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Lokesh Pal August 27, 2024 05:15 106 0
भारत ने 1881 से 2011 तक नियमित रूप से दशकीय जनगणना आयोजित की है, केवल कोविड-19 महामारी का वर्ष इसका अपवाद है। दशकीय जनगणना में और अधिक विलंब करने का कोई औचित्य नहीं है, यह एक ऐसी आवश्यक प्रक्रिया है जो एक सदी से भी अधिक समय से हर दशक में देश की वास्तविक स्थिति व सुधार के लिए विश्वसनीय आँकड़े प्रस्तुत करती रही है।
जनगणना को युद्धस्तर पर संचालित करने के लिए सबसे पहले एक निश्चित समय-सीमा तैयार करने की आवश्यकता है। यदि यह विलंब जानबूझकर इस उद्देश्य से किया जा रहा है, ताकि 2026 में पहले परिसीमन किया जा सके, तो यह न केवल सार्वजनिक नीति के लिए ही बल्कि राज्यों के साथ संबंधों के लिए भी हानिकारक होगा। प्रक्रिया को गति देने के लिए, सटीक तकनीक का उपयोग किया जा सकता है, राज्य सहयोग कर सकते हैं और लोगों को इसके महत्व के बारे में जागरूक किया जा सकता है, ताकि समय पर जनसंख्या संबंधी सही जानकारी एकत्र करने में मदद मिल सके।
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