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गृह मंत्रालय का क्रमिक परिवर्तन

Lokesh Pal April 09, 2025 05:15 17 0

संदर्भ:

हाल ही में गृह मंत्रालय में कुछ क्रमिक परिवर्तन सुनिश्चित किये जाने पर बल दिया गया है। गृह मंत्रालय का विकास मुख्य रूप से उस समय की सुरक्षा चुनौतियों के कारण हुआ है। 1980 के दशक से आतंकवाद और उग्रवाद के बढ़ने के कारण सुरक्षा व्यय में वृद्धि हुई। पंजाब के उग्रवाद, कश्मीर के आतंकवाद और माओवादी हिंसा के लिए प्रत्यक्ष हस्तक्षेप की आवश्यकता थी, क्योंकि राज्य पुलिस इन खतरों को रोकने के लिए संघर्ष कर रही थी।

सुधारों के माध्यम से शासन:

  • संकट प्रबंधन: सरकारों का अक्सर इस आधार पर मूल्यांकन किया जाता है कि वे आपदाओंसंघर्षों और कानून-व्यवस्था की चुनौतियों जैसे संकटों पर कितनी अच्छी तरह प्रतिक्रिया देते हैं।
    • यद्यपि तत्काल संकट प्रबंधन आवश्यक है, लेकिन यह अक्सर दीर्घकालिक समाधान सुनिश्चित किए बिना अल्पकालिक समस्याओं को संबोधित करता है
  • सुधार का विजन: ‘सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विजन है, जो अस्थायी सुधारों की तुलना में  संरचनात्मक सुधारों के महत्व पर बल देता है।
    • इस दृष्टिकोण को गृह मंत्रालय (MHA) में महत्वपूर्ण अभिव्यक्ति मिली है, जो एक प्रतिक्रियात्मक निकाय से सक्रिय संस्थागत सुधारों पर केंद्रित एक निकाय में परिवर्तित हो गया है

गृह मंत्रालय (MHA) का विकास:

  • गृह मंत्रालय की पारंपरिक भूमिका: ऐतिहासिक रूप से, गृह मंत्रालय को एक ‘संकट मंत्रालय’ के रूप में देखा जाता था, जो दंगों उग्रवाद और राज्यों में शासन की विफलताओं  के दौरान हस्तक्षेप करता था।
    • इसके द्वारा किये गए हस्तक्षेपों पर अक्सर आरोप लगते हैं कि ये  प्रतिक्रियात्मक थे, संस्थागत सुधारों के माध्यम से अशांति को रोकने के बजाय उसे संबोधित करते थे।
  • फोकस में बदलाव: हाल के वर्षों में, गृह मंत्रालय ने संरचित सुरक्षा वास्तुकला और संस्थागत लचीलेपन को प्राथमिकता देते हुए विकास किया है। 
    • आतंकवाद निरोधी कानूनों को मजबूत करनेसुरक्षा एजेंसियों को आधुनिक बनानेप्रौद्योगिकी को अपनाने और खुफिया समन्वय में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
  • संवैधानिक सशक्तीकरण: भारतीय संविधान के विभिन्न अनुच्छेद 355256 और 356 के तहत गृह मंत्रालय को सशक्त बनाया गया है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों पर केंद्र-राज्य समन्वय सुनिश्चित होता है। सुरक्षा और शासन का यह एकीकरण गृह मंत्रालय को राष्ट्रीय स्थिरता का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनाता है।

सुरक्षा चुनौतियों पर गृह मंत्रालय की प्रतिक्रिया:

  • प्रत्यक्ष हस्तक्षेप: गृह मंत्रालय का विकास सुरक्षा चुनौतियों, विशेष रूप से आतंकवाद, उग्रवाद और सीमा मुद्दों के जवाब में हुआ है। 
    • पंजाब के उग्रवाद, कश्मीर के आतंकवाद और माओवादी हिंसा में प्रत्यक्ष हस्तक्षेप की आवश्यकता थी, क्योंकि राज्य पुलिस इन खतरों को रोकने के लिए अत्यधिक संघर्ष कर रही थी।
  • केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों पर निर्भरता: असम राइफल्सबीएसएफ, सीआईएसएफ और सीआरपीएफ जैसे सीएपीएफ सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए, खासकर कश्मीर और मध्य भारत जैसे क्षेत्रों में, महत्वपूर्ण रहे हैं। 
    • सीआरपीएफ की रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) अशांति के दौरान दंगा नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही है
  • सीआईएसएफ का गठन: 1970-80 के दशक में औद्योगिक अशांति ने सीआईएसएफ के गठन में योगदान दिया, जिसे पश्चिम बंगाल और केरल जैसे क्षेत्रों में हड़तालों और औद्योगिक सुरक्षा का प्रबंधन करने का काम सौंपा गया था।

गृह मंत्रालय से जुड़ी प्रमुख चुनौतियाँ:

  • प्रमुख सुरक्षा हॉटस्पॉट: करीब चार दशकों तक कश्मीरउत्तर-पूर्व और मध्य भारत (नक्सल क्षेत्र) गृह मंत्रालय के लिए प्रमुख सुरक्षा हॉटस्पॉट रहे हैं। हालांकि इन संवेदनशील क्षेत्रों पर बहुत अधिक ध्यान देने की आवश्यकता थी, जिसकी वजह से हज़ारों लोगों की जान चली गई, जिनमें सुरक्षाकर्मी और नागरिक दोनों शामिल थे।
  • अवसर लागत: इन क्षेत्रों में लम्बे समय से चल रहे संघर्ष के कारण  लगभग 36,000 कार्मिकों और इतनी ही संख्या में नागरिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।
    • सुरक्षा बलों को मुख्य रूप से इन संघर्ष के प्रमुख सुरक्षा हॉटस्पॉट क्षेत्रों में तैनात किया गया, जिससे पुलिस आधुनिकीकरणएजेंसी समन्वय और मादक पदार्थों पर नियंत्रण जैसे अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों से ध्यान हटा दिया गया
  • बार-बार नेतृत्व परिवर्तन: ऐतिहासिक रूप से, बार-बार नेतृत्व परिवर्तन ने गृह मंत्रालय की नीति-निर्माण प्रक्रिया को प्रभावित किया है, जिसके परिणामस्वरूप आंतरिक सुरक्षा सुधारों में अस्थिरता देखी गई है।
    • इंदिरा गांधी के तीसरे कार्यकाल और राजीव गांधी के कार्यकाल में चार गृह मंत्री बने, जिससे दीर्घकालिक योजना प्रभावित हुई।
  • स्थिरता का युग:  पी.वी. नरसिम्हा राव और अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल में नेतृत्व में स्थिरता थी, तथा उनके पूरे कार्यकाल के दौरान एकल गृह मंत्री रहे, जिससे आंतरिक सुरक्षा सुधारों में निरंतरता बनी रही।

भारत के सुरक्षा ढांचे में रणनीतिक सुधार:

  • प्रतिक्रियात्मक कानून: आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (टाडा) पंजाब विद्रोह के बाद लागू किया गया था। आतंकवाद निरोधक अधिनियम (पोटा) 2001 के संसद हमले के बाद बनाया गया था, जबकि राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) का गठन 26/11 के मुंबई हमलों के बाद किया गया था। 
    • ये कानून विशिष्ट घटनाओं के प्रति महत्त्वपूर्ण रूप से प्रतिक्रियात्मक कार्यवाही  थीं, न कि व्यापक, सक्रिय सुरक्षा ढांचे का हिस्सा।
  • व्यापक परिवर्तन: 2019 से, आतंकवाद न्यायशास्त्रकश्मीर एकीकरण और आपराधिक न्याय प्रणाली को मजबूत करने के लिए 27 से अधिक महत्वपूर्ण विधायी सुधार लागू किए गए हैं। 
    • ये सुधार सुरक्षा के लिए एक संरचित दृष्टिकोण पर केंद्रित हैं, जिसका उद्देश्य दीर्घकालिक सुरक्षा ढांचा तैयार करना है
  • संपूर्ण सरकार का दृष्टिकोण: संपूर्ण सरकार का दृष्टिकोण अब बहु-एजेंसी समन्वय को संचालित करता है, जिसे विधायी प्रावधानों परिचालन सुदृढ़ीकरण और बजटीय प्रावधानओं द्वारा समर्थन प्रदान किया जाता है
  • प्रमुख कानूनों में संशोधन: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) में संशोधन के माध्यम से भारतीय आपराधिक कानूनों की परिभाषा में आतंकवाद को परिभाषित किया गया है। 
    • ये संशोधन आतंकवादी न्यायशास्त्र को मजबूत करते हुए आतंकवादी समूहों को आर्थिक रूप से रोकने पर ध्यान केंद्रित करते हैं
  • एनआईए को मजबूत बनाना:  राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) का विस्तार और सुदृढ़ीकरण किया गया है , जिसमें प्रौद्योगिकी डेटाबेस बनानेमल्टी-एजेंसी सेंटर (एमएसी) को नया रूप देने और एजेंसियों के बीच खुफिया जानकारी साझा करने की संस्कृति को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
  • नये आपराधिक कानूनों का प्रवर्तन: बेहतर परिणामों हेतु तीन नये आपराधिक कानून लागू किये गये हैं:
    • भारतीय न्याय संहिता।
    • भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता।
    • भारतीय साक्ष्य अधिनियम।
  • तकनीकी हस्तक्षेप: राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU) की स्थापना की गई है। अपराध और अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम (CCTNS) 17,130 पुलिस स्टेशनोंअदालतों जेलों और फोरेंसिक प्रयोगशालाओं को एकीकृत करने के लिए प्रतिबद्ध है।   
    • राज्य स्तरीय पहल अब जांच को फोरेंसिक से अलग करने को प्रोत्साहित करती है, जिससे न्याय प्रणाली को और अधिक बेहतर बनाया जा सके।
  • (MHA) बजट में वृद्धि: 2019 में, MHA बजट रु॰ 1 लाख करोड़ को पार कर गया , और 2025 के लिए, यह बढ़कर  रु॰ 2.33 लाख करोड़ हो गया। यह तीव्र वृद्धि आंतरिक सुरक्षा और आधुनिकीकरण प्रयासों को मजबूत करने में सरकार की प्राथमिकता को दर्शाती है।
  • केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में निवेश: केंद्रीय अर्धसैनिक बलों पर व्यय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो 2013-14 में 38,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में ₹97,000 करोड़ हो गया है।

रणनीतिक सुधारों का प्रभाव:

  • कश्मीर
    • हिंसा में कमी: विभिन्न प्रयासों के तहत हिंसा में उल्लेखनीय कमी आई है, तथा पत्थरबाजी की घटनाओं में भी काफी कमी आई है।
    • अनुच्छेद 370 का कमजोर होना: 2019 में अनुच्छेद 370 का कमजोर होना , जिसने जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा दिया था, क्षेत्र में एकीकरण और स्थिरता के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम था।
  • पूर्वोत्तर क्षेत्र:
    • शांति समझौते: पूर्वोत्तर में सम्पन्न विभिन्न शांति समझौतों से उग्रवाद कमजोर हुआ है, जिससे क्षेत्रीय राजनीतिक स्थिरता को बढ़ावा मिला है।
    • उग्रवाद में कमी: यदि कुछ घटनाओं के इतर देखा जाये तो कहा जा सकता है कि अब पूर्वोत्तर में समग्र उग्रवाद काफी हद तक कमजोर हो गया है, जिससे क्षेत्र में शासन और कानून प्रवर्तन में सुधार हुआ है। 
  • नक्सल प्रभावित क्षेत्र: सुरक्षा और विकास की दोहरी रणनीति: नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास दोनों पर ध्यान केंद्रित करने वाली दोहरी रणनीति अपनाई गई है।

निष्कर्ष:

हालांकि गृह मंत्रालय एक संकट-प्रतिक्रिया निकाय से एक संरचित, सक्रिय संस्था के रूप में विकसित हुआ है। प्रतिक्रियावादी हस्तक्षेपों से रणनीतिक सुधारों की ओर बढ़ते हुए, इसने भारत की आंतरिक सुरक्षा संरचना को मजबूत किया है और भविष्य के लिए तैयार एक मजबूत शासन ढांचे का निर्माण किया है।

मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न: भारत के गृह मंत्रालय (MHA) के संकट-प्रतिक्रिया संस्थान से संरचनात्मक सुरक्षा सुधारों पर केंद्रित एक सक्रिय निकाय के रूप में विकास की जांच करें। इस बदलाव ने भारत में आंतरिक सुरक्षा और शासन को कैसे प्रभावित किया है?

(15 अंक, 250 शब्द)

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