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कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव (Colombo Security Conclave)

Samsul Ansari December 26, 2023 06:42 137 0

 नोट : प्रस्तुत लेख The Hindu में प्रकाशित “The evolving role of the Colombo Security Conclave” पर आधारित है |

संदर्भ:

  • हाल ही में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA), कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव (CSC) की छठी NSA बैठक में शामिल हुए।
  • बैठक में सदस्य-राज्य, मॉरीशस और श्रीलंका, तथा पर्यवेक्षक-राज्य, बांग्लादेश और सेशेल्स भी शामिल थे। 
  • इस बैठक में सदस्य-राज्य मालदीव अनुपस्थित था, जिसने क्षेत्रीय सहयोग पर घरेलू राजनीति के प्रभाव को रेखांकित किया।

प्रारंभिक परीक्षा: कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव (CSC) के विषय में।

मुख्य परीक्षा: कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव (सीएससी), इसकी चुनौतियाँ, महत्व और आगे की राह।

बैठक का एजेंडा:

  • पिछले वर्ष सीएससी द्वारा किए गए विकास और प्रगति के कार्यों की समीक्षा करना।
  • एक रोड मैप पर सहमति: 2024 के लिए एक सुरक्षित, संरक्षित और स्थिर हिंद महासागर को बढ़ावा देना।

कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव (CSC) के विषय में:

  • उत्पत्ति: यह 2011 में अस्तित्व में आया था, जब श्रीलंका एक त्रिपक्षीय समुद्री सुरक्षा समूह के लिए भारत और मालदीव के साथ शामिल हो गया था, लेकिन 2014 के बाद भारत और मालदीव के मध्य बढ़ते तनाव के कारण इसमें ठहराव आ गया।
  • पुनरुद्धार: 2020 में, भारत ने मॉरीशस, सेशेल्स और बांग्लादेश तक पुनरुद्धार, संस्थागतकरण और विस्तार के लिए सीएससी को आगे बढ़ाया।
  • स्तंभ: सीएससी ने पाँच स्तंभों पर ध्यान केंद्रित किया है:
    • समुद्री सुरक्षा और संरक्षा
    • आतंकवाद और कट्टरपंथ का मुकाबला
    • तस्करी और अंतरराष्ट्रीय अपराध
    • साइबर-सुरक्षा और महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे का संरक्षण
    • मानवीय सहायता और आपदा राहत।

भारत और हिंद महासागर क्षेत्र:

  • अपनी स्वतंत्रता के बाद से, भारत ने हिंद महासागर में सुरक्षा को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निभाई है।
  • समुद्र को सुरक्षित करने और अंतरराष्ट्रीय खतरों का मुकाबला करने के लिए द्वीपीय राष्ट्रों की क्षमता की कमी ने भारत को रक्षा और सुरक्षा से संबंधित क्षमता निर्माण, बुनियादी ढाँचे के विकास और उपकरण प्रावधान में सहायता करने के लिए प्रेरित करना जारी रखा है।
  • भारत ने इस क्षेत्र में तख्तापलट को रोकने या COVID-19 और बहुआयामी संकटों के दौरान मानवीय एवं आर्थिक सहायता प्रदान करने जैसे प्रथम प्रतिक्रियाकर्त्ता के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

महत्व:

  • जाँच संगठन: सीएससी ने आतंकवाद और आतंकी वित्तपोषण, नशीले पदार्थों की तस्करी, साइबर अपराध और सुरक्षा, समुद्री प्रदूषण, समुद्री कानून और तटीय सुरक्षा की जाँच की है।
  • संयुक्त कार्य समूह: ये आतंकवाद, साइबर-सुरक्षा, मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR), तस्करी एवं अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराधों पर पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं, या इन्हें अंतिम रूप दिया जा रहा है।
  • अन्य क्षेत्रों में सहयोग: देश आतंकवाद-निरोध, पुलिस, कानून प्रवर्तन और साइबर-सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में क्षमता निर्माण पर सहयोग कर रहे हैं।

भारत के लिए सीएससी का महत्व:

  • नेतृत्व के लिए: अपने नेतृत्व और सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने का अवसर।
  • खतरों का मुकाबला: अपनी भूमिका को संस्थागत बनाने, क्षेत्रीय सुरक्षा तंत्र को आकार देने और मौजूदा एवं उभरते खतरों को बेहतर ढंग से संबोधित करने का अवसर।
  • चीन फैक्टर का मुकाबला: 2000 के दशक की शुरुआत से, चीन ने अपनी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) परियोजनाओं के साथ हिंद महासागर में पर्याप्त निवेश किया है, जिससे उसे हिंद महासागर तक पहुँचने में मदद मिली है।
  • चीन की पहुँच संचार और व्यापार की महत्वपूर्ण समुद्री लाइनों को नियंत्रित करने और भारत के प्रभाव एवं उपस्थिति को सीमित करने के लिए है।
  • चीन अपनी नौसैनिक क्षमताओं को मजबूत कर रहा है और हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ मजबूत रक्षा संबंध भी बनाए हुए है।
  • इसने जिबूती में एक सैन्य अड्डा स्थापित किया है और यह श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह को नियंत्रित करता है।
  • इसने हिंद महासागर के नितल का मानचित्रण करने के लिए वैज्ञानिक जहाजों का उपयोग करना जारी रखा है।
  • चीन विकास सहयोग पर हिंद महासागर क्षेत्र फोरम जैसे प्लेटफॉर्मों के माध्यम से अपनी उपस्थिति को संस्थागत बनाकर हिंद महासागर में प्रचलित सुरक्षा तंत्र का मुकाबला करना चाहता है।

चुनौतियाँ:

  • राजनीति का प्रभाव: यह अपने सदस्य-राज्यों में घरेलू राजनीतिक परिवर्तनों के प्रति सुभेद्य है।
    • उदाहरण: हालिया बैठक से मालदीव की अनुपस्थिति। 
      • यह चीन के साथ घनिष्ठ संबंध को प्राथमिकता देने या उस राष्ट्रवादी अभियान के कारण हो सकता है ।
  • सदस्य-राज्यों द्वारा राष्ट्रवादी और चीन समर्थक कार्डों का उपयोग: सीएससी के सभी सदस्य लोकतांत्रिक हैं, और वे इन कार्डों का उपयोग अपने लाभ के लिए करते हैं क्योंकि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र प्रमुखता से उभर रहा है।
  • उदाहरण: भारत के लिए जिम्मेदारियाँ और खतरे बढ़ गए हैं तथा सीएससी अपने क्षेत्रीय नेतृत्व को मजबूत करने में मदद करने के लिए एक महत्वपूर्ण साधन बना रहेगा। 

आगे की राह:

  • भारत को मौजूदा और उभरती चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए अधिक विश्वास एवं क्षमताओं का निर्माण करने की आवश्यकता है 
  • भारत को सभी उपायों को लागू करके हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी सॉफ्टपॉवर का विस्तार करने की दिशा में काम करना चाहिए। 
  • भारत द्वारा किए गए ये पहल इस क्षेत्र के सभी देशों के समग्र विकास में योगदान करते हैं।

प्रारंभिक परीक्षा पर आधारित प्रश्न : 

Q) निम्नलिखित में से कौन-सा/से देश कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव (CSC) के सदस्य है/हैं ?

    1.  भारत 

    2.  मालदीव  

    3.  श्रीलंका 

    निचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चुनाव कीजिए 

   (a)  केवल 1 

   (b)  केवल 2 और 3 

   (c)  केवल 1 और 3 

   (d) 1, 2 और 3 

उत्तर : (d)  

मुख्य परीक्षा पर आधरित प्रश्न : वर्तमान भारत की क्षेत्रीय जिम्मेदारियाँ तथा चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव (CSC) की क्या भूमिका है? समालोचनात्मक टिप्पणी कीजिए। 

News Source: The Hindu

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