100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

एक व्यापक दृष्टिकोण और भारत का बड़ा अनुसंधान घाटा

Lokesh Pal December 29, 2025 05:00 10 0

संदर्भ:

अपनी विशाल मानव पूँजी और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ, भारत एक वैश्विक शक्ति बनने की आकांक्षा रखता है। फिर भी, यह व्यापक दृष्टिकोण अनुसंधान और विकास (R&D) की दीर्घकालिक अपर्याप्तताओं के कारण मुख्यतः बाधित है।

अनुसंधान एवं विकास (R&D) घाटे का पैमाना:

  • अनुसंधान आउटपुट बनाम जनसंख्या हिस्सेदारी: विश्व की कुल जनसंख्या में भारत की हिस्सेदारी 17.5% है। हालाँकि, यह वैश्विक अनुसंधान आउटपुट में केवल 3% का योगदान देता है। यह जनसांख्यिकीय लाभांश को ज्ञान पूँजी में बदलने की विफलता को दर्शाता है।
  • बौद्धिक संपदा का सृजन: WIPO (2023) के अनुसार:
    • कुल 64,480 पेटेंट आवेदन के साथ पेटेंट हेतु आवेदन के मामले में भारत विश्व स्तर पर छठे स्थान पर है। यह शीर्ष 20 देशों में सबसे तेज विकास दर (+15.7%) दर्शाता है।
    • हालाँकि, वैश्विक स्तर पर दायर कुल 3.55 मिलियन पेटेंट आवेदनों के संदर्भ में, भारत की हिस्सेदारी लगभग 1.8% पर कम बनी हुई है।
  • निवासी पेटेंट गहनता: प्रति दस लाख निवासियों पर निवासी पेटेंट आवेदन के मामले में भारत विश्व स्तर पर 47वें स्थान पर है, जो कुल ज्यादा आवेदन दायर किये जाने के बावजूद प्रति व्यक्ति नवाचार की निम्न गहनता को दर्शाता है।
  • अनुसंधान एवं विकास (R&D) व्यय: भारत में सकल अनुसंधान एवं विकास व्यय, हाल के वर्षों में लगातार सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 0.6% से 0.7% के बीच रहा है (और GDP बढ़ने के साथ-साथ यह अनुपात और घट रहा है)। यह चीन (GDP का लगभग 2.4%), संयुक्त राज्य अमेरिका (GDP का लगभग 3.5%) और इज़राइल (GDP का 5.4% से अधिक) से कहीं कम है।
  • कॉर्पोरेट अनुसंधान एवं विकास (R&D) तुलना: वर्ष 2023 में, चीनी प्रौद्योगिकी दिग्गज ‘हुआवेई’ (Huawei) ने अनुसंधान एवं विकास (R&D) में 7 बिलियन CNY (लगभग 23.4 बिलियन डॉलर) का निवेश किया।
    • यह भारत के कुल संयुक्त सार्वजनिक और निजी R&D व्यय से अधिक है। कॉर्पोरेट स्तर पर R&D की यह तीव्रता अगली पीढ़ी की तकनीकी शक्ति का इंजन है। जैसा कि जेन्सेन हुआंग (NVIDIA के अध्यक्ष) ने उल्लेख किया है, हुआवेई उन्नत सेमीकंडक्टर क्षमता में अमेरिका से केवल “नैनोसेकंड” पीछे है।

भारत के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र में संरचनात्मक कमजोरियाँ:

  • अनुसंधान एवं विकास वित्त पोषण में सरकार का प्रभुत्व: भारत में कुल R&D वित्त पोषण में सरकारी क्षेत्र का योगदान लगभग 63.6% है जबकि निजी औद्योगिक क्षेत्र R&D व्यय में केवल 36.4% का योगदान देता है। यह नवाचार में कमजोर औद्योगिक नेतृत्व को दिखाता है।
  • निजी क्षेत्र की सीमित भागीदारी: भारतीय उद्योग काफी हद तक जोखिम से बचता है और व्यापक परिवर्तनकारी अनुसंधान एवं विकास की अपेक्षा क्रमिक रूप से विकसित होने वाले नवाचारों पर ध्यान केंद्रित करता है।
    • कंपनियाँ घरेलू विकास की अपेक्षा प्रौद्योगिकी लाइसेंसिंग को प्राथमिकता देती हैं।
  • अकादमिक-उद्योग विच्छेद: एन.आर. नारायण मूर्ति की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय शैक्षणिक संस्थान अक्सर उद्योगों की जरूरतों से अलग-थलग काम करते हैं (सिलो दृष्टिकोण)।
    • अनुसंधान आउटपुट अक्सर सैद्धांतिक होता है, और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, व्यावसायीकरण और संयुक्त परियोजनाओं के तंत्र कमजोर बने हुए हैं।
    • यह अंतराल मूल्यवान अनुसंधान को प्रयोगशाला और बाजार के बीच के “जोखिमपूर्ण मार्ग” को पार करने से रोकता है।
  • अनुसंधान प्रतिभा का पलायन (Brain Drain): भारत बड़ी संख्या में इंजीनियर और पी.एच.डी. धारक तैयार करता है, लेकिन अपनी प्रतिभाओं बेहतर वित्तपोषण वाले विदेशी तंत्रों को खो देता है।
    • बेहतर बुनियादी ढाँचे, अनुसंधान की स्वतंत्रता और बेहतर करियर संभावनाओं के कारण शीर्ष प्रतिभाएँ विदेश पलायन करती हैं, जबकि घरेलू सुविधाएँ और वेतन मानक प्रतिस्पर्धी नहीं हैं।
  • सार्वजनिक R&D में नौकरशाही संबंधी बाधाएँ: सार्वजनिक R&D वित्तपोषण और धीमी परियोजना अनुमोदन प्रक्रियाओं से बाधित है। धन के वितरण में विलंब और अनिश्चितता दीर्घकालिक अनुसंधान कार्यक्रमों के निष्पादन को प्रभावित करती है।

आगे की राह:

  • R&D निवेश में वृद्धि: भारत को अगले पाँच से सात वर्षों के भीतर R&D व्यय को GDP के कम से कम 2% तक बढ़ाने की आवश्यकता है।
    • इसके लिए सार्वजनिक खर्च में वृद्धि और निजी क्षेत्र की भागीदारी को कुल R&D व्यय के कम से कम 50% तक बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन की आवश्यकता है।
  • अनुसंधान, विकास और नवाचार (RDI) कोष: सरकार ने 1 लाख करोड़ रुपये का अनुसंधान, विकास और नवाचार (RDI) कोष शुरू किया है।
    • हालाँकि, इसका प्रभाव कुशल वितरण और अग्रणी प्रौद्योगिकियों के लिए लक्षित समर्थन पर निर्भर करता है।
  • मिशन-उन्मुख अनुसंधान रणनीति: भारत को सेमीकंडक्टर, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), क्वांटम कंप्यूटिंग, उन्नत सामग्री और हरित ऊर्जा जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में राष्ट्रीय मिशनों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इन्हें दीर्घकालिक वित्तपोषण, राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक संप्रभुता से संबंधित स्पष्ट परिणामों से समर्थित होना चाहिए।
  • अनुसंधान केंद्रों के रूप में विश्वविद्यालय: विश्वविद्यालयों को मुख्य रूप से शिक्षण संस्थानों से अनुसंधान उत्कृष्टता के केंद्रों में विकसित होना चाहिए, जिसके लिए पी.एच.डी. कार्यक्रमों हेतु अधिक वित्त पोषण और विश्व स्तरीय बुनियादी ढाँचे की आवश्यकता है।
  • अकादमिक-उद्योग संबंधों को मजबूत करना: उद्योग प्रायोजित अनुसंधान पीठ और संयुक्त इनक्यूबेशन केंद्र जैसे संरचित तंत्र स्थापित किए जाने चाहिए।
  • बौद्धिक संपदा पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना: भारत को पेटेंट दाखिल करने की प्रक्रियाओं को सरल बनाना चाहिए और उन अन्वेषकों के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करना चाहिए जिनके पेटेंट का सफलतापूर्वक व्यावसायीकरण किया गया है।

निष्कर्ष:

भारत के पास वैश्विक नवाचार नेतृत्वकर्ता बनने की बौद्धिक क्षमता और महत्त्वाकांक्षा है। हालाँकि, अनुसंधान एवं विकास निवेश में वर्तमान घाटा, जैसा कि वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं और हुआवेई जैसी फर्मों के साथ तुलना में उजागर हुआ है, वर्ष 2047 के बाद के ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण की प्राप्ति के लिए जोखिम उत्पन्न करता है।

मुख्य परीक्षा अभ्यास

प्रश्न: भारत का जनसांख्यिकीय और मानव पूँजी लाभ, अपने आप में, एक सुदृढ़ नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र की अनुपस्थिति में तकनीकी नेतृत्व सुरक्षित करने के लिए अपर्याप्त है। इस संदर्भ में, भारत की अनुसंधान और विकास (R&D) की निम्न तीव्रता के संरचनात्मक और प्रणालीगत कारणों का परीक्षण कीजिए और राष्ट्रीय नवाचार ढाँचे को मजबूत करने के लिए नीतिगत और संस्थागत सुधारों का सुझाव दीजिए।

(15 अंक, 250 शब्द)

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.