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Lokesh Pal
March 04, 2025 05:00
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“किसी बच्चे को अपनी शिक्षा तक सीमित मत रखें, क्योंकि वह किसी और समय में पैदा हुआ है।” -रवींद्रनाथ टैगोर
वर्तमान समय में भारतीय शहरों में गंभीर प्रदूषण, खराब बुनियादी ढाँचे और अपर्याप्त सार्वजनिक सेवाओं का सामना करना पड़ रहा है। आवश्यक उपायों के बिना, शहरों के निवास योग्य न रहने और असुरक्षित होने का खतरा है।
स्पष्ट है कि भारत का शहरी भविष्य महत्त्वपूर्ण सुधारों और विश्वस्तरीय बुनियादी ढाँचे पर निर्भर करता है, जिससे शहरों को रहने योग्य, सतत और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके।
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