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Lokesh Pal September 11, 2024 05:15 158 0
स्वच्छ भारत मिशन (SBM) का एक दशक पूरा होने के अवसर पर इस मिशन की प्रगति और उसकी उपलब्धियों का आकलन करना आवश्यक हो जाता है।
2 अक्टूबर, 2019 तक सभी राज्यों ने स्वयं को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया था, जो चरण 1 के सफल समापन का प्रतीक था। इसके बाद चरण 2 पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें इन उपलब्धियों को बनाए रखने पर जोर दिया गया। इसमें यह सुनिश्चित करना शामिल है कि शौचालय चालू रहें और खुले में शौच की ओर वापसी को रोका जाए।
इन सिद्धांतों को अब वैश्विक स्तर पर बड़े पैमाने पर परिवर्तनकारी विकास कार्यक्रमों की सफलता और पूर्ण कार्यान्वयन के लिए आवश्यक माना जाता है। कई अन्य राज्य अपनी स्वच्छता पहलों को आगे बढ़ाने के लिए इन सिद्धांतों को अपना रहे हैं, जो सतत विकास लक्ष्य 6: स्वच्छता और जल तक पहुँच में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
स्वच्छ भारत मिशन कई सफल सरकारी योजनाओं में से एक है जिसका उद्देश्य आम भारतीयों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है। अन्य उल्लेखनीय पहलों में उज्ज्वला (खाना पकाने के लिए गैस सिलेंडर उपलब्ध कराना), जन धन (बैंक खाते उपलब्ध कराना), आवास योजना (आवास), आयुष्मान भारत (चिकित्सा बीमा) और जल जीवन मिशन (180 मिलियन घरों को स्वच्छ जल उपलब्ध कराना) शामिल हैं। ये कार्यक्रम इस बात का उदाहरण हैं कि कैसे बड़े पैमाने पर की गई पहल से पर्याप्त प्रगति हो सकती है। जन भागीदारी के सिद्धांत – राजनीतिक नेतृत्व, सार्वजनिक वित्तपोषण और भागीदारी जैसे प्रमुख कारकों के साथ – महत्वपूर्ण हैं और इसी तरह की बड़े पैमाने की पहल शुरू करते समय इन्हें लागू किया जाना चाहिए।
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