया भर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के रुझानों तथा विकास में इसके योगदान को बेहतर बनाने के लिए उभरते उपायों पर केंद्रित है।
यह वैश्विक मूल्य शृंखलाओं और बहुराष्ट्रीय उद्यमों के संचालन पर भी विश्लेषण प्रदान करती है, जिसमें उनके विकास निहितार्थों पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
घटक: रिपोर्ट के प्रत्येक अंक में निम्नलिखित शामिल होंगे।
पिछले वर्ष के दौरान FDI के रुझानों का विश्लेषण, जिसमें विकास निहितार्थों पर विशेष जोर दिया गया है।
दुनिया के सबसे बड़े बहुराष्ट्रीय निगमों की रैंकिंग।
FDI से संबंधित चयनित विषय का गहन विश्लेषण।
नीति विश्लेषण और सिफारिशें।
नवीनतम विश्व निवेश रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
वर्ष 2023 में वैश्विक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में गिरावट
समग्र FDI में कमी: आर्थिक मंदी और बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के कारण वर्ष 2023 में वैश्विक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) 2% घटकर 1.3 ट्रिलियन डॉलर रह गया।
सतत् विकास पर प्रभाव
सतत् विकास लक्ष्य (SDG) से जुड़े निवेश: सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) से संबंधित क्षेत्रों में निवेश में 10% से अधिक की गिरावट आई है।
ग्रीनवाशिंग चिंताएँ: भ्रामक स्थिरता के दावे निवेशकों की माँग को तेजी से प्रभावित कर रहे हैं।
नए स्थिरता प्रकटीकरण मानकों का वैश्विक प्रभाव: अंतरराष्ट्रीय स्थिरता मानक बोर्ड (ISSB) और यूरोपीय संघ (EU) के नए प्रकटीकरण मानक प्राथमिक वित्तीय बाजारों के बाहर की फर्मों को प्रभावित करेंगे।
विकासशील देशों की कंपनियों, विशेषकर इन बाजारों की आपूर्ति शृंखलाओं में शामिल कंपनियों पर उच्चतर स्थिरता मानकों को पूरा करने के लिए दबाव बढ़ेगा, तथा बाजार तक पहुँच के लिए अनुपालन अनिवार्य हो जाएगा।
वित्तपोषण चुनौतियाँ और परियोजना का वित्तीयन
परियोजना वित्त में गिरावट: सख्त वित्तपोषण शर्तों के कारण अंतरराष्ट्रीय परियोजना वित्त सौदों में 26% की कमी आई, जो बुनियादी ढाँचे में निवेश के लिए महत्त्वपूर्ण है।
क्षेत्रीय FDI रुझान
विकासशील देश:विकासशील देशों में FDI प्रवाह 7% घटकर 867 बिलियन डॉलर रह गया, जबकि विकासशील एशिया में 8% की कमी आई।
चीन:दूसरे सबसे बड़े FDI प्राप्तकर्ता, चीन में प्रवाह में दुर्लभ गिरावट देखी गई।
भारत, पश्चिम और मध्य एशिया: दोनों क्षेत्रों में FDI में महत्त्वपूर्ण गिरावट देखी गई, जबकि दक्षिण-पूर्व एशिया स्थिर रहा।
कमजोर अर्थव्यवस्थाएँ: संरचनात्मक रूप से कमजोर और संवेदनशील अर्थव्यवस्थाओं में FDI प्रवाह में वृद्धि हुई।
निवेश नीतियाँ और समझौते
नीतिगत उपाय: वर्ष 2023 में नए निवेश नीतिगत उपायों में गिरावट आई, हालाँकि अधिकांश निवेशकों के अनुकूल थे।
अंतरराष्ट्रीय समझौते: वर्ष 2023 में, देशों और क्षेत्रों ने 29 नए अंतरराष्ट्रीय निवेश समझौते (IIA) संपन्न किए।
अंतरराष्ट्रीय निवेश समझौता (IIA) देशों के बीच एक प्रकार की संधि है, जो सीमा पार निवेश से संबंधित मुद्दों को संबोधित करती है, आमतौर पर ऐसे निवेशों के संरक्षण, संवर्द्धन और उदारीकरण के उद्देश्य से।
अंतरराष्ट्रीय निवेश समझौतों की संख्या में गिरावट जारी रही।
निवेश सुविधा प्रगति
ऑनलाइन सिंगल विंडो: वर्ष 2016 में निवेश सुविधा के लिए वैश्विक कार्रवाई के प्रारंभ के बाद से, विकासशील देशों में ऑनलाइन सिंगल विंडो की संख्या 13 से बढ़कर 67 हो गई, तथा विकसित अर्थव्यवस्थाओं में 12 से बढ़कर 28 हो गई।
भारत विशेष बिंदु
FDI प्रवाह में गिरावट: अधिकांश रिपोर्टिंग अर्थव्यवस्थाओं के लिए FDI प्रवाह में गिरावट आई।
शीर्ष 20 मेजबान अर्थव्यवस्थाओं में, सबसे बड़ी गिरावट फ्राँस, ऑस्ट्रेलिया, चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत में दर्ज की गई।
भारत की विदेशी कानून अभ्यास नीति: भारत विदेशी वकीलों और कानूनी फर्मों को “देश के भीतर विदेशी कानून का अभ्यास करने” की अनुमति देता है (अर्थात्- विलय और अधिग्रहण के अंतरराष्ट्रीय तत्त्वों पर ग्राहकों को सलाह देने या मध्यस्थ के रूप में पेश होने के लिए)।
सतत वित्त पहल: वर्ष 2023 में, विकासशील देशों में से सात (अर्जेंटीना, ब्राजील, चीन, भारत, मैक्सिको, तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात), आसियान सदस्य राज्यों के साथ मिलकर, सतत् वित्त पर राष्ट्रीय रणनीतियों या रूपरेखाओं को लागू करेंगे।
UNCTAD द्वारा कार्रवाई का आह्वान
निवेश और व्यापार सुविधा को बढ़ावा देना: देशों को व्यापार सुविधा और डिजिटल सरकारी उपकरणों का उपयोग करके पारदर्शी और सुव्यवस्थित वातावरण बनाना चाहिए।
बुनियादी ढाँचे के लिए FDI को बढ़ावा देना:संस्थागत निवेशकों को बुनियादी ढाँचे की परियोजनाओं में FDI प्रवाह बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना, विशेष रूप से विकासशील देशों में, ताकि दीर्घकालिक आर्थिक विकास का समर्थन किया जा सके।
सतत् विकास निवेश
सरकारी प्रोत्साहन: सरकारों को बाह्य निवेश उपायों और अंतरराष्ट्रीय समझौतों के माध्यम से सतत् विकास परियोजनाओं में निवेश को बढ़ावा देना चाहिए।
जीवाश्म ईंधन विनिवेश: संस्थागत निवेशकों को जीवाश्म ईंधन से विनिवेश और नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश बढ़ाने के लिए महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करने की आवश्यकता है।
ग्रीनवाशिंग पर ध्यान
ग्रीनवाशिंग का मुकाबला करना: सुपरिभाषित उत्पाद मानकों, सुदृढ़ स्थिरता प्रकटीकरणों, बाह्य लेखा-परीक्षण और तृतीय-पक्ष रेटिंग के माध्यम से ग्रीनवाशिंग से निपटने के लिए व्यवस्थित प्रयासों को लागू करना।
अंतरराष्ट्रीय निवेश समझौतों (IIA) में सुधार: अंतरराष्ट्रीय संगठनों और सरकारों को निवेशक-राज्य विवादों के जोखिम को कम करने के लिए IIA व्यवस्था में सुधार के प्रयासों में तेजी लानी चाहिए, खासकर विकासशील देशों के लिए।
SDG के साथ निवेश को संरेखित करना: देशों और संस्थानों को सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) के साथ संरेखित निवेश व्यवस्थाओं को प्रोत्साहित करना चाहिए।
डिजिटल सरकारी उपकरण
नीचे से ऊपर की ओर दृष्टिकोण: डिजिटल सरकारी उपकरणों के लिए नीचे से ऊपर की ओर दृष्टिकोण अपनाना, व्यवसायों के लिए बुनियादी सेवाओं से शुरू करना और धीरे-धीरे पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं को पकड़ने के लिए अधिक संस्थानों तक विस्तार करना।
तकनीकी सहायता: अंतरराष्ट्रीय संगठनों को डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाने और बढ़ाने के लिए विकासशील देशों को तकनीकी सहायता प्रदान करनी चाहिए, आवश्यकतानुसार विकास सहायता का लाभ उठाना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन (UNCTAD)
परिचय: यह वर्ष 1964 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा स्थापित एक स्थायी अंतर-सरकारी निकाय है।
मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्जरलैंड।
भाग: UNCTAD संयुक्त राष्ट्र सचिवालय और संयुक्त राष्ट्र विकास समूह का हिस्सा है।
रिपोर्ट: यह संयुक्त राष्ट्र महासभा और आर्थिक और सामाजिक परिषद को रिपोर्ट करता है।
अन्य रिपोर्ट: UNCTAD द्वारा प्रकाशित अन्य रिपोर्ट:
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