//php print_r(get_the_ID()); ?>
Lokesh Pal November 02, 2024 05:15 111 0
11 से 22 नवंबर 2024 तक विश्व के नेता जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) के 29वें सम्मेलन (सीओपी29) के लिए बाकू, अजरबैजान में एकत्रित होंगे। इस सम्मेलन की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें ग्रीनहाउस गैसों (जीएचजी) के वायुमंडलीय सांद्रण को स्थिर करने और जैविक कचरे से मीथेन उत्सर्जन को कम करने पर विचार किया जाना प्रस्तावित है।
मीथेन गैस :मीथेन एक ऐसी गैस है जो जलवायु परिवर्तन में अत्यधिक योगदान देती है। इसका एक अणु CO2 के एक अणु की तुलना में अधिक ऊष्मा अवशोषित कारता है, लेकिन मीथेन का वायुमंडल में जीवनकाल अपेक्षाकृत कम, अर्थात 7 से 12 वर्ष का होता है, जबकि CO2 सैकड़ों वर्ष या उससे अधिक समय तक बना रह सकता है। |
नोट : जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन पर भारत की तीसरी द्विवार्षिक अद्यतन रिपोर्ट के अनुसार, देश ने 2016 में 409 मिलियन टन CO2-समतुल्य मीथेन उत्सर्जित किया (भूमि उपयोग और वानिकी को छोड़कर)। |
फिर भी, मीथेन पर अमेरिका-चीन का जोर भारत के लिए अपशिष्ट प्रबंधन जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में उत्सर्जन को कम करने के लिए लक्षित समर्थन प्राप्त करने का अवसर प्रस्तुत करता है।
भारत सरकार ने अपशिष्ट प्रबंधन के लिए एक मजबूत नियामक ढांचा स्थापित किया है, लेकिन सीमित स्थानीय क्षमता प्रभावी कार्यान्वयन में बाधा डालती है।
प्रमुख चुनौतियाँ : डेटा गुणवत्ता
|
जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) के 29वें सम्मेलन के लिए वैश्विक नेताओं को एक दृष्टिकोण पर प्रतिबद्ध होने की आवश्यकता है। हालांकि भारत ने अपशिष्ट प्रबंधन में अपनी योजनाओं और पहलों के साथ पहले ही आधार तैयार कर लिया है। परंतु वर्तमान परिस्थितियों के तहत समय रहते भारत को मीथेन कूटनीति में आगे बढ़ना चाहिए और अपने मीथेन शमन प्रयासों के लिए अमेरिका-चीन मीथेन साझेदारी से आवश्यक सहायता लेनी चाहिए ।
मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न:प्रश्न: निकट भविष्य में वैश्विक तापमान में वृद्धि को धीमा करने के लिए मीथेन में कमी लाना महत्वपूर्ण है। भारत के मीथेन उत्सर्जन के प्रमुख स्रोतों और प्रत्येक क्षेत्र में कमी के संभावित उपायों के संदर्भ में इस कथन का परीक्षण कीजिए। (15 अंक, 250 शब्द) |
<div class="new-fform">
</div>
Latest Comments