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Lokesh Pal
August 09, 2024 05:30
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अनुच्छेद 370 को समाप्त किये गये अगस्त में पांच वर्ष पूर्ण हो चुके हैं। कश्मीर में किए गए संवैधानिक परिवर्तन ने इस मुद्दे को भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों के लिए अप्रासंगिक बना दिया है जिससे यह चर्चा में है।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: अनुच्छेद 370, भारत और पाकिस्तान के बीच 1972 का द्विपक्षीय समझौता, मानचित्र आदि।
मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद कश्मीर मुद्दा, जम्मू में सीमा पार आतंकवाद, कश्मीर में उग्रवाद, आदि। |
अतः 5 अगस्त, 2019 के धारा 370 की समाप्ति के निर्णय के बाद से भारत के लिए पाकिस्तान से निपटना अपेक्षाकृत आसान रहा है। हालांकि वर्तमान में, भारत ने कश्मीर पर अंतर्राष्ट्रीय ध्यान कम कर दिया है, लेकिन पाकिस्तान के साथ चुनौतियों और घरेलू अशांति के कारण निरंतर रणनीतिक सतर्कता की आवश्यकता है।
मुख्य परीक्षा पर आधारित प्रश्न:प्रश्न: अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद कश्मीर मुद्दे पर भारत के रुख को आकार देने में अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी की भूमिका का विश्लेषण करें। (10 अंक, 150 शब्द) |
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