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Lokesh Pal
August 07, 2025 05:15
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उत्तरकाशी में बादल फटने की दुखद घटना, जिसने धराली गांव और उसके आसपास के क्षेत्रों को पूरी तरह से तबाह कर दिया, इस बात की स्पष्ट याद दिलाती है कि जलवायु परिवर्तन किस प्रकार भारत में प्राकृतिक आपदाओं को बढ़ावा दे रही है।
बादल फटना एक छोटे से क्षेत्र में छोटी अवधि की तीव्र वर्षा की घटना है। यह लगभग 20-30 वर्ग किमी. के भौगोलिक क्षेत्र में 100 मिमी./घंटा से अधिक अप्रत्याशित वर्षा के साथ एक मौसमी घटना है।
भारत को प्रतिक्रियात्मक उपायों से आगे बढ़कर जलवायु परिवर्तन के प्रति एक सक्रिय, समग्र और एकीकृत दृष्टिकोण अपनाना होगा। यह व्यवस्थित प्रयास न केवल जीवन और आजीविका की सुरक्षा के लिए, बल्कि बढ़ते जलवायु खतरों के मद्देनजर दीर्घकालिक सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न:प्रश्न. उत्तरकाशी में हाल ही में हुई बादल फटने की घटना इस बात की भयावह याद दिलाती है कि जलवायु परिवर्तन भारत में, खासकर पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील हिमालयी क्षेत्र में, प्राकृतिक आपदाओं को कैसे बढ़ा रहा है। इस संदर्भ में, भारत की वर्तमान आपदा प्रबंधन रणनीतियों का आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए और जलवायु-सहिष्णु भविष्य के लिए एक व्यापक रोडमैप सुझाइए। (250 शब्द, 15 अंक) |
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