प्रत्येक वर्ष 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती मनाई जाती है।
एक राजनेता, कवि और राजनीतिज्ञ के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती उनके व्यक्तित्व पर विचार करने का अवसर प्रदान कराती है।
प्रारंभिक वर्ष:
संसद सदस्य: 33 वर्ष की कम आयु में, वाजपेयी संसद सदस्य बने और अपनी वाक्-पटुता कला से सभी को प्रभावित किया।
उनके जीवन से सीखने योग्य मूल्य:
ईमानदारी: उन्होंने खरीद-फरोख्त जैसे अनुचित तरीकों का उपयोग करके सत्ता में बने रहने के बजाय संसद में अविश्वास का सामना करना पसंद किया।
निर्णायक नेतृत्व: पोखरण द्वितीय परीक्षण के दौरान, यह अनुमान लगाया गया था कि भारत अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में अलग-थलग पड़ जाएगा, लेकिन उन्होंने इसे चतुराई से प्रबंधित किया।
स्टेट्समैनशिप: एक विपक्षी नेता होने के नाते, उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध में इंदिरा गांधी के साहस को सराहा और उनकी तुलना देवी दुर्गा से की।
वाजपेयी का दृष्टिकोण:
आर्थिक सुधारों का समर्थन: उन्होंने नरसिम्हा राव के शासनकाल के दौरान शुरू किये गये आर्थिक सुधारों का समर्थन किया।
दूरसंचार क्रांति: उन्होंने दूरसंचार क्षेत्र में सुधार लाए, जिससे बीएसएनएल का एकाधिकार टूट गया और निजी क्षेत्र का प्रवेश हुआ।
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