100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

बच्चों और किशोरों में डिजिटल लत के बढ़ते स्वास्थ्य संकट पर ध्यान देना

Lokesh Pal March 29, 2025 05:30 19 0

संदर्भ:

किशोरावस्था मनोविज्ञान के अनुसार एक तनाव व तूफान की अवस्था है। इसके अंतर्गत प्रारंभिक किशोरावस्था में 10 से 13 वर्ष तक के बालकों को शामिल किया जाता है। एक शोध में पाया गया है कि इस अवस्था में बालक सामाजिक दबाव, डिजिटल प्रभाव और भावनात्मक समर्थन की कमी के कारण अपराध करता है। 

किशोरावस्था से संबंधित समस्याएँ :

  • परिभाषा: किशोरावस्था बचपन से वयस्कता तक का संक्रमण काल ​​है, जो कई आयामों में महत्वपूर्ण विकास और परिवर्तनों को दर्शाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, 10 से 19 साल की उम्र के लोगों को किशोर माना जाता है। 
  • भावनात्मक परिवर्तन: किशोरों को तीव्र भावनात्मक उतार-चढ़ाव का अनुभव करना पड़ता है, क्योंकि वे अपनी व्यक्तिगत पहचान बनाना शुरू करते हैं और खुद के बारे में गहरी समझ विकसित करते हैं।
  • मनोवैज्ञानिक विकास: इस चरण के दौरान, व्यक्तियों को पहचान और आत्म-मूल्य के साथ संघर्ष का सामना करना पड़ता है, अक्सर वे इस सवाल से जूझते हैं कि वे कौन हैं और दुनिया में उनका स्थान या क्रम कहाँ हैं।
  • सामाजिक प्रभाव: इस अवस्था में उनके साथी उनके लिए एक प्रमुख प्रभाव बन जाते हैं, जो व्यवहार, वरीयताओं और मूल्यों का मार्गदर्शन करते हैं। किशोर अक्सर साथियों के दबाव और बाहरी वातावरण के प्रति अतिसंवेदनशील होते हैं|

डिजिटल युग की चुनौतियाँ:

  • विषाक्त सामग्री: इंटरनेट तक अप्रतिबंधित पहुँच व्यक्तियों, विशेषकर किशोरों को हानिकारक या विषाक्त सामग्री के संपर्क में लाती है|
  • तत्काल संतुष्टि: सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म तत्काल संतुष्टि प्रदान करने पर पनपते हैं – लाइक, कमेंट और शेयर – जो आभासी मान्यता पर लत और निर्भरता के चक्र को जन्म दे सकते हैं।
  • ऑनलाइन पहचान की प्रवृति: अनेक प्लेटफ़ॉर्म ऑनलाइन पहचान बनाने की क्षमता के साथ, व्यक्ति आत्म-धोखे या गलत बयानी में संलग्न हो सकते हैं।
  • इको चैंबर्स के माध्यम से पक्षपाती विश्वासों का सुदृढ़ीकरण: डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म अक्सर इको चैंबर्स बनाते हैं जहाँ उपयोगकर्ता केवल ऐसी सामग्री के संपर्क में आते हैं जो उनकी मौजूदा मान्यताओं के साथ संरेखित होती है, पूर्वाग्रहों को मजबूत करती है और विचारों को ध्रुवीकृत करती है।  
  • उदाहरण के लिए: YouTube के एल्गोरिदम किसी व्यक्ति की पसंदीदा सामग्री दिखाने में मदद करते हैं|
  • जागरूकता की कमी: अक्सर अभिभावकों अपनी सीमित डिजिटल साक्षरता के कारण, अपने बच्चों के सामने आने वाले डिजिटल जोखिमों को न तो समझ पाते हैं और न ही उनके संभावित जोखिमों को हल करने में सक्षम होते हैं। 
  • पीढ़ीगत अंतर: समय के साथ पीढ़ियों के बीच डिजिटल विभाजन बढ़ रहा है, क्योंकि अधिकांश माता-पिता अपने बच्चों द्वारा उपयोग की जा रही तकनीक से परिचित नहीं हैं। इस अंतर के कारण उनके मध्य गलतफहमियां पैदा होती हैं और ऑनलाइन सुरक्षा के बारे में प्रभावी संचार का अभाव होता है। 

किशोरावस्था पर सोशल मीडिया का प्रभाव:

  • सांस्कृतिक अपेक्षाएँ: “मर्द को दर्द नहीं होता” वाक्यांश कई संस्कृतियों में एक पारंपरिक कहावत है जो इस विचार को पुष्ट करती है कि पुरुषों को भावनात्मक रूप से दृढ़ और कठोर होना चाहिए।
  • भावनात्मक दमन: ऐसी कहावतें लड़कों और पुरुषों के भावनात्मक दमन में योगदान करती हैं, उन्हें दुख, डर या दर्द को छिपाने के लिए प्रोत्साहित करती हैं, जिससे दीर्घकालिक भावनात्मक मुद्दे पैदा हो सकते हैं।
  • तत्काल सार्वजनिक मान्यता: सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ने साथियों से मान्यता और पुष्टि प्राप्त करना पहले से अधिक आसान बना दिया है।
  • बढ़ी हुई अस्वीकृति: पारंपरिक अस्वीकृति के विपरीत, जो निजी तौर पर हो सकती है, ऑनलाइन अस्वीकृति अक्सर सार्वजनिक होती है और इसे व्यापक स्तर पर दर्शक देखते हैं और प्रतिक्रिया देते हैं।
  • उदाहरण के लिए: 1999 में कोलंबिन हाई स्कूल की शूटिंग इस बात का सबसे प्रामाणिक उदाहरण था कि कैसे अस्वीकृति, बदमाशी और सामाजिक अलगाव हिंसक कृत्यों में प्रकट हो सकते हैं।
  • अनैच्छिक ब्रह्मचारी: अनैच्छिक ब्रह्मचारी (जिन्हें सामान्यतः इनसेल्स कहा जाता है) वे व्यक्ति होते हैं जो इच्छा होने के बावजूद रोमांटिक या यौन संबंध बनाने में असमर्थ महसूस करते हैं।
    • वे अक्सर दूसरों से जुड़ने की असमर्थता के लिए समाज, सामाजिक संरचनाओं या अन्य व्यक्तियों को दोषी ठहराते हैं। 
    • उदाहरण के लिए: कैलिफोर्निया के 22 वर्षीय छात्र इलियट रॉजर को अक्सर अनैच्छिक ब्रह्मचर्य के हिंसक व्यवहार में बदल जाने के सबसे गंभीर मामले के रूप में उद्धृत किया जाता है।

आगे की राह :

  • भावनात्मक और शारीरिक सुरक्षा: यह महत्वपूर्ण है कि स्कूल छात्रों के लिए एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करें, जिससे भावनात्मक और शारीरिक सुरक्षा दोनों सुनिश्चित हो। 
  • उदाहरण के लिए: मुंबई पुलिस का ‘पुलिस दीदी’ कार्यक्रम मुंबई में स्कूली बच्चों की भावनात्मक और शारीरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण पहल है। 
  • डिजिटल नागरिकता: छात्रों को जिम्मेदार डिजिटल नागरिक बनाने के लिए पहल करना, आज की परस्पर संबद्ध दुनिया में आवश्यक है। 
  • साइबर सुरक्षा जागरूकता: छात्रों को इंटरनेट के जोखिमों के बारे में शिक्षित किया जाना चाहिए, जिसमें साइबरबुलिंग, पहचान की चोरी और अनुचित सामग्री के संपर्क में आना शामिल है। 
  • भावनात्मक बुद्धिमत्ता का निर्माण: खुली भावनात्मक अभिव्यक्ति बच्चों को भावनात्मक बुद्धिमत्ता का निर्माण करने में मदद करती है, जिससे वे अपनी भावनाओं को प्रभावी ढंग से समझने, व्यक्त करने और प्रबंधित करने में सक्षम होते हैं।

निष्कर्ष :

अतः स्पष्ट है कि किशोरावस्था जीवन की एक कठिन अवस्था है, लेकिन इसमें अकेलेपन की भावना नहीं होनी चाहिए। बदलते सामाजिक और डिजिटल परिदृश्य के साथ पेरेंटिंग को भी विकसित किया जाना चाहिए। अतः इसके प्रभावी समाधान के लिए, भावनात्मक समर्थन और सक्रिय भागीदारी महत्वपूर्ण है।

मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न 

प्रश्न. बच्चों और किशोरों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर डिजिटल उपकरणों के लत पड़ने के प्रभाव का परिक्षण कीजिए । इन प्रभावों को कम करने के लिए माता-पिता और सरकार द्वारा क्या उपाय किए जा सकते हैं? विस्तारपूर्वक समझाइए।                                                                                                               

(15 अंक, 250 शब्द)

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.