100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

गिग इकोनॉमी

Lokesh Pal March 20, 2024 05:30 215 0

संदर्भ: 

हाल ही में कई भारतीय शहरों में ‘प्रिज़नर ऑन व्हील्स’ नामक शीर्षक से किये गए एक सर्वेक्षण में कई कैब ड्राइवरों और डिलीवरी बॉयज के सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला गया ।

मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: कार्य का अनौपचारिकीकरण: विभिन्न आयाम।

गिग इकोनॉमी के बारे में:

  • गिग इकॉनमी एक श्रम बाजार है, जो पूर्णकालिक स्थायी कर्मचारियों के बजाय स्वतंत्र संविदाकारों (Contractor) और फ्रीलांसरों पर निर्भर करता है।
  • हाल के वर्षों में रुझान में परिवर्तन : ‘गिगिफिकेशन’ या गिग मॉडल को अपनाने में वृद्धि के कारण कार्य गत्यात्मकता (Work Dynamics) को नया आकार प्राप्त हुआ है ।
  • गिग वर्कर्स में शामिल हैं :
    • फ्रीलांसर (Freelancer) जिन्हें प्रति कार्य भुगतान प्राप्त होता है।
    • स्वतंत्र संविदाकार (Independent contractors) जो कार्य करते हैं और अनुबंध-दर-अनुबंध के आधार पर भुगतान प्राप्त करते हैं।
    • परियोजना-आधारित श्रमिक (Project-based workers) जिन्हें परियोजना के अनुसार भुगतान मिलता है।
    • अस्थायी कर्मचारी (Temporary hires) जो एक निश्चित समय के लिए नियोजित होते हैं।
    • अंशकालिक कर्मचारी (Part-time workers) जिनकी कार्य अवधि  पूर्णकालिक घंटों से कम होती हैं।

भारत में गिग अर्थव्यवस्था:

  • वर्तमान स्थिति: नीति आयोग के अनुसार, 2020-21 में 77 लाख (7.7 मिलियन) कर्मचारी गिग इकॉनमी में संलग्न थे और इस कार्यबल के  “2029-30 तक 2.35 करोड़ (23.5 मिलियन) श्रमिकों तक विस्तारित होने की उम्मीद है”।
  • CAGR: एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (ASSOCHAM) की रिपोर्ट के अनुसार भारत की गिग-अर्थव्यवस्था वार्षिक रुप से 17 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ रही है।
  • जनसांख्यिकीय लाभांश की प्राप्ति में महत्वपूर्ण: दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कार्यशील आबादी के साथ, भारतीय कार्यबल के आकार में वर्ष 2049 तक वृद्धि होती रहेगी ।

गिग इकोनॉमी के लाभ

  • श्रमिकों के लिए: गिग अर्थव्यवस्था अधिक लचीलापन, स्वायत्तता, आय के अवसर, कौशल विकास और समावेशन प्रदान कर सकती है।
  • नियोक्ताओं के लिए: यह नियोक्ताओं की प्रतिभा के एक बड़े और विविध पूल तक पहुँच, निम्न निर्धारित लागत, उच्च स्केलेबिलिटी और बेहतर ग्राहक संतुष्टि को सक्षम बना सकता है।
  • ग्राहकों के लिए: यह ग्राहकों को ज्यादा  विकल्प, बेहतर सुविधा, गुणवत्ता और सामर्थ्य प्रदान कर सकता है

भारत में गिग इकोनॉमी नियामक ढाँचा:

  • वेतन संहिता, 2019: गिग श्रमिकों सहित सभी संगठित और असंगठित क्षेत्रों को एक सार्वभौमिक न्यूनतम वेतन प्रदान किया जाना चाहिए।
  • सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020: इसके तहत गिग श्रमिकों को एक नई व्यावसायिक श्रेणी के रूप में मान्यता प्रदान की जाती है।
  • समर्पित सामाजिक सुरक्षा कोष: यह गिग श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करता है।
  • मोटर वाहन एग्रीगेटर दिशानिर्देश, 2020: इसके तहत 2020-21 को आधार वर्ष के रूप में और प्रत्येक वर्ष 5% की वृद्धि के साथ, गिग-श्रमिक 15 लाख रुपये का टर्म बीमा और 10 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा पाने के हकदार हैं।

भारत में गिग इकॉनमी से जुड़ी चिंताएँ:

  • औपचारिकता का अभाव: भारत में कई गिग श्रमिक अनौपचारिक क्षेत्र में काम करते हैं,  जो ऋण, सरकारी सहायता कार्यक्रमों और अन्य संसाधनों तक पहुँच संबंधी उनकी क्षमता को सीमित कर सकता है।
  • कानूनी सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा का अभाव: गिग श्रमिक भारत के श्रम कानूनों के अंतर्गत नहीं आते हैं और कार्यस्थल पर उत्पीड़न, भेदभाव या अनुचित रूप से कार्य-समाप्ति के मामले में उन्हें कानूनी सुरक्षा नहीं मिलती है।
  • भुगतान, प्रोत्साहन और ग्रोथ  संबंधी मॉडल का अभाव : न्यूनतम वेतन गारंटी का अभाव श्रमिकों की असुरक्षा को बढ़ा देता है।
  • प्रशिक्षण और अपस्किलिंग: कई गिग वर्कर्स में अपना काम बेहतर ढंग से करने के लिए आवश्यक कौशल की कमी पाई जाती है।
  • सामाजिक कलंक: भारत में गिग वर्क को अभी भी एक अस्थायी और कम वेतन वाली नौकरी के रूप में देखा जाता है। समाज में उनके द्वारा किये गये कार्यों को अभी भी मान्यता प्राप्त नहीं है।
  • स्वैच्छिक बेरोजगारी में वृद्धि: इससे स्वैच्छिक बेरोजगारी में वृद्धि होती है, क्योंकि कुछ लोग पारंपरिक कार्य की तुलना में स्वायत्तता और लचीलेपन को प्राथमिकता देते हैं।
  • कार्य-जीवन संतुलन में व्यवधान : इससे कार्य-जीवन संतुलन में व्यवधान आता है, विशेष रूप से नींद के पैटर्न और  दैनिक जीवन की गतिविधियों आदि में ।
  • नौकरी की सुरक्षा: श्रमिकों को आम तौर पर असाइनमेंट या प्रोजेक्ट के आधार पर नियुक्त किया जाता है, जिससे नौकरी के संबंध में असुरक्षा की स्थिति व्याप्त रहती है ।

आगे की राह  :

  • नियमित घंटों से इतर ओवरटाइम भुगतान: इस कार्य की भौतिक रूप से गहन प्रकृति को ध्यान में रखते हुए, कार्य के ‘नियमित’ घंटों की संख्या निर्धारित करने की आवश्यकता है, जिसके बाद के ओवरटाइम का प्लेटफार्म को भुगतान किया जाना चाहिए ।
  • प्लेटफ़ॉर्म श्रमिकों को न्यूनतम वेतन का भुगतान: गिग और प्लेटफ़ॉर्म श्रमिकों को कर्मचारियों के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए।
  • गिग श्रमिकों के संबंध में कार्य के लचीलेपन को संरक्षित करना: गिग श्रमिकों के लिए निर्मित सामाजिक सुरक्षा के तहत काम के लचीलेपन को संरक्षित करने का प्रयास करना चाहिए I
  • ऐप-आधारित कर्मचारियों के लिए सुदृढ़ सामाजिक सुरक्षा: सरकार को ऐसे श्रमिकों की निगरानी के लिए प्लेटफार्मों द्वारा उपयोग किए जाने वाले एल्गोरिदम और प्रणाली की निष्पक्षता पर निगरानी रखने की आवश्यकता है।
  • गिग श्रमिकों के लिए कल्याण बोर्ड: गिग श्रमिकों के कल्याण के लिए इस बोर्ड को स्थापित करने की आवश्यकता है और एग्रीगेटर्स के लिए सभी पंजीकृत गिग श्रमिकों का विवरण बोर्ड को प्रदान करना अनिवार्य होना चाहिए।
  • व्यावसायिक स्वास्थ्य खतरों को संबोधित करना: विशेष रूप से अंतर्निहित जोखिम वाली भूमिकाओं के लिए आवश्यक सुरक्षा प्रशिक्षण देना चाहिए, क्योंकि सुरक्षा संबंधी उपाय और विभिन्न संसाधन अस्थायी श्रमिकों को प्रोत्साहित करने में काफी मदद कर सकते हैं।
  • मानसिक स्वास्थ्य को संबोधित करना: कंपनियों को अस्थायी श्रमिकों हेतु कार्य-जीवन संतुलन और ब्रेक लेने संबंधी प्रक्रियाओं को सामान्य बनाने का प्रयास करना  चाहिए।

News Source: Business Insider

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.