100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

भारत में वनाग्नि

Lokesh Pal March 20, 2024 05:15 302 0

संदर्भ:

तमिलनाडु में नीलगिरी के कुन्नूर वन क्षेत्र में लगभग एक सप्ताह से जंगल की आग में तीव्रता से विस्तार हो रहा है।

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: वनाग्नि और  नीलगिरी  क्षेत्र I

मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: वनाग्नि , पर्यावरण क्षरण और प्रदूषण से जुड़े कारण और चुनौतियाँ I

वनाग्नि के कारण:

  • प्राकृतिक कारण :
    • आकाशीय तड़ित: अनुकूल मौसम के दौरान जब बिजली जमीन पर ज्वलनशील पदार्थों से टकराती है तो बिजली के कारण जंगल में आग लग जाती है।
    • ज्वालामुखी विस्फोट: ज्वालामुखी विष्फोट के दौरान उत्सर्जित लावा जंगल के फर्श में फैल जाता है, जिससे जंगल में आग लग जाती है।
    • उच्च तापमान: गर्म और शुष्क तापमान एवं उच्च वृक्ष घनत्व जंगल की आग को फैलने में मदद करते हैं।
  • मानवजनित कारण:
    •  वन में आग तब लगती है, जब आग के किसी  स्रोत जैसे आग की कोई लौ, सिगरेट या बीड़ी, बिजली की चिंगारी या कोई अन्य ज्वलन स्रोत के संपर्क में कोई ज्वलनशील पदार्थ आ जाता है।

भारत में वनाग्नि का मौसम:

  • भारत में नवंबर से जून तक के माह के दौरान जंगलों में आग लगने का मौसम माना जाता है, विशेषकर फरवरी के बाद से, जब गर्मियों की शुरुआत होने लगती है ।
  • देश भर में आमतौर पर अप्रैल-मई के महीने में वनाग्नि के सबसे भीषण महीने होते हैं।

वनाग्नि में वृद्धि का कारण:

  • औसत तापमान में वृद्धि: पिछले दो महीनों में, दक्षिणी राज्यों में अधिकतम, न्यूनतम और औसत तापमान सामान्य से ऊपर बने हुए हैं, जिससे गर्मी के मौसम की शुरुआत से पहले ही इस क्षेत्र में गर्मी में वृद्धि में मदद मिली है।
  • शुष्क द्रव्यमान (Dry Mass) की उपलब्धता: इसके परिणामस्वरूप, सर्दी के मौसम से ही इन वनों में शुष्क बायोमास की उपलब्धता शीघ्र ही होने लगती है।
  • दक्षिण भारत का सर्वाधिक गर्म महीना: फरवरी का यह महीना वर्ष 1901 के बाद से दक्षिण भारत का सबसे गर्म महीना था और जनवरी का महीना एक सदी से भी अधिक समय में पाँचवा सबसे गर्म महीना था।
  • अतिरिक्त ताप कारक (EHF) की व्यापकता: ईएचएफ किसी क्षेत्र में लू की संभावना की भविष्यवाणी करता है।
  • शुष्कता की व्यापकता: बारिश की अनुपस्थिति और उच्च तापमान की उपस्थिति के कारण IMD द्वारा दक्षिणी भारत के लगभग सभी जिलों को ‘हल्की’ शुष्कता (Mild Aridity) के अंतर्गत वर्गीकृत किया जा चुका है ।

वन अग्नि प्रवण क्षेत्र:

  • भारतीय वन सर्वेक्षण द्वारा 2019 भारत राज्य वन रिपोर्ट में उद्घाटित किया गया था कि भारत के  36% से अधिक वन क्षेत्र, बारम्बार आग लगने के प्रति अतिसंवेदनशील हैं ।
  • संवेदनशील राज्य: हाल के दिनों में वनाग्नि की लगातार घटनाओं वाले ग्यारह मुख्य राज्य हैं:
    •  आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, मिजोरम, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड।
  • संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र में वनाग्नि की सुभेद्यता : FSI के अनुसार, शुष्क पर्णपाती वनों में गंभीर रूप से आग लगती है, जबकि सदाबहार, अर्ध-सदाबहार और पर्वतीय सम-शीतोष्ण जंगलों में आग लगने का खतरा तुलनात्मक रूप से कम होता है।

जंगल की आग का प्रभाव:

  • जैव विविधता की हानि: जंगल की आग का वन आवरण, वृक्ष विकास, वनस्पति और समग्र वनस्पतियों और जीवों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
  • मिट्टी का क्षरण: जंगल की आग के कारण मृदा, विभिन्न प्राकृतिक तत्वों, जैसे सूर्य प्रकाश , हवा और बारिश के प्रभावों के प्रति सुभेद्य हो जाती है, जिससे मिट्टी का क्षरण होता है और मिट्टी की ऊपरी उपजाऊ परत नष्ट हो जाती है।
  • मिट्टी की उर्वरता: इससे मिट्टी के कार्बनिक पदार्थ नष्ट हो जाते हैं और मिट्टी की संरचना पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
  • IAS में वृद्धि: भारत के जंगलों में कुछ आक्रामक विदेशी वनस्पति प्रजातियों का विकास  (IAS) वन की आग पर निर्भर करता है।
  • जंगली जानवरों को क्षति : जंगल की आग से वन्यजीवों और पक्षियों को काफी नुकसान होता है। इससे जंगली जीवों के निवास स्थान की क्षति होती है, जिससे अवैध शिकार, प्रतिकूल मौसम की स्थिति या शिकारी प्रजातियों द्वारा हत्या के कारण उनकी मृत्यु हो जाती है।
  • वायु प्रदूषण: वनाग्नि ताप अधिग्रहण वाली गैसों जैसे N₂O और अन्य एयरोसोल का उत्सर्जन करती है, जो क्षेत्रीय और वैश्विक जलवायु को प्रभावित करती हैं।
  • जलवायु परिवर्तन: वनाग्नि  पेड़ों, झाड़ियों, कूड़े-कचरे और मिट्टी में जमा कार्बन को वायुमंडल में उत्सर्जित कर जलवायु परिवर्तन में योगदान करती है।

भारत में वनाग्नि  को रोकने के लिए की गई पहल:

  • राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना (NDMP) 2019: संशोधित NDMP 2019 के तहत, विशिष्ट समयबद्ध कार्य योजनाओं और केंद्रीय, राज्य एजेंसियों  एवं  प्रमुख हितधारकों की स्पष्ट भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के साथ-साथ, वनाग्नि  को एक खतरे के रूप में शामिल और संबोधित किया गया है।
  • वन अग्नि चेतावनी प्रणाली: वर्ष 2004 से, FSI द्वारा  वास्तविक समय में जंगल की आग की निगरानी के लिए वन अग्नि चेतावनी प्रणाली विकसित की गयी है ।
  • अग्नि मौसम सूचकांक आधारित वन अग्नि खतरा रेटिंग प्रणाली (FFDRS): यह भूमि  पर संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करती है-
    • जोखिम में कमी और शमन
    • अत्यधिक अग्नि प्रवण क्षेत्रों की पहचान
    • संसाधन आवंटन और संग्रहण 
  • वनाग्नि पर राष्ट्रीय कार्य योजना (NAPFF): इसे वर्ष 2018 में MoEF&CC द्वारा वन सीमांत समुदायों को सूचना प्रदान कर एवं उन्हें सक्षम और सशक्त बनाकर राज्य वन विभागों के साथ काम करने के लिए प्रोत्साहित कर वनाग्नि में कमी लाने हेतु लॉन्च किया गया था।

आगे की राह :

  • वन अग्नि रेखा(Forest fire line): इसमें वन सीमा (“वन अग्नि रेखा” के रूप में पहचान प्राप्त ) के साथ संलग्न जंगल के कूड़े को हटाते हुए आग को रोकना शामिल है।
  • अग्निरोधक का निर्माण : जंगल की आग को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए और इसके प्रसार को रोकने के लिए जंगलों में छोटी-छोटी जगहें या खाईयों का निर्माण महत्वपूर्ण है।
  • राष्ट्रीय वन अग्नि ज्ञान नेटवर्क: इसे देश में वनाग्नि के सभी आयामों को कवर करने के लिए स्थापित किया जाना चाहिए।
  • वन अग्नि प्रबंधन के लिए क्षमता निर्माण और अलग प्रभाग की स्थापना
  • वनाग्नि के बारे में पूर्व सूचना प्राप्त करने, इसका पता लगाने और इसे रोकने के लिए उपयुक्त तंत्र हेतु उचित तकनीक विकसित करने के लिए वन अग्नि अनुसंधान और प्रौद्योगिकी नवाचारों को बढ़ावा देना।
  • सहयोग को सुदृढ़ करना: वनाग्नि के संबंध में प्रारंभिक चेतावनी जारी करने वाले संगठनों के साथ आवश्यक सहयोग स्थापित करने की आवश्यकता है।

News Source: Indian Express

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.