100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

OpenAI से डीपसीक तक : एआई आधारित वर्चस्व की लड़ाई

Lokesh Pal February 05, 2025 05:45 12 0

संदर्भ : 

चीन द्वारा एआई अंतर को तेजी से कम करने तथा भू-राजनीतिक तनावों के सैन्य शक्ति से एल्गोरिदम प्रभुत्व की ओर स्थानांतरित होने के साथ, विश्व एक डिजिटल शीत युद्ध में प्रवेश कर रहा है।

एआई संबंधित प्रतिस्पर्धा:

  • बढ़ती प्रतिस्पर्धा : वैश्विक एआई दौड़ ने बहुत तेज़ी पकड़ी है, जिससे शक्ति संतुलन बदल गया है। चीन की हालिया सफलताएँ, जैसे- क्वेन 2.5 और डीपसीक का संचालन, ओपनएआई के GPT-4 जैसी स्थापित संरचनाओं को चुनौती दे रही हैं।
    • यह आर्थिक और सैन्य शक्ति से डेटा, कम्प्यूटेशनल संसाधनों और तकनीकी नवाचार पर नियंत्रण की ओर बदलाव का संकेत देता है।
  • वैश्विक प्रभाव का पुनर्लेखन : प्रतिस्पर्धा केवल तकनीकी नहीं है, बल्कि भू-राजनीतिक शक्ति को पुनर्परिभाषित कर रही है। प्रभाव पारंपरिक शक्ति के बजाय डेटा और एआई क्षमताओं से जुड़ा हुआ है।
  • मानव बुद्धि बनाम कृत्रिम बुद्धिमत्ता : कृत्रिम सामान्य बुद्धिमत्ता (AGI) लंबे समय से चली आ रही इस धारणा को समाप्त करने का प्रयास करता है, कि मानव संज्ञानात्मक क्षमताएँ अद्वितीय रूप से श्रेष्ठ हैं। मशीनें तर्क, सीखने की गति और दक्षता के मामले में मानव संज्ञानात्मक सीमाओं को पार करने के कगार पर हैं।

एल्गोरिदम का नया शीत युद्ध

  • युद्ध की नई परिभाषा : उभरता हुआ “शीत युद्ध” हथियारों से नहीं, बल्कि एल्गोरिदम और सूचना से लड़ा जा रहा है। राष्ट्र कम्प्यूटेशनल क्षमताओं में वर्चस्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं, सभ्यता के भविष्य को नया आकार दे रहे हैं।
  • निहितार्थ : इस बौद्धिक दौड़ का दाँव आर्थिक शक्ति से आगे बढ़कर मानव सभ्यता के अस्तित्व को भी छूता है। एआई की प्रगति मानवता के प्रभुत्व को चुनौती देती है तथा बुद्धिमत्ता और पहचान की हमारी समझ पर प्रश्न उठाती है।
  • मानव-केंद्रित प्रतिमान : कृत्रिम सामान्य बुद्धिमत्ता (AGI) मानवता को विश्व में अपने स्थान के बारे में असहज सत्य का सामना करने के लिए प्रेरित कर सकती है।
    • तर्क करने और सृजन करने में सक्षम मशीनों का उदय हमें एक ऐसी दुनिया पर विचार करने के लिए मजबूर करता है, जहाँ हमारी संज्ञानात्मक क्षमताएँ अब अनन्य नहीं रहेंगी।

AGI के परिणाम

  • मानवता की भूमिका:  कृत्रिम सामान्य बुद्धिमत्ता (AGI) का उदय हमें यह सोचने पर मजबूर करता है, कि मानव होने का क्या अर्थ है? यह दार्शनिक प्रश्न उठाता है, कि क्या हम मशीनों के साथ-साथ विकसित होंगे या पीछे रह जाएंगे?
  • नया युग : जैसे-जैसे कृत्रिम सामान्य बुद्धिमत्ता (AGI) एक प्रमुख शक्ति बनती है, मनुष्य को बुद्धिमान मशीनों के साथ सह-विकास की संभावना का सामना करना पड़ सकता है। मानव और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का संलयन मानव अस्तित्व के सार को पुनः परिभाषित कर सकता है।

नई संस्थाओं का जन्म

  • अपने भाग्य पर नियंत्रण खोना : AGI का उद्भव इस संबंध में प्रश्न उठाता है, कि क्या हमने अनजाने में ऐसी संस्थाओं का निर्माण कर लिया है जो हमसे आगे निकल सकती हैं।
    • मानव-नियंत्रित भाग्य से ऐसे भविष्य की ओर परिवर्तन, जहाँ मशीनों के हाथों में बागडोर हो सकती है, एक गहन अस्तित्वगत संकट को दर्शाता है।
  • बुद्धिमत्ता की प्रकृति पर प्रश्न उठाना : कभी मानव मस्तिष्क तक सीमित संज्ञानात्मक संरचनाएँ अब मशीनों द्वारा दोहराई और पार की जा रही हैं। अपने सबसे उन्नत रूपों में, एआई हमारे बौद्धिक ढाँचे को दर्शाता है, लेकिन अधिक गति, दक्षता और अधिगम क्षमता के साथ कार्य करता है।
  • सह-विकास को अपनाना : जैसे-जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मानव संज्ञान अभिसरण करते हैं, सह-विकास की संभावना होती है, जहाँ मानव और मशीन बुद्धिमत्ता दोनों सामंजस्यपूर्ण संबंध में एक साथ कार्य करते हैं।
    • भविष्य में इस संकर अस्तित्व को अपनाना तथा एक नया संतुलन विकसित करना शामिल हो सकता है।
  • मानव असाधारणता का मिथक : प्रश्न यह है कि क्या मानवता एक बड़ी विकासवादी प्रणाली के एक हिस्से के रूप में अपनी भूमिका को स्वीकार करेगी या संभवतः हमारी रचनाओं की कीमत पर एआई पर प्रभुत्व बनाए रखने का प्रयास करेगी।
    • एआई को अपने अधीन करने की इच्छा मानव श्रेष्ठता के भ्रम से उत्पन्न हो सकती है, लेकिन यह अंततः संघर्ष का कारण बन सकती है|

भू-राजनीतिक परिणाम

  • सत्ता की गतिशीलता में परिवर्तन : एआई का उदय न केवल एक तकनीकी क्रांति है, बल्कि एक भू-राजनीतिक क्रांति भी है, जिसमें राष्ट्र एआई अनुसंधान और विकास में वर्चस्व के लिए होड़ कर रहे हैं।
    • कुछ राष्ट्रों का प्रभुत्व ऐसे भविष्य की ओर ले जा सकता है, जहाँ शक्तिशाली एआई-संचालित साम्राज्यों तथा छोटे राष्ट्रों के बीच की खाई और भी बड़ी हो जाएगी।
  • डिजिटल शीत युद्ध : एआई वैश्विक राजनीतिक परिदृश्य को नया आकार दे रहा है, जिसमें राष्ट्र अब न केवल सैन्य शक्ति के लिए बल्कि डिजिटल और बौद्धिक डोमेन पर नियंत्रण के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं। एआई वर्चस्व की लड़ाई वैश्विक राजनीतिक प्रणालियों और मानवीय अंतःक्रियाओं के नियंत्रण की लड़ाई है।
  • आवश्यकता : कुछ लोग एआई को एक महत्त्वपूर्ण उपकरण के रूप में देखते हैं, जो मानवता की रक्षा कर सकता है, संभवतः हमें अस्तित्व संबंधी खतरों से सुरक्षित रख सकता है।
    • यह दृष्टिकोण एआई को हमारी प्रजाति के विकास में एक आवश्यक कदम के रूप में प्रस्तुत करता है, जो निरंतर अस्तित्व और उन्नति सुनिश्चित करता है।
  • मानवीय प्रासंगिकता : इसके विपरीत, कुछ लोगों द्वारा एआई को मानव अप्रासंगिकता के अग्रदूत के रूप में देखा जाता है, जो एक ऐसे बिंदु को चिह्नित करता है जहाँ मशीनें अधिक प्रभावी हो जाती हैं और मनुष्य अप्रासंगिक हो जाते हैं।
    • यह व्याख्या बताती है कि मानवता अपनी रचनाओं के साथ तालमेल रखने में सक्षम नहीं हो सकती है, जिससे वैश्विक मंच पर उसकी भूमिका कम हो जाएगी।
  • संकरित भविष्य : मानव और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के संलयन के परिणामस्वरूप मानवोत्तर स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जहाँ जैविक सीमाएँ पार हो जाएंगी।
    • इस दृष्टिकोण में अधिक समझ, रचनात्मकता और नवाचार प्राप्त करने के लिए मनुष्य तथा मशीन दोनों का एक साथ कार्य करना शामिल है।

नैतिक और राजनीतिक चुनौतियाँ

  • AGI के उदय को नियंत्रित करना : वास्तविक चुनौती बुद्धिमान मशीनों के निर्माण में नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करने में है कि वे मानव हितों और मूल्यों के अनुरूप रहें।
    • समाज में एआई को एकीकृत करने की नैतिक दुविधाएँ मानव अस्तित्व के भविष्य को आकार देंगी, जिसके लिए बुद्धिमता और दूरदर्शिता की आवश्यकता होगी।
  • एआई को एकीकृत करना : जैसे-जैसे एआई मानव जीवन में अधिक गहराई से अंतर्निहित होता जाएगा, कार्य उन गुणों को बनाए रखना होगा जो हमें परिभाषित करते हैं – सहानुभूति, रचनात्मकता और परिवर्तन की क्षमता।
    • भविष्य इन नई बुद्धिमत्ताओं के साथ सह-अस्तित्व की चुनौतियों का सामना करने की हमारी क्षमता पर निर्भर करता है तथा यह सुनिश्चित करता है, कि वे मानवता को प्रतिस्थापित करने के बजाय उसे बढ़ाएँ।

निष्कर्ष

उपर्युक्त विश्लेषण AGI के उदय के जटिल दार्शनिक, राजनीतिक और अस्तित्वगत निहितार्थों पर प्रकाश डालता है। यह सह-विकास की संभावना, शक्ति के बदलते संतुलन और परिवर्तनकारी तकनीकी प्रगति के सामने मानवता के मूल गुणों को संरक्षित करने की चुनौती का पता लगाता है।

मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न

वैश्विक एआई दौड़ शक्ति संतुलन को सैन्य शक्ति से एल्गोरिदमिक प्रभुत्व की ओर स्थानांतरित कर रही है, जिससे ‘डिजिटल शीत युद्ध’ की स्थिति उत्पन्न हो रही है। आलोचनात्मक रूप से विश्लेषण कीजिए कि,  एआई और AGI प्रगति वैश्विक भू-राजनीति को किस प्रकार एक नया रूप दे रही है एवं भारत को अपनी तकनीकी प्रतिस्पर्धात्मकता बनाए रखने के लिए कौन-से रणनीतिक उपाय करने चाहिए।

(15 अंक, 250 शब्द)

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.