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विश्व मलेरिया रिपोर्ट 2024

Lokesh Pal December 13, 2024 02:33 56 0

संदर्भ

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र वैश्विक स्तर पर मलेरिया के मामलों में लगभग 1.5% का योगदान देता है और वर्ष 2023 में अनुमानित सभी मामलों में से लगभग आधे मामले भारत में थे, इसके बाद दूसरे स्थान पर इंडोनेशिया था, जहाँ लगभग एक-तिहाई मामले दर्ज किये गए।

  • इस क्षेत्र में मलेरिया से होने वाली लगभग 88% मौतें भारत एवं इंडोनेशिया से संबंधित हैं।
  • ये आँकड़े 11 दिसंबर, 2024 को जारी WHO की नवीनतम विश्व मलेरिया रिपोर्ट (2024) से संबंधित हैं।

मुख्य विशेषताएँ

वैश्विक अवलोकन

  • मामले: 83 देशों में मलेरिया के मामले वर्ष 2023 में अनुमानित 263 मिलियन तक पहुँच गए, जो वर्ष 2022 में 252 मिलियन एवं वर्ष 2015 में 226 मिलियन थे।
  • मौतें: वर्ष 2023 में मलेरिया से होने वाली मौतों की संख्या 597,000 थी, जबकि वर्ष 2015 में यह संख्या 578,000 थीं। हालाँकि, वर्ष 2020 में COVID​​​​-19 महामारी के बाद से मृत्यु दर में कमी आई है।
  • अफ्रीका: वर्ष 2023 तक वैश्विक मलेरिया के 94% मामले तथा 95% मौतें अफ्रीका से  संबंधित थी।

भारत का प्रदर्शन

  • भारत वर्ष 2024 में HBHI पहल से सफलतापूर्वक बाहर निकल जाएगा। वर्ष 2017 और वर्ष 2023 के बीच, भारत में मलेरिया के मामलों में 69% की गिरावट आई (6.4 मिलियन से 2 मिलियन तक), और मृत्यु दर में 68% की गिरावट आई (11,100 से 3,500 तक)।

उभरते खतरे

  • दवा प्रतिरोध: इरीट्रिया, रवांडा, युगांडा और तंजानिया में मलेरिया के प्रमुख उपचार आर्टेमिसिनिन (Artemisinin) के प्रति आंशिक प्रतिरोध की पुष्टि की गई है, जबकि इथियोपिया और सूडान में इसके संदिग्ध मामले हैं।
  • कीटनाशक प्रतिरोध: 64 निगरानी वाले देशों में से 55 में पाइरेथ्रॉइड (Pyrethroid) प्रतिरोध की रिपोर्ट की गई है, जिसके कारण WHO ने अगली पीढ़ी के कीटनाशक-उपचारित सुरक्षा जालों की सिफारिश की है।
  • आक्रामक प्रजातियाँ: शहरी क्षेत्रों में पनपने के लिए जाना जाने वाला एनोफिलिस स्टीफेन्सी मच्छर (Anopheles stephensi Mosquito), आठ अफ्रीकी देशों में फैल गया है, जिससे मलेरिया नियंत्रण के प्रयास जटिल हो गए हैं।
  • जूनोटिक मलेरिया: जूनोटिक मलेरिया परजीवी पी. नोलेसी (P. Knowlesi) के मामलों में वर्ष 2023 में 19% की वृद्धि हुई, दक्षिण पूर्व एशिया में 3,290 मामले दर्ज किए गए।

मलेरिया रोग के बारे में

  • रोग का प्रकार: मलेरिया एक संक्रामक रोग है जो मादा एनोफिलीज (Anopheles) मच्छरों द्वारा फैलता है और प्लास्मोडियम प्रोटोजोआ (Plasmodium Protozoa) के कारण होता है।
  • व्यापकता: यह जीवन के लिए खतरा उत्पन्न करता है, तथा मुख्य रूप से अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और एशिया के उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों को प्रभावित करता है।

  • कारण
    • यह बीमारी प्लास्मोडियम परजीवियों के कारण होती है, जो संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छरों के काटने से फैलती है। 
    • मलेरिया उत्पन्न करने वाला परजीवी प्लास्मोडियम सबसे पहले यकृत कोशिकाओं में वृद्धि करता है और फिर लाल रक्त कोशिकाओं (RBC) पर हमला करता है।
  • संचरण: संक्रामक नहीं होता है; यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है।
  • प्राकृतिक संक्रमण के दौरान मनुष्य मलेरिया के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित नहीं करता है।
  • याउंडे घोषणा (Yaounde Declaration)
    • प्रजातियाँ एवं खतरा: पाँच परजीवी प्रजातियाँ मनुष्यों में मलेरिया का कारण बनती हैं, जिनमें प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम (Plasmodium Falciparum) और प्लास्मोडियम विवैक्स (Plasmodium Vivax) सबसे बड़ा खतरा हैं।

मलेरिया पर नियंत्रण हेतु भारतीय पहल

  • मलेरिया उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय रूपरेखा (2016-2030)
    • लक्ष्य: भारत सरकार ने वर्ष 2027 तक भारत में मलेरिया को समाप्त करने का लक्ष्य रखा है।
  • मलेरिया उन्मूलन के लिए 5 वर्षों के लिए राष्ट्रीय रणनीतिक योजना।
    • वर्ष 2017 में लॉन्च किया गया, इसने मलेरिया नियंत्रण से उन्मूलन पर ध्यान केंद्रित किया।
    • इसने वर्ष 2022 तक भारत के 678 जिलों में से 571 जिलों में मलेरिया को समाप्त करने के लिए एक रोडमैप प्रदान किया।
  • मलेरिया उन्मूलन अनुसंधान गठबंधन-भारत (MERA-India)
    • भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा स्थापित।
    • यह मलेरिया नियंत्रण पर कार्य करने वाले साझेदारों का एक समूह है।
  • भारत की उपलब्धि: भारत ने वर्ष 2000 एवं वर्ष 2020 के बीच मलेरिया रुग्णता में 83% से अधिक एवं मलेरिया मृत्यु दर में 92% से अधिक की कमी हासिल की है।

वैश्विक पहल

  • मलेरिया के लिए WHO वैश्विक तकनीकी रणनीति 2016-2030, वर्ष 2021 में अद्यतन, सभी मलेरिया-स्थानिक देशों के लिए एक तकनीकी ढाँचा प्रदान करती है।

वेक्टर जनित रोग

  • वेक्टर-जनित रोग: सभी संक्रामक रोगों में से 17% से अधिक के लिए जिम्मेदार हैं, जिससे वार्षिक 700,000 से अधिक मौतें होती हैं। 
    • वे परजीवी, बैक्टीरिया या वायरस के कारण हो सकते हैं।
    • वेक्टर जीवित जीव हैं जो मनुष्यों के बीच या जानवरों से मनुष्यों में संक्रामक रोगजनकों को प्रसारित कर सकते हैं।
  • मलेरिया: एनोफिलीन (Anopheline) मच्छरों द्वारा प्रसारित परजीवी संक्रमण। 
  • डेंगू: एडीज मच्छरों द्वारा फैलने वाला सबसे प्रचलित वायरल संक्रमण। 
  • वेक्टर द्वारा प्रसारित अन्य वायरल रोगों में शामिल हैं: चिकनगुनिया बुखार, जीका वायरस बुखार, यलो फीवर, वेस्ट नाइल बुखार, जापानी इंसेफेलाइटिस (सभी मच्छरों द्वारा संचारित), टिक-जनित इंसेफेलाइटिस (टिक्स द्वारा संचारित) और ओरोपोचे फीवर [क्यूलिकोइड्स (Culicoides) मक्खियों द्वारा संचारित]
  • इन रोगों का बोझ उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में सबसे अधिक है।

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