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विश्व का सबसे बड़ा हिमखंड: A23a हिमखंड (World’s largest iceberg: A23a iceberg)

Samsul Ansari January 24, 2024 03:55 240 0

संदर्भ

हाल ही में इयान स्ट्रेचन (Ian Strachan) ने अंटार्कटिक महासागर में A23a हिमखंड तक पहुँचने के लिए बर्फ और कोहरे के बीच अपने अंटार्कटिक मिशन की शुरुआत की।

संबंधित तथ्य

  • यह हिमखंड एलीफेंट द्वीप (Elephant Island) और दक्षिण ओर्कनेय द्वीप (South Orkney Islands) के बीच प्रवाहित होता रहता है।
  • यह हिमखंड जिस रास्ते का अनुसरण करता है उसे ‘हिमखंड गली’ (Iceberg Alley) के नाम से जाना जाता है।

A23a: विश्व के सबसे बड़े हिमखंड के रूप में 

  • हिमखंड A23a, पहली बार वर्ष 1986 में अंटार्कटिका के फिल्चनर आइस शेल्फ तट (Filchner Ice Shelf Coast) से टूटकर अलग हुआ था।
  • यह दुनिया का सबसे पुराना और साथ ही सबसे बड़ा हिमखंड है। यह ‘A23a हिमखंड’ वेडेल सागर (Weddell Sea) से बहते हुए बाहर जा रहा है।
  • यह हिमखंड मानव दाँत के आकार का लगभग 4,000 वर्ग किमी. क्षेत्रफल (1,550 वर्ग मील) में फैला हुआ है। इसका आकार ग्रेटर लंदन के दोगुने से भी अधिक है। 
    • इस हिमखंड में अनुमानित 1 ट्रिलियन टन ताजा जल है।

हिमखंड के बारे में

  • परिभाषा: हिमखंड का निर्माण तब होता है जब बर्फीले खंड, ग्लेशियरों या हिमचट्टान से टूट जाते हैं और खुले जल में स्वतंत्र रूप से तैरने लगते हैं।
  • ये हिमखंड समुद्री धाराओं के साथ आगे बढ़ते हैं या किसी समुद्री उथले क्षेत्रों में फँस जाते हैं या समुद्र तल पर स्थिर हो जाते हैं।

हिमखंड के प्रकार

  • हिमखंड कई प्रकार के होते हैं। उन्हें टैबुलर (Tabular), डॉम-सेप्ड (Dome-Shaped), ढलानदार (Sloping), शिखरयुक्त (Pinnacled), ड्राई-डॉक्ड (Dry-docked), ब्लॉकी(Blocky), अपक्षयित या ग्लेशियर बर्ग (Weathered or Glacier Bergs) के रूप में वर्णित किया जा सकता है। 
  • विभिन्न आकृतियों और आकारों के अलावा, हिमखंड कभी-कभी असामान्य रंग के भी दिखाई देते हैं।

हिमखंडों के निर्माण को प्रभावित करने वाले कारक

  • तापमान: गर्म तापमान की स्थिति में बर्फ तेजी से पिघलती है, जिससे अधिक हिमखंडों का निर्माण होता है।
  • महासागरीय धाराएँ: महासागरीय धाराओं के प्रभाव के कारण हिमखंड लंबी दूरी तक प्रवाहित हो सकते हैं।
  • जल के नीचे स्थलाकृति: जल के अंदर की विशेषताएँ हिमखंड की गति और उसकी बनावट  को प्रभावित करती हैं।
  • वायु पैटर्न: तेज हवाएँ हिमखंडों को विशिष्ट दिशाओं में धकेल सकती हैं, जिससे उनका विशेष पथ प्रभावित होता है।
  • समुद्री बर्फ की स्थिति: हिमखंड की गतिशीलता को समुद्री बर्फ की उपस्थिति या अनुपस्थिति प्रभावित करती है।
  • ज्वारीय बल: ज्वारीय बल हिमखंड की गति को प्रभावित करता हैं, विशेषकर ज्वारीय क्षेत्रों में।
  • जलवायु परिवर्तन: ग्लोबल वार्मिंग से हिमनदों के पिघलने की गति तेज हो जाती है, जिससे और अधिक हिमखंडों का निर्माण होता है।
  • हिम संचय: ग्लेशियरों पर बर्फ जमने से तनाव बढ़ता है, जिससे ग्लेशियरों में विखंडन शुरू हो जाता है।
  • मानवीय गतिविधियाँ: शिपिंग और औद्योगिक परिचालन हिमखंड के प्रवाह को प्रभावित कर सकते हैं और सुरक्षा संबंधी चिंताएँ पैदा कर सकते हैं।

हिमखंड संचलन का प्रभाव

समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रभाव

  • पोषक तत्त्वों में वृद्धि होती है: जब हिमखंड पिघलते हैं तो इससे नाइट्रोजन और फास्फोरस जैसे पोषक तत्त्वों के साथ ताजा जल निकलता है। यह अधिक फाइटोप्लांकटन बनाने में मदद करता है,  जो समुद्री खाद्य शृंखलाओं के लिए आवश्यक है।
  • महासागरीय धाराओं का विघटन: हिमखंड समुद्री धाराओं के प्रवाह को बदल सकते हैं जिससे पोषक तत्त्वों और प्‍लवक (Plankton) की दिशा भी  प्रभावित होती है। यह खाद्य  शृंखला को बाधित कर सकता है और विशिष्ट धाराओं पर निर्भर रहने वाली प्रजातियों को नुकसान पहुँचा सकता है।
  • पर्यावास निर्माण: हिमखंड शैवाल, क्रिल, पेंगुइन और सील सहित विभिन्न समुद्री जीवों का निवास स्थान होते हैं। ये बर्फीले स्थल आश्रय और प्रजनन का स्थान प्रदान करते हैं। इसके परिणामस्वरूप यह खुले महासागर में जैव विविधता को बढ़ावा देते हैं। 
  • लवणता में परिवर्तन: पिघलते हिमखंड समुद्री जल के घनत्व को कम कर देते हैं, जो प्रवाल चट्टानों और मछलियों की कुछ प्रजातियों एवं जीवों को प्रभावित कर सकता है, जो खारेपन में परिवर्तन के प्रति संवेदनशील होते हैं।

तटीय क्षेत्रों पर प्रभाव

  • समुद्र तल में वृद्धि: पिघलते हिमखंड समुद्र में जल के स्तर को बढ़ाने में योगदान देते हैं, जिससे तटीय कटाव, बाढ़ में वृद्धि और तटीय समुदायों का विस्थापन होता है।
  • तटीय संरचनाओं से संबंधित खतरे: जब बड़े हिमखंड तटों के पास समुद्र तल से टकराते हैं तो वे जल के नीचे की संरचनाओं को नुकसान पहुँचा सकते हैं एवं आवागमन को बाधित कर सकते हैं और कभी-कभी सुनामी का कारण भी बन सकते हैं।
  • मीठे जल की आपूर्ति: पिघलते हिमखंड कुछ क्षेत्रों में मीठे जल का एक मूल्यवान स्रोत हो सकते हैं, विशेष रूप से सूखे के दौरान, पेयजल, सिंचाई और जल विद्युत के लिए जल उपलब्ध कराते हैं।

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