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Lokesh Pal
March 29, 2025 05:30
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किशोरावस्था मनोविज्ञान के अनुसार एक तनाव व तूफान की अवस्था है। इसके अंतर्गत प्रारंभिक किशोरावस्था में 10 से 13 वर्ष तक के बालकों को शामिल किया जाता है। एक शोध में पाया गया है कि इस अवस्था में बालक सामाजिक दबाव, डिजिटल प्रभाव और भावनात्मक समर्थन की कमी के कारण अपराध करता है।
अतः स्पष्ट है कि किशोरावस्था जीवन की एक कठिन अवस्था है, लेकिन इसमें अकेलेपन की भावना नहीं होनी चाहिए। बदलते सामाजिक और डिजिटल परिदृश्य के साथ पेरेंटिंग को भी विकसित किया जाना चाहिए। अतः इसके प्रभावी समाधान के लिए, भावनात्मक समर्थन और सक्रिय भागीदारी महत्वपूर्ण है।
मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्नप्रश्न. बच्चों और किशोरों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर डिजिटल उपकरणों के लत पड़ने के प्रभाव का परिक्षण कीजिए । इन प्रभावों को कम करने के लिए माता-पिता और सरकार द्वारा क्या उपाय किए जा सकते हैं? विस्तारपूर्वक समझाइए। (15 अंक, 250 शब्द) |
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