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Lokesh Pal December 09, 2024 05:15 40 0
आधुनिक शिक्षा प्रणाली की आलोचना जीवन के महत्वपूर्ण लक्ष्यों को प्राप्त करने में इसकी स्थिति के लिए की जाती है, क्योंकि इसमें लंबे समय तक अकादमिक तैयारी करने से सामान्यतया व्यक्ति वास्तविक दुनिया की चुनौतियों से लड़ने के लिए तैयार नहीं हो पाते हैं । इस संदर्भ में शिक्षा व्यवस्था के अंतर्गत व्यावहारिक कौशल और त्वरित ज्ञान व निर्णयन क्षमता आधारित दृष्टिकोण अधिक प्रभावी हो सकते हैं।
औपचारिक शिक्षा में 18 वर्ष से ज़्यादा का समय बिताने के बावजूद, कई लोग अभी भी वास्तविक दुनिया की चुनौतियों से लड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। यह विलंबित शिक्षा प्रणाली की दक्षता और प्रभावशीलता के बारे में चिंताएँ पैदा करता है।
अतः पारंपरिक शिक्षा पथ पर पुनर्विचार की आवश्यकता है, क्योंकि सैद्धांतिक शिक्षा के अत्यधिक वर्षों के कारण अक्सर व्यक्तिगत और व्यावसायिक क्षेत्र में उन्नति करने में देरी हो रही है। शिक्षा को सफलता और आधुनिक चुनौतियों के लिए तत्परता के साथ बेहतर ढंग से जोड़ने के लिए एक व्यावहारिक, वास्तविक दुनिया का दृष्टिकोण आवश्यक है।
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