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Lokesh Pal
October 13, 2025 05:30
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हाल ही में, हरियाणा के एक दलित आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार ने जाति-आधारित भेदभाव, प्रशासनिक उत्पीड़न और सार्वजनिक अपमान का हवाला देते हुए आत्महत्या कर ली।
उपर्युक्त मामला भारत की नौकरशाही में व्याप्त संरचनात्मक जातिगत पूर्वाग्रह को उजागर करता है। सुधारों, संवेदनशीलता और जवाबदेही तंत्रों के बिना, भारत का “मूल नौकरशाही ढाँचा” जातिगत पूर्वाग्रहों के कारण लगातार क्षरण का जोखिम उठाता रहेगा, जिससे समता और शासन व्यवस्था कमजोर होगी।
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