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Lokesh Pal
July 04, 2025 05:00
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वर्ष 1975 का आपातकाल भारतीय लोकतंत्र में एक महत्त्वपूर्ण मोड़ था, जो उसके 50 वर्ष पश्चात भी हमें लोकतांत्रिक संस्थाओं की कमज़ोरी और संविधान के मूलभूत ढाँचे को बनाए रखने की आवश्यकता की याद दिलाता है।
यद्यपि विस्तृत रूप से परिभाषित नहीं किया गया है, फिर भी मूल संरचना के भाग के रूप में निम्नलिखित को व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है:
मूल संरचना सिद्धांत सिर्फ़ न्यायिक नवाचार नहीं है, यह एक जीवंत संवैधानिक तंत्र है, जो यह सुनिश्चित करता है कि भारत का लोकतंत्र और नागरिकों के अधिकार बदलते राजनीतिक परिदृश्य के बावजूद सुरक्षित बने रहें। बिना जाँच और संतुलन के स्वतंत्रता और लोकतंत्र सिर्फ़ एक और शब्द हैं।
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