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Lokesh Pal
December 27, 2025 05:30
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हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने ‘ओल चिकी’ (Ol Chiki) लिपि का उपयोग करते हुए संथाली भाषा में भारत का संविधान जारी किया। इस कदम को केवल एक अनुवाद के रूप में नहीं, बल्कि ‘अस्मिता की अभिव्यक्ति’ (Identity Assertion) के कार्य के रूप में वर्णित किया गया है।
संथाल भारत की तीसरी सबसे बड़ी जनजाति (70 लाख से अधिक लोग) हैं, जो मुख्य रूप से झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में निवास करते हैं।
ओल चिकी लिपि का आविष्कार 1925 में पंडित रघुनाथ मुर्मु द्वारा किया गया था और वर्तमान में यह अपनी शताब्दी वर्ष मना रहा है।
इस समावेशिता को अन्य लिपियों तक विस्तारित करने की योजना है, जैसे हो (Ho) समुदाय के लिए ‘वारंग क्षिति’ (Varang Kshiti), उरांव (Oraon) समुदाय के लिए ‘कुड़ुख’ (Kurukh) भाषा और मुंडा (Mundari) समुदाय के लिए ‘नाग मुंडारी’ (Nag Mundari)।
मुख्य परीक्षा अभ्यास प्रश्न:प्रश्न: हाल ही में, भारत की राष्ट्रपति ने ‘ओल चिकी’ लिपि का उपयोग करते हुए संथाली भाषा में भारत का संविधान जारी किया। भारत में जनजातीय समुदायों के भाषाई न्याय और लोकतांत्रिक सशक्तीकरण के लिए इसके महत्त्व का परीक्षण कीजिए। (10 अंक, 150 शब्द) |
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