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भारत में भोजन की बर्बादी का मुद्दा

Lokesh Pal April 09, 2024 05:15 180 0

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: सतत विकास लक्ष्य

मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: भारत में पोषण संकट

संदर्भ:

हाल ही में, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम द्वारा खाद्य अपशिष्ट सूचकांक 2024 (Food Waste Index, 2024) प्रकाशित किया गया था।

भोजन की बर्बादी की वर्तमान स्थिति:

  • भोजन की बर्बादी: गौरतलब है कि विश्व भर में प्रति दिन 1 अरब की मात्रा में भोजन बर्बाद हो जाता है। 
    • तथ्य है कि वर्ष 2022 के दौरान कुल उपलब्ध भोजन का तकरीबन 19% भाग बर्बाद हो गया था।
    • वैश्विक स्तर पर तकरीबन 80 करोड़ लोग प्रति दिन भूखे सोते हैं।
  • भोजन की बर्बादी का प्रभाव: भोजन की बर्बादी पर्यावरणीय ह्रास, जलवायु परिवर्तन और आर्थिक नुकसान में योगदान करती है।

भारत में भोजन की बर्बादी

  • भोजन की बर्बादी संबंधी डेटा: भारतीय घरों में प्रत्येक वर्ष तकरीबन 78 मिलियन की मात्रा में भोजन बर्बाद हो जाता है I
  • भोजन की बर्बादी में भारत का स्थान: वैश्विक भूख सूचकांक में भारत 125 देशों की श्रेणीं में 111वें स्थान पर है I
  • भारत में प्रति वर्ष जितना भोजन बर्बाद हो जाता है, उससे बिहार राज्य के लोगों की एक वर्ष के लिये भूख मिटाई जा सकती है I
  • भोजन की बर्बादी के कारण: भारत में भोजन की बर्बादी एक जटिल मुद्दा है जिसमें विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक कारक शामिल हैं I

विकासशील देशों में भोजन की बर्बादी

  • विकासशील देशों में भोजन की बर्बादी अधिक जटिल समस्या के रूप में है I
  • भोजन की बर्बादी के कारण: FAO की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत जैसे विकासशील देशों में भोजन की बर्बादी फसल कटाई चरण, खराब भंडारण या लॉजिस्टिक चरण से ही शुरू हो जाती हैं।
    •  इससे 40% तक भोजन की बर्बादी होती है I
  • बुनियादी ढाँचे की कमी: उचित बुनियादी ढाँचे, कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं और परिवहन नेटवर्क की कमी खाद्य हानि में योगदान करती है I
  • सीमित संसाधन: विकासशील देशों में छोटे किसानों को सीमित संसाधनों और बाजार पहुँच के कारण भोजन की बर्बादी का विशेष खतरा रहता है।

घरेलू स्तर पर भोजन की बर्बादी का कारण:

  • सांस्कृतिक कारक: कई जगहों पर भरी हुई थाली को समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
  • अतिरिक्त भोजन का ऑर्डर: ज़ोमैटो और स्विगी जैसे ऐप्स के माध्यम से किए जाने वाले भोजन के ऑर्डर में वृद्धि पायी गई है।
  • भोजन योजना संबंधी कमी : खराब भोजन योजना और आवेगपूर्ण खरीदारी के कारण हुई अधिक खरीदारी से भोजन खराब होता हैऔर उसकी बर्बादी होती है।

सामाजिक समारोहों में भोजन की बर्बादी:

  • विवाह जैसे सामाजिक समारोहों में भोजन की बर्बादी एक बड़ी चुनौती है।
  • स्टेटस सिंबल: कई बार लोग दिखावे के लिए भी अलग-अलग प्रकार के भोजन बनावाते हैं जबकि उनकी खपत बहुत कम होती है और बाकी भोजन को ऐसे ही फेंक दिया जाता है।
  • सामाजिक दबाव: भरपूर भोजन परोसने का सामाजिक दबाव और भोजन के कम पड़ने का भय जैसे कारक भोजन को अधिक से अधिक तैयार करने की दिशा में योगदान देते है।
  • अपर्याप्त योजना: कार्यक्रम आयोजकों, कैटरर्स और मेहमानों के मध्य उचित योजना और समन्वय की कमी के कारण भोजन की बर्बादी होती है। 
  • भव्य और फिजूलखर्ची वाली शादियों के चलन के कारण भी भोजन की बर्बादी संबंधी समस्या में वृद्धि आई है।

भोजन की बर्बादी के प्रभाव

  • खाद्य सुरक्षा को खतरा I
  • यह वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 8-10%  के वृद्धि का कारक है I
  • इससे 100 मिलियन स्विमिंग पूल के बराबर जल की बर्बादी होती है।
  • विश्व अर्थव्यवस्था को प्रति वर्ष 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान होता है।

शहरी-ग्रामीण विभाजन और जलवायु परिवर्तन:

  • शहरी क्षेत्रों में अधिक भोजन बर्बाद होता है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में कम भोजन की बर्बादी होती है क्योंकि बचा हुआ भोजन जानवरों को खिला दिया जाता है।
  • जलवायु परिवर्तन का प्रभाव: जलवायु परिवर्तन के कारण बार-बार पड़ने वाले सूखे या अकाल की स्थिति की वजह से अधिक तापमान वाले देशों में भोजन की बर्बादी अधिक स्पष्ट रूप से देखने को मिलती है।
    • जलवायु परिवर्तन फसल की पैदावार को प्रभावित करके आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान उत्पन्न करती है जिससे भोजन की गुणवत्ता प्रभावित होती है जो भोजन की बर्बादी में बढ़ोतरी का कारक है।
  • शहरी जीवनशैली का मुद्दा: बाहर खाना खाने वाली और व्यस्त दिनचर्या वाली शहरी जीवनशैली भोजन की बर्बादी में अधिक योगदान करती है।
  • ग्रामीण समुदायों की पारंपरिक प्रथाएँ: ग्रामीण समुदायों में सामान्यतः पारंपरिक खाद्य संरक्षण जैसे अभ्यासों का पालन और बचे हुए भोजन का उपयोग किया जाता है।

आगे की राह:

  • कटौती लक्ष्य निर्धारित करना: इससे निबटने हेतु भोजन बर्बादी की समस्या को प्राथमिकता देना और राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर स्पष्ट कटौती लक्ष्य निर्धारित करना आवश्यक है।
  • सतत प्रथाओं को बढ़ावा देना: शिक्षा और जागरूकता अभियानों के माध्यम से स्थायी खाद्य उत्पादन और खपत को बढ़ावा देना जरुरी है ।

निष्कर्ष: भोजन की बर्बादी को बचाने के लिए दान और पुनर्वितरण कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करना जरुरी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अतिरिक्त भोजन जरूरतमंदों तक पहुँच सके। इसके साथ ही खाद का निर्माण करने एवं अपशिष्ट से ऊर्जा समाधान सहित प्रभावी खाद्य अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली को लागू किया जाना भी जरुरी है।

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