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AI-आकार की विश्व में एंगेल्स का विराम

Lokesh Pal September 29, 2025 05:30 27 0

संदर्भ

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के जनक और नोबेल पुरस्कार विजेता जेफ्री हिंटन ने हाल ही में चेतावनी दी है कि AI आर्थिक असमानता को बढ़ावा दे सकता है। उनके अनुसार, समाज का एक छोटा वर्ग अत्यधिक लाभान्वित हो सकता है, जबकि अधिकांश लोगों की आय में गिरावट हो सकती है। यह चिंता एंगेल्स के विराम नामक स्थिति को उजागर करती है।

एंगेल्स के विराम की पृष्ठभूमि

  • औद्योगिक क्रांति: उत्पादकता में वृद्धि
    • ब्रिटेन में 19वीं सदी की औद्योगिक क्रांति के दौरान, बड़े पैमाने पर कारखाना उत्पादन के कारण औद्योगिक उत्पादन और राष्ट्रीय उत्पादकता में भारी वृद्धि हुई।
  • जीवन स्तर: आम आदमी के लिए कोई सुधार नहीं
    • राष्ट्रीय प्रगति के बावजूद, आम श्रमिकों के जीवन की गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं हुआ।
  • मजदूरी और कीमतें: स्थिर आय, बढ़ती लागत
    • मजदूरी स्थिर रही, जबकि बढ़ती खाद्य कीमतों के कारण अधिकांश परिवारों को अपनी लगभग सारी आय जीविका पर खर्च करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
  • असमानता: अमीर और गरीब के बीच की खाई में बढ़ोत्तरी हुई।
    • औद्योगिक उछाल ने आर्थिक और सामाजिक असमानता में नाटकीय रूप से वृद्धि की
  • एंगेल्स का विराम: कल्याण के बिना विकास।
    • अर्थशास्त्री रॉबर्ट एलन ने फ्रेडरिक एंगेल्स के नाम पर एंगेल्स विराम शब्द का निर्माण किया, जिन्होंने (कार्ल मार्क्स के साथ) इस अवधि के दौरान ब्रिटेन के श्रमिक वर्ग की गंभीर स्थितियों पर प्रकाश डाला था।

एंगेल्स के विराम के बारे में

  • एंगेल्स का विराम वह स्थिति है जहाँ कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी प्रौद्योगिकी राष्ट्रीय उत्पादकता को तो बढ़ाती है, परंतु आम आदमी के जीवन की गुणवत्ता या मजदूरी स्थिर या कम हो जाती है।
  • इससे एक अंतराल पैदा होता है, जहाँ तकनीकी प्रगति का लाभ व्यापक जनसंख्या तक पहुंचने में वर्षों लग जाते हैं।

AI के युग में आधुनिक एंगेल्स के विराम के संकेतक

  • उत्पादकता में वृद्धि, वेतन में स्थिरता: कम्पनियों को AI के उपयोग से बहुत लाभ हो रहा है, लेकिन श्रमिकों के पारिश्रमिक में यह वृद्धि प्रतिबिंबित नहीं होती।
    • उदाहरण: फिलीपींस में AI उपकरणों का उपयोग करने वाले कॉल सेंटर कर्मचारियों की उत्पादकता में 30% से 50% तक की वृद्धि देखी गई, लेकिन उनके वेतन में वृद्धि नहीं हुई।
    • छिपी हुई लागतें: AI को चलाने के लिए आवश्यक डेटा केंद्र भारी मात्रा में बिजली का उपयोग करते हैं, जिससे ऊर्जा की माँग में बढ़ोत्तरी होती है और आम लोगों के लिए बिजली के बिल में वृद्धि होती है।
  • महंगी पूरक सेवाएं: कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को महंगी “पूरक” सेवाओं की आवश्यकता होती है, जैसे क्लाउड कंप्यूटिंग, डेटा एक्सेस, साइबर सुरक्षा और कुशल कर्मचारी प्रतिधारण आदि।
    • कर्मचारियों के लिए, पूरक “प्रासंगिक बने रहने की कीमत ” है।
    • वेतन में होने वाली छोटी-मोटी वृद्धि तुरंत ही नए डिजिटल कौशल (जैसे, कोडिंग बूट कैम्प, नए प्रमाणपत्र, निरंतर सीखना) प्राप्त करने की लागत में समाप्त हो जाती है।
  • लाभों का असमान वितरण: कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) से होने वाले लाभ अत्यधिक संकेंद्रित और असमान हैं। अनुमान है कि 2030 तक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 15.7 ट्रिलियन डॉलर का योगदान देगा।
    • इस लाभ का अधिकांश हिस्सा अमेरिका और चीन को जाएगा, जहाँ प्रमुख AI कंपनियां (Google Gemini, OpenAI, DeepSeek) स्थित हैं, जिससे वैश्विक असमानता बढ़ेगी।
  • रोजगार का विस्थापन: कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) हर क्षेत्र में व्याप्त हो रहा है, जिससे रोजगार की हानि और व्यवधान उत्पन्न हो रहा है।
    • उदाहरण: डॉक्टर ChatGPT का इस्तेमाल कर रहे हैं, चीन ने विश्व का पहला AI-संचालित अस्पताल खोला है और सॉफ्टवेयर कंपनियों द्वारा AI को बढ़ावा देने के कारण हजारों लोगों को निष्काषित किया जा रहा हैं।
      • अल्बानिया ने सार्वजनिक खरीद की निगरानी और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए डायला नाम की पहली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मंत्री नियुक्त की।

ठहराव को कम करने के लिए सरकारी उपाय

  • कौशल परिवर्तन कार्यक्रम: सरकारों को श्रमिकों को पुनः कौशल प्रदान करने के लिए कार्यक्रम शुरू करने चाहिए।
    • उदाहरण: सिंगापुर का स्किल फ्यूचर प्रोग्राम श्रमिकों को नए कौशल सीखने के लिए क्रेडिट प्रदान करता है।
      • अबू धाबी ने MBZUAI (विश्व स्तर पर पहला कृत्रिम बुद्धिमत्ता विश्वविद्यालय) की स्थापना की।
  • AI लाभ का पुनर्वितरण: कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) द्वारा उत्पन्न अतिरिक्त लाभ का पुनर्वितरण किया जाना चाहिएI
    • उदाहरण: रोबोट टैक्स लागू करना और उससे प्राप्त राजस्व का उपयोग सार्वभौमिक बुनियादी आय (UBI) जैसे सामाजिक सुरक्षा उपायों के वित्तपोषण के लिए करना।
      • यूनाइटेड किंगडम और यूरोपीय संघ में यूबीआई के साथ प्रयोग, या चान-जुकरबर्ग पहल जैसी परोपकारी प्रतिबद्धताओं का उद्देश्य AI के लाभों को सार्वजनिक भलाई की ओर विस्थापित करना है।
  • AI अवसंरचना को सार्वजनिक वस्तु के रूप में समझें: सड़कों और बिजली की तरह, AI अवसंरचना को सभी नागरिकों के लाभ के लिए सार्वजनिक वस्तु के रूप में उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
    • उदाहरण: संयुक्त अरब अमीरात का K2 थिंक टैंक AI, अमेरिका और चीन की कंपनियों के वर्तमान एकाधिकार को कम करने के लिए सार्वजनिक खुले कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) मॉडल विकसित करने पर कार्य कर रहा है।

एंगेल्स का विराम उदाहरण वर्त्तमान युग में पूरी तरह लागू न होने के कारण

  • कल्याणकारी संस्थाएँ: आधुनिक समाजों में कल्याणकारी संस्थाएँ और कार्यशील लोकतांत्रिक संस्थाएँ हैं, हालांकि विश्व के कुछ हिस्सों में लोकतंत्र में गिरावट देखी जा रही है।
  • तीव्र प्रौद्योगिकी प्रसार: आज प्रौद्योगिकी बहुत तेजी से फैल रही है; एक दशक के भीतर स्मार्टफोन अरबों लोगों तक पहुँच गया, और AI सहायक भी ऐसा ही कर सकते हैं।
  • कल्याण में संभावित लाभ: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और स्वच्छ ऊर्जा में लागत कम कर सकता है, और अगर शासन इसका निष्पक्ष उपयोग सुनिश्चित करे तो इससे तुरंत लाभ मिल सकता है।
  • नीति संरेखण: यदि नवाचार को प्रभावी नीति के साथ जोड़ा जाए, तो AI एंगेल्स का विराम अपने ऐतिहासिक समकक्ष की तुलना में कम हो सकता है।

निष्कर्ष

AI गवर्नेंस के समक्ष चुनौती यह है कि AI न केवल उत्पादकता में क्रांति लाए, बल्कि मानव कल्याण में भी क्रांति लाए। एंजिल्स के विराम की तरह, इसका असर लंबे समय तक रह सकता है, लेकिन यह कितना रहेगा, यह हमारे फैसलों पर निर्भर करता है।

मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न

प्रश्न: “एंगेल्स के विराम” का विचार स्थिर मजदूरी के साथ-साथ बढ़ती उत्पादकता के विरोधाभास को दर्शाता है। इस संदर्भ में, स्पष्ट करें कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रसार से व्यापक स्तर पर कल्याणकारी लाभ मिलने से पहले असमानता कैसे बढ़ सकती है। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार कौन से सुधारक उपाय कर सकती है?

(10 अंक, 150 शब्द)

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