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Lokesh Pal
March 22, 2025 05:00
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भारत का कार्यकारी-संचालित बजट (वार्षिक वित्तीय विवरण) संसदीय निगरानी को सीमित करता है, जिससे राजकोषीय पारदर्शिता बढ़ाने के लिए संसदीय बजट कार्यालय की माँग उठ रही है।
उपर्युक्त सुधार प्रक्रियागत परिवर्तनों से कहीं आगे जाते हैं, जो सार्वजनिक वित्तीय निर्णयों पर सामूहिक विचार-विमर्श सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हैं। स्पष्ट है कि संसद की अधिक भागीदारी से अधिक न्यायसंगत आर्थिक नीतियाँ तथा पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
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