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Lokesh Pal
July 03, 2025 05:15
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भारत वैश्विक एआई शासन का नेतृत्व करने की इच्छा रखता है, लेकिन उसके पास एक व्यापक राष्ट्रीय रणनीति का अभाव है। लोकतांत्रिक निगरानी और संस्थागत स्पष्टता के अभाव में उसकी यह महत्वाकांक्षा तकनीकी रूप से अप्रभावी होने का जोखिम उठाती है।
एआई के प्रति भारत का दृष्टिकोण अनुत्तरित मूलभूत प्रश्नों से भरा हुआ है।
निम्नलिखित को परिभाषित करने की आवश्यकता है:
वैश्विक एआई शासन में भारत की विश्वसनीयता घरेलू स्तर पर सामंजस्य और लचीलेपन पर निर्भर करती है। अगर भारत को एआई शासन का एक मजबूत वैश्विक नेतृतत्वकर्ता बनना है, तो लोकतांत्रिक सहमति और मजबूत संस्थागत ढांचा बनाना होगा जो कि वर्तमान परिस्थितियों में एक चुनौतीपूर्ण होने के साथ ही आवश्यक भी है।
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