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कृत्रिम बुद्धिमत्ता द्वारा शिक्षा के नियमों का पुनर्लेखन

Lokesh Pal November 01, 2025 05:15 36 0

संदर्भ:

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के साथ संरेखित, 2026-27 तक कक्षा 3 से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) शुरू करने की भारत की योजना, डिजिटल कौशल बनाने के लिए एक परिवर्तनकारी शिक्षा सुधार का प्रतीक है, हालाँकि पहुँच, प्रशिक्षण और नैतिकता संबंधी चुनौतियाँ अभी भी विद्यमान हैं।

प्रारंभिक शिक्षा में AI एकीकरण:

  • NEP 2020 का संरेखण: शिक्षा मंत्रालय ने K-12 प्रणाली में AI साक्षरता को शामिल करने की योजना बनाई है, जिससे कम उम्र से ही कम्प्यूटेशनल सोच और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
  • लक्ष्य: स्वचालन और डिजिटल अर्थव्यवस्थाओं में सफल होने में सक्षम भविष्य के लिए तैयार कार्यबल का निर्माण करना।
  • पाठ्यक्रम में बदलाव: AI सीखने को रटने पर आधारित से विश्लेषणात्मक और व्यक्तिगत तरीकों में परिवर्तित करेगा, जिससे रचनात्मकता और समस्या-समाधान की प्रक्रिया को बढ़ावा मिलेगा।

शिक्षक प्रशिक्षण और कार्यान्वयन संबंधी चुनौतियाँ:

  • बड़े पैमाने पर कौशल उन्नयन: एक करोड़ से अधिक शिक्षकों को AI-आधारित शिक्षण पद्धति को अपनाने के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता है।
  • पायलट परियोजनाएं: Intel, IBM और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के साथ साझेदारी ने वर्ष 2019 से 10,000 से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया है।
  • चुनौतियाँ: परिवर्तन का प्रतिरोध, डिजिटल साक्षरता में अंतराल, तथा ग्रामीण विद्यालयों में विद्यमान अपर्याप्त बुनियादी ढाँचा।
  • मुख्य मुद्दा: कक्षाओं में AI की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि शिक्षक केवल विषय-वस्तु प्रदाता के रूप में ही नहीं, बल्कि AI सुविधा प्रदाता के रूप में भी कितनी अच्छी तरह विकसित होते हैं।

व्यक्तिगत शिक्षा के लिए एक उपकरण के रूप में AI:

  • अनुकूली शिक्षा: AI छात्र व्यवहार का विश्लेषण कर सकता है, सीखने की प्रगति को ट्रैक कर सकता है, और व्यक्तिगत आवश्यकताओं के लिए पाठों को अनुकूलित कर सकता है।
  • अंतराल को कम करना: विकलांग छात्रों या भाषा संबंधी बाधाओं का सामना करने वाले छात्रों के लिए विशेष रूप से उपयोगी, समावेशी और सुलभ शिक्षा को सक्षम करना
  • उन्नत सहभागिता: AI ट्यूटर वास्तविक समय पर फीडबैक, अतिरिक्त अभ्यास और प्रगतिशील चुनौतियाँ प्रदान करते हैं, जिससे समझ और आत्मविश्वास में सुधार होता है।

AI-संचालित कक्षाओं में विद्यमान मानवीय तत्व:

  • संवर्द्धन, प्रतिस्थापन नहीं: AI ग्रेडिंग और उपस्थिति जैसे नियमित कार्यों को स्वचालित करके शिक्षकों की सहायता करता है।
  • बढ़ी हुई रचनात्मकता: समय की बचत करके, शिक्षक भावनात्मक और वैचारिक शिक्षा – सहानुभूति, जिज्ञासा और आलोचनात्मक सोच पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
  • शिक्षक की केंद्रीय भूमिका: एक भावुक शिक्षक सीखने का अपूरणीय चालक बना रहता है, तथा यह सुनिश्चित करता है कि कृत्रिम बुद्धि मानवीय निर्णय का पूरक बने।

कार्यबल निहितार्थ और आर्थिक प्रभाव:

  • रोजगार की प्रकृति में बदलाव: नीति आयोग के अनुसार, AI 2030 तक 2 मिलियन तकनीकी रोजगार को खत्म कर सकता है, लेकिन 4 मिलियन नए रोजगारों का सृजन भी कर सकता है, जिनके लिए पुनः कौशल की आवश्यकता होगी।
  • कौशल परिवर्तन: प्रारंभिक AI शिक्षा छात्रों को डेटा विज्ञान, रोबोटिक्स और रचनात्मक कंप्यूटिंग जैसे उभरते उद्योगों के लिए तैयार करती है।
  • उद्देश्य: इसका मुख्य उद्देश्य एक ऐसे कार्यबल का निर्माण करना है जो स्वचालन के प्रति अनुकूलित हो, न कि उससे भयभीत हो।

उच्च शिक्षा में जनरेटिव AI:

  • व्यापक रूप से अपनाया जाना: भारत में 50% से अधिक उच्च शिक्षा संस्थान अब जनरेटिव AI उपकरणों का उपयोग करते हैं।
  • व्यावहारिक उपयोग: चैटबॉट, AI-आधारित क्विज़ और व्यक्तिगत अध्ययन सहायक सामग्री सहभागिता और स्व-शिक्षण को बढ़ावा देती है।
  • संभावना: ये उपकरण शैक्षिक असमानता को दूर कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए नैतिक दिशा-निर्देशों और डेटा गोपनीयता ढाँचे की आवश्यकता होती है

समावेशिता और सुगम्यता को बढ़ावा देना:

  • समतामूलक शिक्षा: AI-आधारित भाषा प्रसंस्करण उपकरण और अनुकूली सामग्री बहुभाषी और दिव्यांग शिक्षार्थियों के लिए शिक्षा को अधिक समावेशी बनाती है।
  • डिजिटल डिवाइड संबंधी चिंता: उचित पहुँच के बिना, AI शहरी और ग्रामीण स्कूलों के बीच असमानताओं को बढ़ावा दे सकता है
  • नीतिगत आवश्यकता: सोच-समझकर बनाई गई योजना में किफायती उपकरण, इंटरनेट की सुविधा और स्थानीय भाषा में AI इंटरफेस सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

निष्कर्ष:

भारत का शिक्षा में AI सुधार व्यक्तिगत और समावेशी शिक्षा की दिशा में एक साहसिक कदम है, फिर भी इसकी सफलता शिक्षक की तत्परता, न्यायसंगत पहुँच और नैतिक उपयोग पर निर्भर करती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि प्रौद्योगिकी शिक्षा के मानवीय मूल को बढ़ाती है, न कि उसे प्रतिस्थापित करती है।

मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न: प्राथमिक स्तर से ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) शिक्षा शुरू करने की भारत सरकार की योजना देश के शिक्षण तंत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव का प्रतीक है। आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए कि यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के उद्देश्यों के साथ किस प्रकार संरेखित है।

(10 अंक, 150 शब्द)

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