100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

जाति जनगणना: सामाजिक न्याय के लिए एकमात्र तरीका नहीं

Lokesh Pal May 19, 2025 05:15 137 0

संदर्भ:

भारत की आगामी राष्ट्रीय जनगणना में जाति आधारित गणना को शामिल करने का निर्णय संभावित रूप से परिवर्तनकारी कदम हो सकता है। हालाँकि, यह उद्देश्य, नीति में देरी और सामाजिक न्याय के प्रति वास्तविक प्रतिबद्धता के बारे में भी सवाल उठाता है।

जाति जनगणना की आवश्यकता

  • जाति जनगणना का महत्व: जाति जनगणना जाति समूहों, मुख्य रूप से ओबीसी (आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग) के सामाजिक-आर्थिक स्थिति को समझने के लिए वास्तविक डेटा प्रदान करती है।
  • सकारात्मक कार्रवाई की रूपरेखा: यह लक्षित सकारात्मक कार्रवाई की योजना बनाने में मदद करती है और न्यायपालिका के समक्ष कल्याणकारी उपायों की विश्वसनीयता को बढ़ाती है।
  • ओबीसी (OBC) वर्ग में आंतरिक असमानताएँ: यह आंतरिक ओबीसी असमानताओं को उजागर कर सकती हैं, जिससे अत्यंत पिछड़े वर्गों (EBCs) के लिए नीतियाँ बनाने में मदद मिल सकती है।

जनगणना आधारित नीति निर्माण की सीमाएँ:

  • राजनीतिक दुरुपयोग का खतरा: जनगणना पर अत्यधिक निर्भरता इसे एक डेटा एकत्र करने के उपकरण के बजाय राजनीतिक उपकरण के रूप में दुरुपयोग करने का खतरा उत्पन्न करता है।
  • रजिस्ट्रार जनरल की भूमिका: रजिस्ट्रार जनरल का कार्य तटस्थ डेटा प्रस्तुत करना है, न कि नीति निर्माण को प्रभावित करना।
  • जनगणना का राजनीतिकरण: वर्तमान परिदृश्य को देखने से ज्ञात होता है कि इस ध्रुवीकृत राजनीतिक माहौल में जनगणना संचालन का राजनीतिकरण होने का खतरा है।

पूर्ण डेटा के बिना ऐतिहासिक सुधार

  • सटीक डेटा की कमी: आरक्षण और भूमि पुनर्वितरण जैसे महत्वपूर्ण सुधार राजनीतिक इच्छाशक्ति के माध्यम से लागू किए गए, न कि सटीक डेटा के आधार पर, जो कार्यसंचालन में बाधा उत्पन्न करते हैं।
  • सर्वेक्षण के बिना EWS कोटा: EWS कोटा विस्तृत सर्वेक्षण के बिना लागू किया गया था, जो यह दर्शाता है कि सरकारें नए आंकड़ों का इंतजार किए बिना भी कार्रवाई कर सकती हैं।

पहले से ही उपलब्ध मौजूदा डेटा की भूमिका

  • एससी/एसटी(SCs/STs) के डेटा की उपलब्धता: एससी/एसटी डेटा प्रत्येक दशक में होने वाली जनगणना और राष्ट्रीय सर्वेक्षणों जैसे एनएफएचएस (NFHS) और एनएसएसओका (NSSO) का हिस्सा होता है।
  • आकड़ों के बावजूद लगातार नुकसान: रिपोर्ट्स में लगातार शिक्षा, आर्थिक और सामाजिक नुकसान की निरंतरता दिखती है, फिर भी साहसिक सुधारों की कमी बनी हुई है।
  • बिहार सर्वेक्षण और एसईसीसी (SECC) निष्कर्ष: बिहार के जाति सर्वेक्षण और एसईसीसी ने ओबीसी की व्यापक कमजोरियों की पुष्टि की है।

क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व की उपेक्षा

  • निम्न क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व: विभिन्न शोध अध्ययनों से ज्ञात होता है कि कॉर्पोरेट क्षेत्रों, मीडिया, आईटी और राज्य संस्थानों में ओबीसी/एससी/एसटी की उपस्थिति बहुत कम है।
  • प्रतिनिधित्व सुधारने के लिए प्रयासों की कमी: पर्याप्त मात्रा में डेटा होने के बावजूद, उच्च शिक्षा, न्यायपालिका या नौकरशाही में उनके प्रतिनिधित्व को सुधारने के लिए कोई बड़ा प्रयास नहीं किया गया है।

डेटा बनाम राजनीतिक इच्छाशक्ति

  • सटीक आँकड़े एक निदान उपकरण के रूप में: डेटा एक निदान उपकरण के रूप में कार्य करता है, न कि स्वयं समाधान उपकरण के रूप में।
  • राजनीतिक इच्छाशक्ति द्वारा नीतियों को प्रोत्साहन: प्रभावी सार्वजनिक नीति राजनीतिक उद्देश्य, जन-आंदोलन और लोकतांत्रिक दबाव से संचालित होती है, केवल सांख्यिकी या सर्वेक्षणों से नहीं।

निष्कर्ष

अतः भारत की आगामी जाति जनगणना नीतिगत सटीकता को बढ़ा सकती है, लेकिन वास्तविक सामाजिक परिवर्तन के लिए साहसिक कदम, नैतिक स्पष्टता और निरंतर राजनीतिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता है। सबसे अधिक हाशिए पर उपस्थित समाज के विशेष वर्ग के लिए न्याय सही डेटासेट की प्रतीक्षा नहीं कर सकता।

मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न

प्रश्न. हाल ही में आगामी राष्ट्रीय जनगणना में जाति आधारित गणना को शामिल करने की घोषणा के संदर्भ में, इस प्रकार के अभ्यास के संभावित लाभ और सीमाएँ क्या हो सकती हैं? सरकार किस प्रकार से यह सुनिश्चित कर सकती है कि एकत्रित डेटा से हाशिए पर स्थित समुदायों के लिए अधिक प्रभावी व कल्याणकारी नीतियाँ बनाई जा सकें?

(15 अंक, 250 शब्द)

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.