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Lokesh Pal December 24, 2024 05:45 12 0
भारत में संपत्ति और विरासत करों को लागू करने में ऐतिहासिक और वर्तमान चुनौतियाँ विद्यमान हैं, जैसे- कर चोरी, उच्च प्रशासनिक लागत और पूँजी पलायन का जोखिम आदि । ये चुनौतियाँ ऐसे करों को लागू करने संबंधी पूर्व प्रयासों में भी रही हैं, जिसमें वर्ष 1985 में संपदा शुल्क का उन्मूलन और वर्ष 2015 में संपत्ति कर शामिल हैं।
संपत्ति कर संबंधी चर्चाएँ जटिल है, जिसमें कर चोरी और पूँजी पलायन जैसी चुनौतियों के साथ असमानता को कम करने की क्षमता को संतुलित करना शामिल है। हालाँकि यह सामाजिक कार्यक्रमों के लिए संसाधन जुटा सकता है, लेकिन भारत में इसका क्रियान्वयन संपत्ति की प्रकृति और प्रशासनिक लागतों के कारण जटिल है; साथ ही समता और आर्थिक विकास के मध्य संतुलन बनाना महत्त्वपूर्ण बना हुआ है।
मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्नजबकि संपत्ति कर को असमानता वृद्धि के एक समाधान के रूप में प्रस्तावित किया जाता है, इसके कार्यान्वयन में कई चुनौतियाँ विद्यमान हैं। भारत में संपत्ति कर की व्यवहार्यता का आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए, इसके ऐतिहासिक अनुभव, वैश्विक रुझानों, आर्थिक विकास और सामाजिक समता संबंधी प्रभावों पर विचार कीजिए । (15 अंक, 250 शब्द) |
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