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Lokesh Pal November 08, 2024 05:15 39 0
हाल ही में, भारत के विमानन उद्योग को बम से उड़ने की धमकियों में वृद्धि के कारण भारत का विमानन क्षेत्र गंभीर संकटों का सामना कर रहा है। एक ही सप्ताह के अन्दर तकरीबन 120 से अधिक की संख्या में ऐसी घटनाएँ दर्ज की गई हैं, जिनसे विविध सक्रिय विमानन सेवाओं को प्रभावित होना पड़ा है।
9/11 हमले के बाद से ही भारत में बम धमाकों के खतरों के लिए प्रतिक्रिया दक्षता को बढ़ाने और संसाधनों को प्राथमिकता देने के लिए इन प्रतिक्रिया प्रारूपों को सख्ती से वर्गीकृत किया गया है:
ये उपाय 9/11 के बाद स्थापित अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों के अनुरूप हैं। हालाँकि, इन्हें लागू करने से काफी व्यवधान पैदा होता है, खासकर जब लैंडिंग की अनुमति में देरी होती है, जिनकी वजह से विमान को आकाश में ही कुछ समय के लिए मँडराना पड़ता है जिसकी वजह से अतिरिक्त ईंधन जलता है।
भारतीय विमानपत्तन उद्योग को हाल में मिली बम धमकियों में वृद्धि से यह क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हो रहा है, जिससे परिचालन में व्यवधान, वित्तीय नुकसान और यात्रियों में असंतोष व असुरक्षा का जोखिम बढ़ रहा है। मौजूदा जोखिम समाधान हेतु कड़े सुरक्षा उपाय आवश्यक हैं, जो महत्वपूर्ण आर्थिक और मनोवैज्ञानिक कारकों से निपटने में सहायक हो सकते हैं। सुरक्षा बहाल करने और उद्योग में विकास को बनाए रखने के लिए बढ़ी हुई सुरक्षा, प्रौद्योगिकी और समन्वय को शामिल करने वाला एक संतुलित दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है।
मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न :प्रश्न: बार-बार बम विस्फोट की अफवाहों के मद्देनजर भारत की विमानन सुरक्षा के बारे में अंतर्राष्ट्रीय धारणा का विश्लेषण करें। विमानन सुरक्षा में यात्रियों का भरोसा फिर से बनाने में कौन से विशिष्ट हस्तक्षेप सहायक हो सकते हैं? (10 अंक, 150 शब्द) |
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