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Lokesh Pal
August 23, 2024 05:15
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हाल ही में एसिएंटिया के फार्मा प्लांट में विस्फोट की वजह से फार्मा कंपनी में कार्य करने वाले तकरीबन 17 श्रमिकों की मृत्यु, साथ ही अनकापल्ली जिले के अचुटापुरम एसईजेड में एक अन्य रासायनिक कारखाने में आग लगने की घटना ने, औद्योगिक कारखानों में काम करने वाले श्रमिकों की जीवन सुरक्षा संबंधी मुद्दे और श्रमिकों के लिए किए जाने वाले सुरक्षा उपायों में कमी जैसे मुद्दों को पुनः चर्चा का विषय बना दिया है । यह देखते हुए कि ऐसी फैक्ट्रियाँ खतरनाक मशीनरी और रसायनों का प्रयोग करती हैं, सख्त सुरक्षा नियम बनाए जाने जरूरी हैं। ये घटनाएँ, पिछली दुर्घटनाओं के साथ, सख्त सुरक्षा उपायों को अपनाए जाने की तत्काल आवश्यकता पर बल देती हैं।
उक्त परिस्थितियों को देखते हुए, आंध्र प्रदेश के ट्रेड यूनियन दल इन औद्योगिक कंपनियों पर न सिर्फ अपनी नाराजगी ही व्यक्त कर रहे हैं बल्कि इसके लिए जिम्मेदार प्रबंधन को दंडित करने की भी मांग कर रहे हैं| साथ ही सुरक्षित कार्य वातावरण का निर्माण सुनिश्चित करने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZ) और पूरे राज्य में सभी इकाइयों की तत्काल और गहन सुरक्षा ऑडिट किए जाने की मांग कर रहे हैं।
सरकार का मुख्य लक्ष्य उद्योग प्रबंधन को बेहतर बनाना है, किंतु इसके लिए सुरक्षा उपायों से समझौता नहीं किया जाना चाहिए, जिसके लिए कुछ निम्नलिखित कदम उठाए जाने आवश्यक हैं :
उपर्युक्त उपायों को लागू करने से श्रमिकों की सुरक्षा में सुधार किया जा सकता है तथा भविष्य में होने वाली ऐसी भयावह दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। इसलिए आवश्यक है कि सभी कंपनियों को उचित मानकों को लागू करना बाध्यकारी किया जाए, जिस पर सरकार का अनिवार्य एवं कठोर नियंत्रण आवश्यक है |
मुख्य परीक्षा पर आधारित प्रश्नकार्यस्थल पर कर्मकारों की सुरक्षा की आवश्यकता को स्पष्ट कीजिए | यह भारतीय औद्योगिक क्षेत्र को किस प्रकार प्रभावित कर सकता है, विवेचनात्मक मूल्यांकन कीजिए | (15 अंक, 250 शब्द) |
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