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Lokesh Pal
July 05, 2025 05:15
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1 जुलाई 2017 को लागू भारत की गई वस्तु एवं सेवा कर (GST) प्रणाली ने हाल ही में अपनी आठवीं वर्षगांठ मनाई है।
जैसे-जैसे भारत ‘भारत-प्रथम’ से ‘भारत-विश्व-के-लिए’ के दृष्टिकोण की ओर बढ़ रहा है, समावेशी और सतत विकास के लिए अपने कर आधार को मजबूत करना महत्वपूर्ण है। इससे भी अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि कराधान को केवल केंद्र और राज्यों के बीच एक राजकोषीय व्यवस्था के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि लोगों के साथ एक अनुबंध के रूप में देखा जाना चाहिए – जिनका कल्याण सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
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