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एक समयोचित संपर्क, जो खाड़ी को जोड़ने में मदद करेगा (An adjusted contact, which will help in connecting the gulf)

Samsul Ansari December 18, 2023 04:57 125 0

नोट : प्रस्तुत लेख The Hindu में प्रकाशित “A time-honoured connect that will help bridge the Gulf” पर आधारित है | 

सन्दर्भ:

हाल ही में ओमान के सुल्तान अपनी पहली भारत यात्रा पर हैं। यह यात्रा क्षेत्रीय स्थिरता, प्रगति और समृद्धि के लिए भारत एवं ओमान के मध्य भविष्य में सहयोग के मार्गदर्शन का अवसर प्रदान करेगा।

प्रारंभिक परीक्षा: ओमान का अवस्थिति।

मुख्य परीक्षा: भारत-ओमान संबंध।

भारत-ओमान संबंध:

  • मजबूत संबंध:ओमान का भारत के साथ हमेशा से ही एक मजबूत संबंध रहा है। सुल्तान कबूस (Sultan Qaboos) का हमेशा भारत के प्रति झुकाव रहा है और उन्होंने भारतीय कंपनियों एवं पेशेवरों को परियोजनाएँ शुरू करने के लिए आमंत्रित किया है।
  • लोगों से लोगों का जुड़ाव: ओमान में लगभग सात लाख लोगों का एक बड़ा भारतीय समुदाय निवास करता है जिसने निरंतर विकसित हो रहे जीवंत संबंधों में योगदान दिया है।
  • सर्वकालिक मित्र: शीत युद्ध के युग के दौरान और उसके बाद भी जब अरब विश्व भारत के प्रति दुविधा की स्थिति में था और अक्सर पाकिस्तान के प्रति नरम एवं समर्थक था, उस दौर में भी ओमान ने हमेशा से ही भारत का समर्थन किया।

ओमान के कूटनीतिक कदम:

  • संतुलित संबंध: ओमान ने पश्चिमी शक्तियों और खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के देशों के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों को संतुलित किया है।
  • व्यावहारिक दृष्टिकोण बनाए रखना: यह ईरान के प्रति व्यावहारिक दृष्टिकोण रखता है, जिसके तहत इस बात का जिक्र है कि होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद नहीं किया जाएगा।
    • ईरान परमाणु समझौते (2015) में, ओमान की भूमिका अच्छी तरह से प्रलेखित और स्वीकृत है।
    • फारस की खाड़ी संकट (2019) के दौरान,ओमान ने संयुक्त राज्य अमेरिका और ईरान के मध्य तनाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
    • जीसीसी-कतर राजनयिक गतिरोध (2017) के दौरान, ओमान ने कतर के साथ राजनयिक संबंध तोड़ने में सऊदी अरब और अन्य देशों के साथ शामिल होने से इनकार कर दिया।
  • एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है: अब्राहम समझौते से बहुत पहले, अक्टूबर, 2018 के दौरान इजरायली प्रधानमंत्री की ओमान यात्रा ने क्षेत्र में ओमान के महत्व की पुष्टि की।

भारत के लिए ओमान का महत्व:

  • अरब खाड़ी क्षेत्र में ओमान, भारत का निकटतम पड़ोसी है।
  • ओमान की अवस्थिति भारत के लिए अत्यंत सामरिक महत्व की है।
  • सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के साथ, ओमान खाड़ी क्षेत्र में भारत के प्रमुख रणनीतिक भागीदारों में से है।

 भारत-ओमान रणनीतिक साझेदारी:

  • नवंबर,2008 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओमान यात्रा के दौरान भारत-ओमान रणनीतिक साझेदारी पर हस्ताक्षर किए गए थे तथा यह आपसी विश्वास और साझा हितों के दोहरे स्तंभों पर आधारित है।
  • रक्षा और सुरक्षा भागीदारी: यह 2005 में हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन (MoU) द्वारा शासित है।
    • संयुक्त अभ्यास: ओमान पहला खाड़ी देश है जिसके साथ भारत के रक्षा बलों के तीनों अंग संयुक्त अभ्यास करते हैं।
    • संकट के समय में साथी: जून, 2019 में फारस की खाड़ी संकट के दौरान, भारतीय नौसेना ने भारतीय ध्वज वाले जहाजों के सुरक्षित मार्ग को सुनिश्चित करने के लिए ‘ऑपरेशन संकल्प’ शुरू किया, जो सामान्यतः ओमान के तट से संचालित होते थे।
  • डुक्मपोर्ट पर समझौता ज्ञापन: यह क्षेत्र में संचालित भारतीय नौसैनिक जहाजों को सुरक्षा सहयोग, बुनियादी सुविधाएँ, ऑपरेशनल टर्नराउंड और अन्य लॉजिस्टिक सुविधाएँ प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण है।
  • व्यापार एवं वाणिज्य: यह भागीदारी का एक और महत्वपूर्ण स्तंभ है। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान द्विपक्षीय व्यापार 12.388 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया।
    • चीन के बाद 2022 में ओमान के कच्चे तेल के निर्यात के लिए दूसरा सबसे बड़ा बाजार भारत था।
  • अक्टूबर 2022 में, भारत और ओमान ने ओमान में रुपे डेबिट कार्ड लॉन्च किया।
  • अंतरिक्ष सहयोग: एक संबद्ध समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। ऐसी संभावना है कि आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए महत्वपूर्ण दुर्लभ पृथ्वी तत्वों (Rare Earth Metals) की संयुक्त खोज पर यह समझौता, साझेदारी को और मजबूती प्रदान कर सकता है।
  • कनेक्टिविटी: भारत को पश्चिम एशिया से होते हुए यूरोप से जोड़ने के लिए प्रस्तावित भारत-मध्य-पूर्व-यूरोप कनेक्टिविटी कॉरिडोर (IMEEC) बुनियादी ढाँचा परियोजना में, ओमान की एक महत्वपूर्ण भूमिका है।
    • भारत स्थित एक निजी कंसोर्टियम, साउथ एशिया गैस एंटरप्राइज (SAGE) की ओर से गैस के हस्तांतरण के लिए ओमान से भारत तक गहरे समुद्र में तकरीबन 1,400 किलोमीटर लंबी गैस पाइपलाइन बिछाने का प्रस्ताव है।

पश्चिम एशिया के लिए भारत का प्रवेश द्वार:

  • ओमान इस क्षेत्र के सभी महत्वपूर्ण समूहों खासकर जीसीसी, इस्लामिक सहयोग संगठन और अरब लीग का एक अभिन्न अंग है और इसलिए, यह पश्चिम एशिया के लिए भारत का प्रवेश द्वार भी है।
  • ओमान, भारत की पश्चिम एशिया नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है: भारत पश्चिम एशिया में गहन भागीदारी और सहयोग चाहता है, जिसमें से ओमान एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। 
    • क्षेत्र में प्रतिद्वंद्वी विचारधाराओं और सत्ता के खेल को प्रबंधित करने की ओमान की क्षमता इसे भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण बनाती है।

निष्कर्ष:

ओमान इस क्षेत्र में भारत का सबसे पुराना रणनीतिक साझेदार और निकटतम पड़ोसी है। दोनों देश स्वयं को शांति दूत मानते हैं और विश्व में सभी विचारधाराओं के मध्य सद्भावना रखते हैं। वर्तमान में चल रहे इज़राइल-हमास युद्ध के कारण इस क्षेत्र का परीक्षण इसके चरम बिंदु तक हो गया है, ऐसे में ओमान के सुल्तान की यह यात्रा भारत और इस क्षेत्र के लिए समयोचित एवं महत्वपूर्ण है।

प्रारंभिक परीक्षा पर आधारित प्रश्न : 

Q)  हर्मोज़ जल संधि (Strait of Hormuz) निम्नलिखित में से किसे आपस में जोड़ता है ?

      1.  फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी से |

      2.  लाल सागर को भूमध्य सागर से |

      3.  अदन की खाड़ी को लाल सागर से |

     निचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चुनाव कीजिए : 

     (a)  केवल 1 

     (b)  केवल 2 और 3 

     (c)  केवल 1 और 3 

     (d)  1, 2 और 3 

उत्तर : (a)

मुख्य परीक्षा पर आधारित प्रश्न : ओमान के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी, भारत के लिए पश्चिम एशिया की विदेश नीति में सहायक साबित हो सकता है। पश्चिम एशियाई देशों के साथ साझेदारी में भारत के समक्ष कौन-कौन से अवसर तथा चुनौतियाँ हैं ? टिप्पणी कीजिए।

                                                                                                 News Source: The Hindu

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