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Lokesh Pal
August 06, 2024 05:45
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हाल ही में, आम चुनावों से इतर, पंचायत और जिला चुनावों में भी जम्मू-कश्मीर में लोगों ने गोलियों का सामना करते हुए भी अपने मतदान का प्रयोग किया। इससे यह स्पष्ट होता है कि राज्य में लोकतंत्र का कारवां आगे बढ़ रहा है।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: अनुच्छेद 370, मानचित्र आदि। मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व आतंकवादी गतिविधियां, जम्मू-कश्मीर का राजनीतिक व आर्थिक विकास, आदि। |
ISI और आतंकवाद: पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) और रावलपिंडी स्थित सैन्य मुख्यालय अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण के बाद से ही अंर्राष्ट्रीयकरण करने के असफल प्रयासों से हताश हैं।
बढ़ते आतंकवाद और विद्यमान चुनौतियों के बावजूद, जम्मू-कश्मीर की लोकतांत्रिक प्रगति और एकीकरण के प्रयास क्षेत्र में स्थिरता और विकास के प्रति लचीलेपन और निरंतर प्रतिबद्धता का संकेत देते हैं।
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