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Lokesh Pal November 09, 2024 05:00 123 0
22 से 24 अक्टूबर, 2024 तक रूस के कज़ान शहर में ब्रिक्स देशों का 16 वां शिखर सम्मेलन सफलतापूर्वक सम्पन्न किया गया। इस सम्मेलन ने इस संगठन के लचीलेपन को रेखांकित किया और इसके वैश्विक प्रभाव का विस्तार किया।
ब्रिक्स विश्व की अग्रणी और उभरती अर्थव्यवस्थाओं अर्थात ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के समूह का संक्षिप्त नाम है।
“ब्रिक” की पृष्ठभूमि :संक्षिप्त नाम “ब्रिक” को सर्वप्रथम वर्ष 2001 में गोल्डमैन सैक्स के अर्थशास्त्री जिम ओ’नील द्वारा ब्राजील, रूस, भारत और चीन की अर्थव्यवस्था की विकास संभावनाओं पर एक रिपोर्ट में तैयार किया गया था – जो संयुक्त रूप से विश्व के उत्पादन और जनसंख्या का एक महत्वपूर्ण हिस्सा दर्शाते हैं। दक्षिण अफ़्रीका 2011 में तीसरे शिखर सम्मेलन के दौरान इस समूह में शामिल हुआ, जिसके बाद इस संगठन का नाम ब्रिक्स हो गया है। |
आकस्मिक रिजर्व व्यवस्था (CRA): ब्रिक्स की आकस्मिक रिजर्व व्यवस्था का प्रमुख उद्देश्य वैश्विक तरलता और भुगतान संतुलन संबंधी संकटों से सुरक्षा प्रदान करना है। आकस्मिक रिजर्व व्यवस्था (CRA) को आर्थिक या वित्तीय चुनौतियों का सामना कर रहे ब्रिक्स देशों को आपातकालीन वित्तपोषण प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। |
अतिरिक्त जानकारी
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ब्रिक्स समूह ने अपने प्रारंभिक वर्षों में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं; हालाँकि, दूसरे दशक में संगठन को अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।
यद्यपि वर्तमान समय में, ब्रिक्स को आंतरिक मतभेदों और बाहरी दबावों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन इसका सामूहिक प्रभाव निर्विवाद है। वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए समूह की अनुकूलनशीलता और इच्छाशक्ति इसकी दीर्घकालिक प्रासंगिकता और सफलता को निर्धारित करने में महत्त्वपूर्ण रूप से उपयोगी सिद्ध होगी।
मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्नप्रश्न: “ब्रिक्स का उद्देश्य नई विश्व व्यवस्था बनाना नहीं बल्कि वर्तमान व्यवस्था में सुधार करना है।” टिप्पणी करें। (10 अंक, 150 शब्द) |
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