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नागरिक समाज संगठन और उनकी जवाबदेहिता

Lokesh Pal October 22, 2024 06:00 51 0

संदर्भ : भारत में ऐसे नागरिक समाज संगठन हैं, जो लगातार इस तथ्य की ओर ध्यान आकर्षित करते हैं कि कानून अमीर और शक्तिशाली लोगों पर समान रूप से लागू नहीं होता है, फिर भी जब उन पर कानून के उल्लंघन करने का आरोप लगाया जाता है, तो वे इसे अनुचित करार देकर राज्य द्वारा धमकी देने का आरोप लगाते हैं।

नागरिक समाज संगठन का परिचय

  • ये ऐसे संगठन हैं, जो सामाजिक नीति, राजनीतिक रणनीति, अर्थशास्त्र, सैन्य, प्रौद्योगिकी और संस्कृति सहित विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास करते हैं।
  • प्रमुख उदाहरण 
    • ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF): अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करता है।
    • नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (NCAER): यह आर्थिक अनुसंधान में विशेषज्ञता रखता है।

नागरिक समाज संगठन की भूमिका

ये शैक्षणिक ज्ञान और व्यावहारिक अनुप्रयोग के बीच एक सेतु का कार्य करते हैं तथा सैद्धांतिक अंतर्दृष्टि को कार्यान्वयन योग्य रणनीतियों में परिवर्तित करते हैं।

  • सार्वजनिक नीति : प्रभावी नीतियाँ बनाने में सरकारों की सहायता करना।
  • निर्णयकर्ता: सांसदों और विधायकों को इलेक्ट्रिक वाहनों के महत्त्व जैसे महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर जानकारी प्रदान करना ।
  • अंतर्दृष्टि : सार्वभौमिक बुनियादी आय (UBI) और आर्थिक मंदी जैसी जटिल सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियों का विश्लेषण करना तथा कार्रवाई योग्य प्रतिक्रियाएँ सुझाना।
  • नीति निर्णयन : शोध रिपोर्ट और निष्कर्षों के माध्यम से सार्वजनिक चर्चा आदि को प्रोत्साहित करना।

नागरिक समाज संगठन का महत्त्व

  • कानून और विनियमन विकास को प्रभावित करना : ये संगठन समाज को नियंत्रित करने वाले कानूनों और विनियमों को आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • सहयोग : वे निम्नलिखित के साथ मिलकर कार्य करते हैं :
    • सरकारी एजेंसियाँ : नीति प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए विशेषज्ञता प्रदान करना।
    • गैर-लाभकारी संगठन : सामाजिक पहल और कार्यक्रमों में भागीदारी करना।
    • निजी क्षेत्र : आर्थिक और तकनीकी चुनौतियों का समाधान करने के लिए सहयोग करना।
  • लोकतंत्र में योगदान : ये मुक्त चर्चाओं को बढ़ावा देते हैं तथा विशेषज्ञ विश्लेषण प्रदान करते हैं, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया सुदृढ़ होती है।
  • स्वतंत्र अनुसंधान स्रोत : ये निष्पक्ष अनुसंधान और विश्लेषण के विश्वसनीय प्रदाता के रूप में कार्य करते हैं।

नागरिक समाज संगठन के उत्तरदायित्व

  • साक्ष्य-आधारित शोध : सुनिश्चित करना, कि शोध ठोस साक्ष्य पर आधारित, निष्पक्ष तथा सरकार विरोधी किसी भी पूर्वाग्रह से मुक्त हो ।
  • वित्तपोषण में पारदर्शिता : राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जोखिम को कम करने हेतु विशेष रूप से विदेशी वित्तपोषण के संबंध में वित्त पोषण स्रोतों के बारे में पारदर्शिता बनाए रखना ।
  • हित संघर्ष : किसी भी संभावित हित संघर्ष को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना, मुख्य रूप से जब ऐसे हितधारकों के साथ कार्य कर रहे हों, जिनके निहित स्वार्थ हो सकते हैं।
  • सार्वजनिक विश्वास मानक : अपने निष्कर्षों और सिफारिशों में सार्वजनिक विश्वास बनाए रखने के लिए ईमानदारी के उच्च मानकों को बनाए रखना ।
  • नीति निर्माण में जवाबदेहिता : सरकार को उसके कानूनों और कार्यों के लिए उत्तरदायी ठहराने वाले गहन विश्लेषण प्रदान करके नीति निर्माण प्रक्रिया में जवाबदेही सुनिश्चित करें।
  • कानूनी अनुपालन : वैधता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए देश द्वारा स्थापित कानूनी ढाँचों के भीतर कार्य करना।

भारत में विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA)

  • विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA), 2010 का उद्देश्य भारत में गैर-सरकारी संगठनों और गैर-लाभकारी संगठनों को विदेशी निधियों के प्रवाह को विनियमित करना है, जिसमें गैर-लाभकारी रूप से संचालित नागरिक समाज संगठन भी शामिल हैं।
  • मुख्य प्रावधान
    • पंजीकरण की आवश्यकता : विदेशी निधि प्राप्त करने के लिए संगठनों को पंजीकरण कराना होगा।
    • विदेशी अनुदानों की रिपोर्टिंग : विदेशी अनुदानों की उचित और समय पर रिपोर्टिंग अनिवार्य है।
    • धन का उपयोग : विदेशी योगदान का उपयोग निर्दिष्ट उद्देश्यों के लिए उचित रूप से किया जाना चाहिए।
    • राष्ट्रीय हितों का पालन : संगठनों को राष्ट्रीय हितों और कानूनी ढाँचों का अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए।

नागरिक समाज संगठन के साथ जवाबदेही संबंधी मुद्दे

  • FCRA उल्लंघन : कुछ नागरिक समाज संगठन पर FCRA विनियमों का उल्लंघन करने के आरोप लगे हैं, जिससे अनुपालन को लेकर चिंताएँ बढ़ गई हैं।
  • रिपोर्टिंग विफलताएँ : विदेशी अनुदानों की अनुचित या अपर्याप्त रिपोर्टिंग के उदाहरण देखे गए हैं।
  • निधियों का अनुचित उपयोग : विदेशी योगदान का दुरुपयोग अनुसंधान के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, जिससे इच्छित उद्देश्य कमज़ोर हो सकते हैं।
  • आयकर जाँच : वित्तीय लेन-देन की बढ़ती जाँच नागरिक समाज संगठनों के बीच चिंताएँ बढ़ाती है, जिससे अधिकारियों द्वारा निशाना बनाए जाने के दावे सामने आते हैं।
  • घरेलू राजनीति पर विदेशी प्रभाव : ऐसी चिंताएँ हैं कि विदेशी वित्त घरेलू राजनीतिक आख्यानों को अनुचित रूप से प्रभावित कर सकती है, मुख्य रूप से अगर नागरिक समाज संगठन चुनावों से पहले पक्षपातपूर्ण रिपोर्ट जारी करते हैं।
    • जबकि कुछ सत्तारूढ़ दलों या विपक्ष के साथ जुड़ सकते हैं, उम्मीद यह है कि सभी को राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देनी चाहिए।

नागरिक समाज संगठनों को विनियमित करने में चुनौतियाँ

  • कानूनी अनुपालन के साथ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को संतुलित करना :
    • जब नागरिक समाज संगठन पर कानूनों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया जाता है, तो वे अक्सर राज्य द्वारा अनुचित व्यवहार और धमकी का आरोप लगाकर जवाब देते हैं।
    • यह प्रतिक्रिया जवाबदेही संबंधी चिंताएँ पैदा करती है, क्योंकि यह उनके कार्यों के लिए जाँच को स्वीकार करने में अनिच्छा को दर्शाता है, विशेष रूप से FCRA अधिनियम जैसे विनियमों के अनुपालन के संबंध में।
    • यह सुनिश्चित करना कि नागरिक समाज संगठन अपने वित्त स्रोतों के बारे में पारदर्शी हैं और कानूनी दायित्वों का पालन करते हैं, जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
  • परिचालन में बाधा डाले बिना पारदर्शिता सुनिश्चित करना : नागरिक समाज संगठन में कुछ परिचालन, जैसे कि रणनीतिक योजना और मालिकाना शोध, अक्सर गोपनीयता की आवश्यकता होती है, जो पारदर्शिता की माँगों के साथ टकराव कर सकती है।
    • संवेदनशील सूचनाओं की सुरक्षा करते हुए वित्त और संचालन के बारे में स्पष्टता को संतुलित करना सार्वजनिक प्रतिक्रिया या गलतफहमी को रोकने के लिए महत्त्वपूर्ण है।
  • विनियमों का पालन करते हुए स्वतंत्रता बनाए रखना : सरकारी वित्त प्राप्त करने वाले नागरिक समाज संगठन सरकारी नीतियों पर प्रश्न उठाने में असहज हो सकते हैं, जिससे उनकी स्वतंत्रता से समझौता हो सकता है।
  • जटिल अंतर्राष्ट्रीय वित्त परिदृश्यों को संबोधित करना : अंतर्राष्ट्रीय वित्त की जटिलताएँ अनुपालन और पारदर्शिता के लिए महत्त्वपूर्ण चुनौतियाँ प्रस्तुत करती हैं।
  • विकसित होते कानूनी और नैतिक मानकों के अनुकूल होना : गोपनीयता और डेटा सुरक्षा से संबंधित नए कानूनों के साथ बने रहना, विनियमों और नैतिक प्रथाओं का पालन करना जटिल बनाता है।

नागरिक समाज संगठन विनियमन पर वैश्विक परिप्रेक्ष्य

1. संयुक्त राज्य अमेरिका

  • आईआरएस विनियम : आंतरिक राजस्व सेवा (आईआरएस) के पास नागरिक समाज संगठन सहित कर-मुक्त संगठनों को नियंत्रित करने वाले कानून हैं।
  • प्रतिबंध : निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए लॉबिंग और राजनीतिक अभियान पर विशेष प्रतिबंध हैं।
  • स्निरसन : यदि संगठन इन विनियमों का उल्लंघन करते हैं तो कर-मुक्त स्थिति को निरस्त किया जा सकता है।

2. यूनाइटेड किंगडम

  • पारदर्शिता कानून : लॉबिंग, प्रचार और ट्रेड यूनियन प्रशासन अधिनियम, 2014 में लॉबिंग गतिविधियों में पारदर्शिता को अनिवार्य बनाया गया है।
  • पंजीकरण आवश्यकताएँ : संगठनों को राजनीतिक प्रचार से संबंधित अपनी गतिविधियों को पंजीकृत और प्रकट करना होगा।
  • प्रतिबंध : इन विनियमों का पालन न करने पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।

आगे की राह 

  • कठोर अनुपालन प्रोटोकॉल लागू करें : प्रासंगिक कानूनों और विनियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए व्यापक प्रणालियाँ स्थापित करें। 
  • कानूनी आवश्यकताओं का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें : सभी कानूनी दायित्वों को पूरा करने के लिए अनुपालन प्रथाओं की नियमित समीक्षा करें और उन्हें अपडेट करें। 
  • वित्त और संचालन में पारदर्शिता बनाए रखें : सार्वजनिक विश्वास बनाने के लिए वित्त स्रोतों और परिचालन प्रथाओं का स्पष्ट रूप से खुलासा करें। 
  • शोध अखंडता के उच्चतम मानकों को बनाए रखें : विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए निष्पक्ष और साक्ष्य-आधारित शोध का उत्पादन करने के लिए प्रतिबद्ध हों। 
  • नियामक निकायों के साथ रचनात्मक संवाद में संलग्न हों : चिंताओं को दूर करने और समाधानों पर सहयोग करने के लिए नियामकों के साथ खुला संचार बढ़ावा दें। 
  • जवाबदेही और नैतिक आचरण की संस्कृति को बढ़ावा दें : अखंडता और उत्तरदायित्व को सुदृढ़ करने के लिए संगठन के भीतर नैतिक प्रथाओं को बढ़ावा दें।

निष्कर्ष

अनुसंधान और विकास के माध्यम से सार्वजनिक नीति को आकार देने में नागरिक समाज संगठन महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हालाँकि, उन्हें सामाजिक परिवर्तन को प्रभावित करने में अपनी विश्वसनीयता और प्रभावशीलता बनाए रखने के लिए अनुपालन, पारदर्शिता तथा स्वतंत्रता से संबंधित चुनौतियों का सामना करना होगा।

मुख्य परीक्षा पर आधारित प्रश्न  

FCRA के माध्यम से विदेशी वित्त का विनियमन राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिक समाज संगठनों के कार्यों के मध्य संतुलन कैसे स्थापित करता है, वैश्विक उदाहरणों सहित चर्चा कीजिए ।

(15 अंक, 250 शब्द)

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