100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

ट्रांसजेंडरों की भिक्षावृति पर प्रतिबंध

Lokesh Pal April 18, 2024 05:00 186 0

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम 2019 (The Transgender Persons (Protection of Rights) Act, 2019) अनुच्छेद- 14, 15, 19, 21, 23 

मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: भिक्षावृत्ति को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के पिछे तर्क, ट्रांसजेंडरों व्यक्तियों से संबंधित मुद्दे। 

संदर्भ:

हाल ही में,  भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता 144 का हवाला देते हुये, पुणे पुलिस आयुक्त (अमितेश कुमार) ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों द्वारा ट्रैफिक सिग्नलस, निजी आवासों, अस्पतालों और सार्वजनिक स्थानों में भीख मांगने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

पृष्ठभूमि  :

  • पुणे और नागपुर में प्रतिबंध जारी करना: भारतीय आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत जारी एक आदेश के माध्यम से, पुणे पुलिस आयुक्त ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर भीख मांगने से प्रतिबंधित किया है।
  • इसी तरह का प्रतिबंध पुलिस आयुक्त  (अमितेश कुमार) द्वारा साल 2023 में भी नागपुर में भी लगाया गया था। प्रारंभ में यह अस्थायी रुप से लागू किया गया परंतु धीरे-धीरे इसकी समय सीमा को बढ़ा दिया गया। 

संवैधानिक वैधानिकता

  • अनुच्छेद 14 का उल्लंघन: यह प्रतिबंध विशेष रूप से ट्रांसजेंडर समुदाय  के समानता के अधिकार को लक्षित करता है। अनुच्छेद 14 के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अलावा, कानून के समक्ष समानता या कानून के समान संरक्षण से वंचित किया जाएगा।
  • अनुच्छेद 15 का उल्लंघन: प्रतिबंध विशेष रूप से ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के  लिंग समानता के अधिकार को लक्षित करता है, जो संभावित रूप से भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15 का उल्लंघन करता है, जो धर्म, नस्ल, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव को प्रतिबंधित करता है।
  • सुहैल रशीद भट बनाम जम्मू और कश्मीर राज्य (2019): जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय ने सार्वजनिक स्थानों पर भिखारियों द्वारा संचार गतिविधि पर प्रतिबंध के खिलाफ फैसला सुनाया, और कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 19(1)(डी) के तहत उनके अधिकारों का उल्लंघन है और इसके तहत गरीबी को अपराध घोषित किया गया। 
  • हर्ष मंदर बनाम भारत संघ (2018): दिल्ली उच्च न्यायालय (D.HC)ने दिल्ली में लागू बॉम्बे प्रिवेंशन ऑफ बेगिंग एक्ट, 1959 को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि भीख मांगना कोई अपराध नहीं है। अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि भीख मांगना अक्सर सामाजिक-आर्थिक अभाव का परिणाम होता है।

हाशिये पर खड़े समूहों पर प्रभाव:

  • कलंक और भेदभाव: ऐसे प्रतिबंध और अपराधीकरण को बढ़ाने से संबंधित प्रावधान ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को और अधिक कलंकित करते हैं और भेदभाव को कायम रखते हैं।
  • औपनिवेशिक पूर्वाग्रह और संरचनात्मक भेदभाव: विशेषकर ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की गतिविधि (भीख) पर पुलिस की निगरानी और भीख मांगने का अपराधीकरण औपनिवेशिक पूर्वाग्रहों से प्रभावित नजर आता है, जो ट्रांसजेंडर समुदायों को हाशिए पर धकेलता है और उन्हें हिंसा का सामना करना पड़ रहा है।

सामाजिक-आर्थिक अधिकार:

  • आय असमानता कम करना: न केवल व्यक्ति- व्यक्ति के मध्य, बल्कि नागरिक समूहों के मध्य भी स्थिति, सुविधाओं और अवसरों में आय असमानता को कम करने का प्रयास करना। 
  • कल्याणकारी योजनाओं की आवश्यकता: ट्रांसजेंडर व्यक्तियों और अन्य हाशिए के समूहों द्वारा सामना की जाने वाली सामाजिक-आर्थिक कमजोरियों को दूर करने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, छात्रवृत्ति, रोजगार, आरक्षण और अन्य कल्याणकारी योजनाओं की  आवश्यकता हैं।

निष्कर्ष

निष्कर्ष रुप में कहा जा सकता है कि भारत जैसे विकासशील एवं लोकतान्त्रिक देश में समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए, प्रत्येक वर्ग के लिए कल्याणकारी कदम उठाये जाने चाहिए। अतः इस प्रकार के संवेदनशील सामाजिक-आर्थिक विषय भिक्षावृति और हाशिये पर धकेले जाने के मूल कारणों को संबोधित करने के लिए दंडात्मक उपायों के बजाय सहायक उपायों की आवश्यकता पर जोर दिए जाने की आवश्यकता है ।

Source: The Indian Express

प्रारंभिक परीक्षा पर आधारित प्रश्न :

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये : 

  1. 2001  की जनगणना देश की ‘ट्रांसजेंडर’ आबादी को शामिल करने वाली पहली ऐतिहासिक जनगणना थी।
  2. नवंबर 2020 में, आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए आश्रय गृह (गरिमा गृह) का निर्माण  कराया था।
  3. भारत में  कानूनी सेवा प्राधिकरण (Legal Services Authorities),  ₹ 1 ,00,000 से कम वार्षिक आय वाले ट्रांसजेंडर नागरिकों को निःशुल्क विधिक सेवाएँ प्रदान करते हैं | 

उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 

(b) केवल 1 और 3 

(c) केवल 2 और 3 

(d) उपर्युक्त  में कोई नहीं

उत्तर -d 

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.