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Lokesh Pal November 11, 2024 05:30 7 0
भारत का जनसांख्यिकीय लाभांश, जो बड़ी कामकाजी आयु वाली आबादी से प्रेरित है, प्रजनन दर में गिरावट के कारण जोखिम में है। मध्यम आय के जाल से बचने के लिए, भारत को प्रमुख बाधाओं को दूर करके और कारोबारी माहौल में सुधार करके श्रमिकों को कृषि से विनिर्माण में स्थानांतरित करना होगा।
कार्यबल परिवर्तन : भारत बनाम चीन
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विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन की क्षमता होने के बावजूद, भारत को इस क्षेत्र को बढ़ावा देने में कई बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है:
भारत को अपने जनसांख्यिकीय लाभांश का अधिकतम लाभ उठाने के लिए सक्रियता से काम करना चाहिए, ताकि वह इसके विकास को प्रभावित न कर सके। हालांकि भारतीय सेवा क्षेत्र ने वृद्धि दिखाई है, अतः विनिर्माण भविष्य की आर्थिक रणनीतियों का केंद्र होना चाहिए। केवल विकास नीतियों, विनिर्माण पर ध्यान, उन्नत तकनीकी, अधिकत्तम जनसंख्या का उपयोग जैसे दृष्टिकोण पर आधारित केंद्रित प्रयासों के माध्यम से ही भारत मध्यम आय के जाल से बाहर निकलने और टिकाऊ आर्थिक विकास हासिल करने की उम्मीद कर सकता है।
मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न :प्रश्न: भारत का जनसांख्यिकीय लाभांश अवसर और चुनौतियाँ दोनों प्रस्तुत करता है। बड़ी कार्यशील आयु वाली आबादी होने के बावजूद, देश को प्रजनन दर में गिरावट और विनिर्माण क्षेत्र में संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है। भारतीय आबादी के बूढ़े होने से पहले इस जनसांख्यिकीय लाभ का लाभ उठाने के लिए आवश्यक उपायों का आलोचनात्मक विश्लेषण करें और इसकी तुलना चीन के विकास पथ से करें। (15 अंक, 250 शब्द) |
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